दुनिया के सबसे खुशहाल देशों की आई रिपोर्ट, पाकिस्तान से पीछे रह गया भारत

नई दिल्ली।(आवाज न्यूज ब्यूरो) दुनिया में हर किसी का सपना होता है खुशहाल जिंदगी जीने का, लेकिन क्या आपको पता है कि दुनिया के सबसे खुशहाल देश कौन से हैं? हाल ही में संयुक्त राष्ट्र ने ’इंटरनेशनल डे ऑफ हैप्पीनेस’ के मौके पर वर्ल्ड हैप्पीनेस रिपोर्ट 2025 जारी की है। इस रिपोर्ट में 147 देशों को शामिल किया गया है, और इन देशों की रैंकिंग जीवन की गुणवत्ता के आधार पर तय की गई है।
कौन से देश हैं टॉप-5?
इस बार की रिपोर्ट में फिनलैंड ने एक बार फिर अपनी टॉप पोजीशन बरकरार रखी है। यानी फिनलैंड के लोग सबसे खुशहाल माने गए हैं। यह लगातार आठवां साल है जब फिनलैंड ने यह मुकाम हासिल किया है। फिनलैंड में जीवन स्तर बहुत ऊंचा है, यहां के लोग अपनी जिंदगी को खुशहाल मानते हैं, और सरकार द्वारा की गई विभिन्न नीतियां भी यहां के लोगों की खुशहाली में योगदान देती हैं।
दुनिया के सबसे खुशहाल देश
फिनलैंड : फिनलैंड का नाम सबसे पहले आता है, जो लगातार आठवें साल इस स्थान पर बना हुआ है। यहां की प्राकृतिक सुंदरता, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार, और लोगों की सामान्य जीवनशैली ने इस देश को यह रैंकिंग दिलाई है।
डेनमार्क : डेनमार्क दूसरे स्थान पर है। यहां की जीवनशैली, समाजिक सुरक्षा, और नागरिकों के बीच मजबूत संबंध इस देश को खुशहाल बनाते हैं।
आइसलैंड : तीसरे स्थान पर है आइसलैंड, जो अपनी शांतिपूर्ण वातावरण, स्वास्थ्य सेवाओं और जीवन की सरलता के लिए जाना जाता है।
स्वीडन : स्वीडन ने भी अपनी जगह को बनाए रखा है। यहां का समाजिक कल्याण, कार्य-सपमि बैलेंस और शिक्षा की गुणवत्ता इसे एक खुशहाल देश बनाती है।
नीदरलैंड : नीदरलैंड पांचवे स्थान पर है। यहां का उच्च जीवन स्तर, हर किसी के लिए समान अवसर और नागरिकों की खुशहाली को सबसे ऊपर रखा गया है।
भारत की स्थिति कैसी है?
अब बात करते हैं भारत की। भारत इस रिपोर्ट में 118वें स्थान पर है। हालांकि यह स्थिति पिछले साल से थोड़ी बेहतर हुई है, क्योंकि 2024 में भारत 126वें स्थान पर था। इस सुधार के बावजूद भारत की स्थिति अभी भी संतोषजनक नहीं मानी जा सकती है। भारतीय नागरिकों के जीवन में बहुत से आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक मुद्दे हैं, जो उनके खुश रहने की दर को प्रभावित करते हैं।
पाकिस्तान की स्थिति भारत से बेहतर
दिलचस्प बात यह है कि पाकिस्तान की रैंकिंग भारत से बेहतर है। पाकिस्तान इस लिस्ट में 109वें स्थान पर है, यानी भारत से 9 पायदान ऊपर। इसके बावजूद दोनों देशों की रैंकिंग बहुत अधिक बेहतर नहीं हैं, लेकिन यह दर्शाता है कि पाकिस्तान के नागरिकों की खुशहाली की दर भारतीय नागरिकों से कुछ बेहतर है।
युद्धग्रस्त देशों का आश्चर्यजनक प्रदर्शन
वर्ल्ड हैप्पीनेस रिपोर्ट में कुछ युद्धग्रस्त देशों की रैंकिंग भी भारत से बेहतर है। इनमें यूक्रेन, फिलिस्तीन, इराक, और ईरान जैसे देश शामिल हैं। इन देशों में राजनीतिक और आर्थिक मुद्दे तो हैं ही, साथ ही ये देश युद्ध जैसी परिस्थितियों का सामना भी कर रहे हैं, फिर भी उनकी रैंकिंग भारत से अच्छी है। यह रिपोर्ट इस बात को साबित करती है कि खुशहाली केवल आर्थिक स्थिरता पर निर्भर नहीं होती, बल्कि समाज में समानता, शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाओं, और नागरिक स्वतंत्रता का भी बहुत बड़ा हाथ होता है।
क्या कारण हैं भारत की खराब रैंकिंग के?
भारत की खुशहाली में कमी का मुख्य कारण यहां के नागरिकों का जीवनस्तर, समाजिक असमानता, और राजनीतिक अस्थिरता है। गरीबी, बेरोजगारी, स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी, और बढ़ती असमानता भारत में खुशी की राह को बाधित करती है। इसके अलावा, भ्रष्टाचार और शिक्षा की गुणवत्ता भी भारतीय नागरिकों के खुश रहने में एक बड़ी रुकावट बनकर उभरी है।

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