प्रयागराज में छात्रों पर लाठीचार्ज मामले में इंस्पेक्टर समेत 6 पुलिसकर्मी सस्पेंड, 2 उपद्रवी भी गिरफ्तार

लखनऊ।(आवाज न्यूज ब्यूरो) प्रयागराज में रेलवे की एनटीपीसी भर्ती परीक्षा के परिणाम में गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए अभ्यर्थियों ने जमकर हंगामा किया था। जहां छात्र नौकरी की मांग को लेकर रेलवे ट्रैक पर पहुंच गए और ट्रेन को रोकने की कोशिश की, जिसके बाद पुलिस ने उन पर लाठीचार्ज कर दिया. रेलवे ट्रैक पर जाम लगाने और उपद्रव करने के मामले में पुलिस ने दो नामजद अभियुक्तों को गिरफ्तार किया है जबकि अनावश्यक बल प्रयोग करने के लिए छह पुलिसकर्मियों को निलंबित किया गया है। पुलिस ने बताया कि गिरफ्तार किए गए अभियुक्तों में प्रदीप यादव और मुकेश यादव शामिल हैं जबकि सोशल मीडिया पर कथित तौर पर भड़काऊ टिप्पणी करने वाले राजेश सचान की तलाश जारी है।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय कुमार ने बुधवार को पुलिस लाइन में संवाददाताओं को बताया कि इस मामले में एक वीडियो भी वायरल किया गया था जिसमें कुछ पुलिसकर्मी अनावश्यक बल प्रयोग करते हुए दिखाई दे रहे थे। उन्होंने बताया कि इस मामले में मीडिया सेल प्रभारी राकेश भारती, एसआई शैलेन्द्र यादव, एसआई कपिल कुमार चहल, आरक्षी मोहम्मद आरिफ, आरक्षी अच्छे लाल और आरक्षी दुर्वेश कुमार को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया है। उन्होंने बताया कि मंगलवार को हुई इस घटना के संबंध में पुलिस ने 1,000 अज्ञात उपद्रवियों के खिलाफ 13 गंभीर धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया है। उन्होंने बताया कि प्रयागराज पुलिस किसी भी निर्दोष व्यक्ति पर कार्रवाई नहीं करेगी।
इस बीच, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने उन इलाकों का दौरा किया जहां हजारों की संख्या में छात्र रहते हैं। उन्होंने छात्रों को सभी मामलों में निष्पक्ष कार्रवाई का भरोसा दिया और उन्हें कानून अपने हाथ में नहीं लेने की अपील की। कुमार ने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि ये उपद्रवी कुछ राजनीतिक दलों से धन लेकर ऐसा कर रहे हैं या फिर इन्हें अशांति पैदा करने के लिए कहा गया है। उन्होंने कहा कि इस पहलू की जांच के लिए 11 लोगों की टीम बनाई गई है और जल्द ही इसका पर्दाफाश होगा।
इस बीच वर्ष 1979-80 में इलाहाबाद विश्वविद्यालय छात्र संघ के अध्यक्ष रहे और वर्तमान में कांग्रेस पार्टी के टिकट पर शहर उत्तरी सीट से विधानसभा चुनाव लड़ रहे अनुग्रह नारायण सिंह ने छात्रों पर पुलिस की कार्रवाई की निंदा की। उन्होंने कहा कि जो नौजवान लोग बेरोजगार हैं, वे अपने हक की मांग कर रहे हैं। उन्होंने कहा, हक की मांग करना गुनाह नहीं है। लाठी के दम पर उन्हें दबाना ठीक नहीं है। लगभग 1.24 लाख छात्रों ने ग्रुप-डी के तहत रेलवे की नौकरियों के लिए मार्च, 2019 से आवेदन कर रखा है। सरकार ने तीन साल से भर्ती लटका रखी है। ऐसे में छात्रों का गुस्सा होना जायज है।
उल्लेखनीय है कि कर्नलगंज थाना अंतर्गत प्रयाग स्टेशन के पास मंगलवार को एक हजार से अधिक की संख्या में छात्र रेलवे ट्रैक पर एकत्र हो गए थे, लेकिन पुलिस ने उन्हें खदेड़ कर भगा दिया था। इस दौरान कुछ छात्रों ने पुलिस बल पर पथराव किया था। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के मुताबिक, ये उपद्रवी आसपास के लॉज में जाकर छिप गए थे। उन्होंने कहा कि पुलिस लॉज में जाकर उन्हें बाहर निकालने का प्रयास कर रही थी और इस दौरान कुछ पुलिसकर्मियों ने अनावश्यक बल का भी प्रयोग किया।
एसएसपी ने बताया कि 25 जनवरी को छात्रों के वेश में करीब 1000 असामाजिक तत्व प्रयाग स्टेशन के पास जमा हो गए थे और कथित तौर पर रेलवे ट्रैक में आग लगा दी थी। मामले में तीन मुख्य आरोपियों में से 2 गिरफ्तार कर लिए गए हैं, वहीं अभी एक की गिरफ्तारी नहीं हुई है। वहीं इस घटना का वीडियो वायरल होते ही विपक्ष के सभी नेताओं ने योगी सरकार को अपने निशाने पर ले लिया। इस मामले में समाजवादी पार्टी और प्रियंका गांधी ने योगी सरकार को जमकर घेरा है। कहा जा रहा है कि छात्रों के खिलाफ इस बर्बर अत्याचार को तुरंत रोका जाना चाहिए। सपा ने ट्वीट कर लिखा कि प्रयागराज में एनटीपीसी के रिजल्ट को लेकर प्रदर्शन कर रहे छात्रों को हटाने के लिए पुलिस द्वारा छोटा बघाड़ा लॉज में घुसकर निर्दोष विद्यार्थियों पर बर्बर लाठीचार्ज घोर निंदनीय। हर कदम पर दमन करने वाली बीजेपी सरकार को युवा पलट देंगे इस बार। युवाओं का इंकलाब होगा 22 में बदलाव होगा।

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