फर्रुखाबाद। (आवाज न्यूज ब्यूरो) एक मुद्दत से अपने काम पे हूं जैसे जिंदा ही तेरे नाम से हूं इश्क का आखिरी मकाम है मौत और मैं आखिरी मकाम पर हूं, रुबीना अय्याज ने शेर पढ़कर मुशायरे की शुरूआत की।
शहर के मोहल्ला शमशेर खानी ग्राउंड पर एक शाम रहीस के नाम मुशायरा व कवि सम्मेलन का आयोजन हुआ।श्रम विभाग के नोडल अधिकारी सैय्यद रिजवान अली, सैयद शाह फसीह मुजीबी ने मुशायरे व कवि सम्मेलन की शुरुआत शमां रोशन कर की। शायर डा. आसिम मकनपुरी ने कलाम पड़ा, खामिया मेरी दिखाता था मुझे मैंने आईना ही पलट कर रख दिया। संचालक हिलाल बदायूंनी ने शेर पढ़ा,पहले मुझ पर बिलीव कर लेना फिर मोहब्बत अचीव कर लेना शाम को तुझसे बात करनी है फोन मेरा रिसीव कर लेना। शायरा आयशा खुशनसीब ने मैं खुशनसीब हूं मैं हिंदुस्तानी हूं गीत पढ़ लोगों का दिल जीता।जमाल हसनपुरी ने पढ़ा,आ गया चांद मेरा आज मेरी महफिल में, अब चिरागों को जलाने की जरूरत क्या है।सलमान जफर ने पढ़ा,नाराज पड़ोसी मेरे जनाजे में आ गया सिलवट एक और मेरे कफन से निकल गई।वकार फराजी ने पढ़ा, भूल जाने की तुझे जब भी कसम खाई है बेवफा मुझको और भी तेरी याद आई है तूने क्यों मुझको सताने की कसम खाई है। राम मोहन शुक्ला ने रचना पढ़ी,ऐसे इतराया न करो इतना इत्र भी न लगाया करो गली तक महक जाती है, ऐसे चक्कर न लगाया करो। अभीश्रेष्ठ तिवारी ने रचना पढ़ी,लखनवी हो के सलीके के नहीं होते हैं, सब अरब वाले मदीने के नहीं होते हैं। मशकूर ममनून ने पढ़ा,दूसरा उसको मिल गया कोई आखिरी आदमी नहीं थे। हास्य कवि नौशाद अंगड ने रचना पढ़ी, ऐसा किया मजाक मेरी जिंदगी के साथ, छोटी दिखाकर फेरे बड़ी के साथ अल्लाह किस गुनाह की सजा मुझको मिली, कैसे कटेगी उम्र डोकरी के साथ। दिलीप कश्यप कलमकार ने पढ़ा, सोच लिया था भगत सिंह ने अब तो कुछ करना होगा मातृभूमि की बलिवेदी पर काट शीश धरना होगा।
कवयित्री स्मृति अग्निहोत्री ने रचना पढ़ी,विस्मरण कदापि न उनका हो
लहू, ऋणी भारत जिनका
उस आंचल का सम्मान रहे।
उपकार मणि ने रचना पढ़ी,न बढ़ी जब प्यास होंठो पे तो हम भी जाम तक पहुंचे,जब अपना नाम भूले तब तुम्हारे नाम तक पहुंचे।इसके अलावा कई अन्य शायरों व कवियों ने समां बांधा।मुख्य अतिथि पूर्व ब्लाक प्रमुख राशिद जमाल सिद्दीकी, सदारत श्रम विभाग नोडल अधिकारी सैय्यद रिजवान अली ने की। मुशायरा कन्वीनर फुरकान अहमद सभासद, सहसंयोजक हाजी असलम अंसारी सभासद, इजहार खान,मुशायरा संरक्षक अजय प्रताप सिंह, फैसल रईस, आफाक खान, शकील खान, आरिफ खान, शरजील पाशा, दानिश मिर्जा, असगर हुसैन, अराफात खान, शाहरुख खान, फैजान खान, पुष्पेंद्र भदौरिया, सगीर अहमद एडवोकेट, रफी अहमद, मुख्तार अहमद टेनी, खुर्शीद अहमद, हाजी बिलाल अहमद आदि रहे।