महाकुंभ में 33 करोड़ महिलाएं आईं पर एक भी अपराधिक घटना नहीं हुई : सीएम योगी

लखनऊ।(आवाज न्यूज ब्यूरो) बजट सत्र में बोलते हुए सीएम योगी ने सपा पर हमला करते हुए कहा कि आप भारत की आस्था के साथ खिलवाड़ करते हैं। आपने कहा कि हमारी सोच सांप्रदायिक है लेकिन आप हमें बताएं कि हम कैसे सांप्रदायिक हो सकते हैं?
हम सबका साथ, सबका विकास की बात करते हैं। 45 दिनों के आयोजन ने भारत की विरासत और विकास की एक अनुपम छाप न केवल भारत बल्कि पूरी दुनिया में छोड़ी है। महाकुंभ का आयोजन हमारे लिए अग्निपरीक्षा थी। इसमें केंद्र और राज्य सरकारें खरी उतरीं। महाकुंभ 33 करोड़ महिलाएं आईं पर एक भी अपराधिक घटना नहीं हुई। इस कार्यक्रम के सफल आयोजन की गूंज दुनिया में लंबे समय तक सुनाई देगी। ये हमारे सनातन धर्म के लिए गौरव की बात है। ये सिर्फ आध्यात्मिक उपलब्धि नहीं है बल्कि इस आयोजन से हमारी अर्थव्यवस्था को साढ़े तीन लाख करोड़ का लाभ होने की उम्मीद है।
विधानसभा में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ
-देश का सबसे बड़ा राज्य, सबसे अधिक संसाधन होने के बावजूद 1950 से 2017 तक प्रदेश की जीएसडीपी 12.75 लाख करोड़ तक पहुँच सकी।
-2017 में जनता ने प्रधानमंत्री मोदीजी की नीतियों पर विश्वास जताया और आज 08 वर्षों में प्रदेश की जीएसडीपी दोगुना से अधिक होकर 2024-25 में 27.51 लाख करोड़ होने जा रही है।
-देश की जीडीपी में 9.2 फीसदी हिस्सेदारी के साथ उत्तर प्रदेश, देश के अंदर दूसरे स्थान पर है।
-वर्ष 2023-2024 में भारत देश की जीडीपी की वृद्धि दर 9.6 प्रतिशत है, जबकि उत्तर प्रदेश की वृद्धि दर 11.6 प्रतिशत रही है।
सदन में सीएम योगी
-उत्तर प्रदेश डिजिटल क्रांति का सर्वश्रेष्ठ उदहारण बन कर उभरा है।
-2017-18 में 122.84 करोड़ डिजिटल ट्रांजैक्शन
-2024-25 में दिसम्बर 2024 तक 1024.41 करोड़ डिजिटल ट्रांजैक्शन
-यूपी डिजिटल लेनदेन अपनाने में नंबर एक है। आधे से अधिक लेन देन यूपीआई से हुए।
-इसकी वजह डिजिटल बैंकिंग की आसान पहुंच, गांवों तक इंटरनेट, वित्तीय जागरूकता और उपकरणों की पर्याप्त संख्या है।

  • बैंकों की 20416 शाखाओं, 4,00,932 बैंक मित्र एवं बीसी सखी,18 ,747 एटीएम तथा 4,40,095 बैंकिंग केन्द्रों के माध्यम से बैंकिंग सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं।
    -महिला स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से सीडलिंग का उत्पादन किया जा रहा है, जिससे लगभग 60 हजार महिलाओं को रोजगार मिला है।
    -कृषि विभाग की स्थापना के 150 वर्ष को बीज वर्ष के रूप में मनाया जाएगा।
  • लखनऊ में 251 करोड़ की लागत से चौधरी चरण सिंह जी के सम्मान में एक सीड पार्क की स्थापना करने जा रहे हैं।
