नई दिल्ली। (आवाज न्यूज ब्यूरो) केंद्र की मोदी सरकार ने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए बजट पेश कर दिया हैं। जिसमें किसान, नौजवान, दलित-आदिवासी महिलाओं, मिडिल क्लास को बड़ी राहत दी गई है। इस पर अब नेताओं की प्रतिक्रियाएं सामने आ रही है। इस कड़ी में कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष व लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी का भी बयान सामने आया हैं। उन्होंने बजट को लेकर केंद्र सरकार पर जमकर हमला बोला हैं।
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का दूसरा पूर्णकालिक बजट पेश कर दिया हैं। जहां एक ओर भारतीय जनता पार्टी और उसके सहयोगी दलों के नेता बजट की तारीख कर इसे लोक कल्याणकारी बता रहे है तो वहीं दूसरी तरफ विपक्ष के नेता इसकी आलोचना कर सरकार पर हमला बोल रहे हैं। इसी कड़ी में कांग्रेस सांसद राहुल गांधी का बड़ा बयान सामने आया हैं।
कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष ने बजट को गोली के घाव पर ‘मरहम पट्टी’ बताया है। राहुल ने कहा कि आर्थिक संकट को हल करने के लिए प्रतिमान बदलाव की आवश्यकता है। उन्होंने अपने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर पोस्ट कर लिखा- गोली के घाव पर मरहम पट्टी’,वैश्विक अनिश्चितता के बीच, हमारे आर्थिक संकट को हल करने के लिए प्रतिमान बदलाव की आवश्यकता थी, लेकिन यह सरकार विचारों के मामले में दिवालिया हो चुकी है।
वहीं कांग्रेस के वर्तमान राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि एक मुहावरा इस बजट पर बिलकुल सटीक बैठता है- नौ सौ चूहे खाकर बिल्ली हज को चली ! पिछले 10 वर्षों में मोदी सरकार ने मिडिल क्लास से रु 54.18 लाख करोड़ का इनकम टेक्स वसूला है, और अब वह 12 लाख तक का जो एक्जेम्शन दे रहें हैं, उसके हिसाब से वित्त मंत्री खुद कह रहीं हैं कि साल में रु 80,000 की बचत होगी। यानि हर महीने मात्र रु 6,666 की ! पूरा देश महँगाई और बेरोज़गारी की समस्या से जूझ रहा है, पर मोदी सरकार झूठी तारीफ़े बटोरने पर उतारू है। इस “घोषणावीर” बजट में अपनी खामियां छिपाने के लिए मेक इन इंडिया को नेशनल मेनीफेक्चिरिंग मिशन बना दिया गया है।
आपको बता दें कि 1 फरवरी शनिवार को वित्त वर्ष 2025-26 का बजट पेश करते हुए केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कई बड़ी घोषणाएं की है। खासकर मिडिल क्लास वर्ग के लिए। सरकार ने 12 लाख रुपये कमाई तक इनकम टैक्स छूट देने का ऐलान किया है। साथ ही किसान, नौजवान दलित-आदिवासी महिलाओं का भी ध्यान रखा हैं। इसके अलावा बजट से चुनावी राज्यों दिल्ली, बिहार और असम को भी साधने की कोशिश की गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहले ही कह दिया था कि यह ‘ज्ञान’ का बजट यानी गरीब, युवा, किसान और नारी-शक्ति का बजट होगा।
