महाकुभं में लापरवाही पर भड़के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती महाराज : 144 साल की बात झूठी

‘‘12 साल पहले पता था, फिर भी कोई तैयारी नहीं’’
लखनऊ। (आवाज न्यूज ब्यूरो) 
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के ‘मृत्यु कुंभ’ वाले बयान को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है। इस पर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती महाराज ने अपनी कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने राज्य सरकार और प्रशासन पर भारी कुप्रबंधन का आरोप लगाते हुए कहा कि जो भी हो रहा है, वह जनता के साथ अन्याय है।
300 किलोमीटर लंबा ट्रैफिक जाम
शंकराचार्य ने कहा कि कुंभ मेले में 300 किलोमीटर लंबा ट्रैफिक जाम देखने को मिला, जिससे हजारों श्रद्धालुओं को परेशानी झेलनी पड़ी। उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा, “अगर यह कुप्रबंधन नहीं है, तो और क्या है?” लोगों को अपना सामान उठाकर 25-30 किलोमीटर पैदल चलना पड़ा। यह सरकार की अव्यवस्था और लापरवाही को दर्शाता है।
गंदे पानी में स्नान करने को मजबूर श्रद्धालु
शंकराचार्य महाराज ने यह भी कहा कि नहाने के लिए जो पानी लाया गया था, वह सीवेज के पानी में मिला हुआ था। वैज्ञानिकों ने भी इसे स्नान के योग्य नहीं माना। उन्होंने सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा, “आप करोड़ों लोगों को इसमें नहाने के लिए मजबूर कर रहे हैं, जबकि आपका काम था कि नालों को कुछ दिनों के लिए बंद किया जाए या फिर उन्हें किसी और दिशा में मोड़ा जाए, ताकि श्रद्धालुओं को शुद्ध जल में स्नान करने का अवसर मिले।” उन्होंने यह भी कहा कि सरकार को 12 साल पहले ही पता था कि कुंभ मेला फिर से आएगा, लेकिन इसके बावजूद कोई ठोस योजना नहीं बनाई गई। अगर पहले से ही इतनी भीड़ आने की संभावना थी, तो इसके लिए सही तरीके से प्रबंधन किया जाना चाहिए था। शंकराचार्य महाराज ने यह भी आरोप लगाया कि सरकार झूठे प्रचार में लगी हुई है। उन्होंने कहा, “144 साल की बात ही झूठी है। भीड़ प्रबंधन और आतिथ्य सिद्धांतों का पालन नहीं किया गया। सरकार ने लोगों को सुविधा देने की बजाय भ्रम फैलाया।”
शंकराचार्य महाराज ने प्रशासन पर यह भी आरोप लगाया कि जब कुंभ में लोगों की मौत हुई, तो सरकार ने इसे छिपाने की कोशिश की। उन्होंने इसे गंभीर अपराध करार दिया और कहा कि ऐसे हालात में अगर कोई इस घटना को किसी नाम से पुकारता है, तो इसका विरोध करना मुश्किल होगा। इस पूरे मामले में शंकराचार्य महाराज ने साफ कहा कि सरकार की नाकामी की वजह से ही श्रद्धालुओं को इतनी परेशानी झेलनी पड़ी। उन्होंने यह भी कहा कि अगर सही योजना बनाई जाती, तो ऐसी स्थिति पैदा ही नहीं होती। अब सरकार को अपनी गलतियों को स्वीकार कर सुधार करना चाहिए।

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