    -अन्नदता किसानों के लिए एक नई योजना लेकर आये हैं। कृषि मण्डी में माता शबरी के नाम पर कैण्टीन और विश्रामालय स्थापित किया जाएगा।
    16 हजार मामलों में ऋण स्वीकृत
    सदन में सीएम ने कहा कि बीसी सखी योजना के अन्तर्गत 39,556 बीसी द्वारा 31,103 करोड़ रुपये से अधिक का वित्तीय लेन-देन किया गया व 84.38 करोड़ रुपये का लाभांश अर्जित किया है। लखपति महिला योजना के अन्तर्गत 31 लाख से अधिक दीदियों को चिन्हित किया गया है तथा 02 लाख से अधिक महिलाएं लखपति की श्रेणी में आ चुकी हैं। 24 जनवरी को मुख्यमंत्री युवा उद्यमी विकास अभियान शुरू किया। अब तक 96 हजार युवाओं ने आवेदन किया, जिसमें से 76 हजार आवेदन बैंकों को प्रेषित करते हुए 16 हजार मामलों में ऋण स्वीकृत हो चुका है। अब तक 06 हजार ऋण वितरित किए जा चुके हैं।
    जो कोई नहीं कर सकता, वह भारत ने करके दिखाया
    मुख्यमंत्री ने कहा कि देश के सबसे प्रतिष्ठित एक पत्रकार ने अपनी टिप्पणी में कहा कि महाकुम्भ का आयोजन इतने बड़े पैमाने पर करना एक बड़ी हिम्मत का काम था और यह हिम्मत उत्तर प्रदेश सरकार ने दिखाई। यह आयोजन कितना सफल हुआ यह चमत्कार से कम नहीं। जब करोड़ों लोग एक साथ एक जगह पर आते हैं तो रिस्क होता है, महाकुम्भ के इस महा आयोजन ने यह साबित कर दिया है की यदि इच्छा शक्ति हो तो 66 करोड लोगों को मैनेज किया जा सकता है। टेक्नोलॉजी का ठीक से इस्तेमाल किया जाए तो सिक्योरिटी प्रोवाइड की जा सकती है। कम्युनिकेशन स्किल हो तो करोड़ों लोगों के आने-जाने का इंतजाम हो सकता है। लोगों का सहयोग मिले तो रोज लाखों लोगों के खाने का इंतजाम किया जा सकता है। हमेशा डराने वाली पुलिस का व्यवहार दोस्ताना हो सकता है। हजारों धर्मगुरु और साधु संतों का मान रखा जा सकता है। गरीब और अमीर को बिना किसी भेदभाव के संगम में डुबकी का अवसर दिया जा सकता है। अगर बिजनेस की कुशलता हो तो 7.3 हजार करोड़ खर्च करके 3 लाख करोड़ से ज्यादा का लाभ हासिल किया जा सकता है। अफवाहों के बावजूद कुशल प्रबंधन से लोगों का भरोसा जीता जा सकता है। महाकुम्भ का यह आयोजन एक अग्नि परीक्षा थी। इस परीक्षा में केंद्र राज्य सरकार खरे उतरी है। पूरी दुनिया में सनातन का मान बढ़ा है। पूरी दुनिया में भारत की मैनेजमेंट स्किल, क्षमता और कुशलता के प्रति विश्वास बढ़ा है। पूरी दुनिया ने माना है कि जो कोई नहीं कर सकता है वह भारत ने करके दिखाया है। इस अभूतपूर्व आयोजन की गूंज पूरी दुनिया में वर्षों तक सुनाई देगी। यह भारत में सनातन की सबसे बड़ी उपलब्धि है। सीएम योगी ने कहा कि हमारे कुछ विपक्षी दलों से जुड़े राज्य सरकारों के नेता महाकुम्भ में आए थे, उनमें कर्नाटक के डिप्टी सीएम ने लिखा कि इस पवित्र आयोजन के लिए सभी आयोजकों को धन्यवाद। यह किसी के भी जीवन का एक ऐतिहासिक क्षण है। सरकार ने यहां करोड़ों लोगों के लिए जो व्यवस्था की है वह कोई छोटा काम नहीं है। सरकार ने अच्छा काम किया है। महाकुम्भ का साक्षी बनकर बहुत खुश हूं। यह शानदार आयोजन था।
    आर्थिक रूप से भी सफल रहा महाकुंभ
    मुख्यमंत्री ने महाकुम्भ के आर्थिक पक्ष की भी चर्चा करते हुए कहा कि 2019 में काशी विश्वनाथ धाम और 2020 में राम मंदिर के बाद प्रयागराज महाकुम्भ इसके चरम उत्कर्ष रूप के रूप में देश और दुनिया के सामने आया है। विरासत और विकास के साथ आस्था को आर्थिकी के साथ कैसे जोड़ा जा सकता है, इसके कुछ उदाहरण भी हैं। जिसमें कैट ने स्वयं कहा है कि महाकुम्भ में लगभग 3 लाख करोड़ से ज्यादा का व्यापार हुआ है। महाकुम्भ 2025 प्रदेश की अर्थव्यवस्था को साढे तीन लाख करोड रुपए के लाभ का अनुमान है और प्रयागराज और आसपास के जनपदों को इसका प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष लाभ प्राप्त हुआ है। भारत के मुख्य आर्थिक सलाहकार वी अनंत नागेश्वर ने भी कहा है कि महाकुम्भ के कारण उपभोग खर्च में तेज बढ़ोतरी की उम्मीद है। इससे चालू वित्त वर्ष में भारत को 6.5 की विकास दर हासिल करने में मदद मिलेगी। इस मामले में जो विभिन्न प्रकार के अनुमान लगाए गए हैं उसके अनुसार होटल उद्योग में 40000 करोड़ का, खाने-पीने और दैनिक उपयोग की चीजों में 33000 करोड़ का, परिवहन में 1.5 लाख करोड़ का, पूजन सामग्री में 20000 करोड़ का, दान आदि में 660 करोड़ का, टोल टैक्स में 300 करोड़ का और अन्य में लगभग 66000 करोड़ का कुल 3 लाख 960 करोड रुपए की आर्थिक समृद्धि प्रदेश को प्राप्त होने वाली है।
    बताई नाविक परिवार की सक्सेस स्टोरी
    मुख्यमंत्री ने कहा कि 5 नए आस्था के कॉरिडोर प्रयागराज महाकुम्भ में बने हैं और उसका लाभ पूरे प्रदेश में मिला और इन पांच कॉरिडोर में प्रयागराज से मां विंध्यवासिनी धाम और काशी के लिए एक, प्रयागराज से अयोध्या और गोरखपुर के लिए दो, प्रयागराज से श्रंग्वेरपुर और लखनऊ-नैमिषारण्य के लिए तीन, प्रयागराज से लालापुर, राजापुर और चित्रकूट का चौथा और प्रयागराज से मथुरा-वृंदावन और शुकतीर्थ का पांचवां कॉरिडोर है, जहां बड़ी संख्या में श्रद्धालु जुटे थे। उन्होंने कहा कि नाविकों के शोषण को लेकर भी आपने चर्चा की। आपका कहना है कि हमने उनकी देखभाल नहीं की। मैं एक नाविक परिवार की एक सक्सेस स्टोरी यहां बता रहा हूं। एक नाविक परिवार जिनके पास 130 नौकाएं थीं, 45 दिनों की अवधि में इन लोगों ने शुद्ध बचत की है 30 करोड रुपए की। यानी एक नाव ने 45 दिनों में 23 लाख रुपए की कमाई की है। प्रतिदिन की अगर आप उनकी बचत देखेंगे तो यह लगभग 50 से लेकर 52000 तक की इनकम की है। प्रयागराज में नाविकों के लिए भी हमने पैकेज की घोषणा की है।

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