फर्रूखाबाद। (आवाज न्यूज ब्यूरो) कायमगंज विधानसभा क्षेत्र में समाजवादी पार्टी द्वारा डॉ. भीमराव अंबेडकर जयंती के उपलक्ष्य में “स्वाभिमान-स्वमान समारोह“ का आयोजन सोमेंद्र यादव विधानसभा अध्यक्ष की अध्यक्षता में आयोजित किया गया। यह कार्यक्रम विधानसभा कायमगंज के पूर्व प्रत्याशी रहे, प्रदेश सचिव सर्वेश आंबेडकर पूर्व मंत्री के पितौरा स्थित कैंप कार्यालय लाल कोठी पर अयोजित हुआ। सभी ने बाबा साहब अंबेडकर की तस्वीर पर माल्यार्पण कर श्रद्धा सुमन अर्पित कर उन्हें याद किया।
इस अवसर पर सर्वेश आंबेडकर ने संविधान को “संजीवनी“ और “हमारी ढाल“ बताते हुए कहा कि “संविधान बचेगा, तो हक़ बचेगा“। उन्होंने पीडीए (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) समाज के सदस्यों से एकजुट होकर बाबा साहब की धरोहर,संविधान और आरक्षण की रक्षा के लिए आंदोलन को नई ताक़त देने का आह्वान किया, उन्होंने कहा भाजपा बाबा साहब अम्बेडकर के बनाए गए लोकतांत्रिक संविधान को खत्म कर असमानता पर मनुस्मृति लागू करना चाहती है, जिसका परिणाम पीडीए वर्ग के लिए प्राण घातक होगा। उन्होने कहा कि आज के दौर में पीडीए के नायक माननीय अखिलेश यादव जी हैं, उनके नेतृत्व में संविधान और आरक्षण बचाने की लड़ाई लड़ी जा रही है। कार्यक्रम में मिठाई वितरण के साथ “जय भीम, जय अखिलेश“ के नारे लगाए गए। विधानसभा अध्यक्ष सोमेंद्र यादव ने सभी नेता, पदाधिकारियों का आभार व्यक्त करते हुए कहा इसी तरह सभी एकजुटता बनाएं रखें और एक दो लोग जो गुटबाजी करते हैं उन पर ध्यान ना दें।
पार्टी के प्रदेश सचिव मंदीप यादव, पूर्व अध्यक्ष सपा नदीम अहमद फारूकी चेयरमैन शमशाबाद, वरिष्ठ सपा नेत्री मारिया आलम, डॉ हरिओम आर्य, अशोक आंबेडकर, राष्ट्रीय सचिव लोहिया वाहिनी बंटी यादव, बाबा साहब वाहिनी ज़िला अध्यक्ष अमन सूर्यवंशी, इजहार आलम, राजपाल यादव एडवोकेट, अरविंद यादव, अनिल यादव, विकास कुमार दीपू, योगेंद्र यादव, मनोज कोरी, नागेंद्र यादव, बाबा साहब वाहिनी के इंगलेश कुमार, मुन्नालाल कठेरिया, अशोक जाटव, सनीराव जाटव सहित कई प्रमुख नेता और पदाधिकारी पीडीए समाज और दलित वर्ग ख़ासकर जाटव समाज,आदि शामिल थे।
यह समारोह समाजवादी पार्टी द्वारा प्रदेशभर में 8 से 14 अप्रैल तक आयोजित “स्वाभिमान-स्वमान सप्ताह“ का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य बाबा साहब अंबेडकर की विचारधारा को जन-जन तक पहुँचाना और सामाजिक न्याय के प्रति जागरूकता बढ़ाना था। यह आयोजन समाजवादी पार्टी की पीडीए एकता को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो दलित, पिछड़े और अल्पसंख्यक समुदायों के बीच पार्टी की पकड़ को और सुदृढ़ करता है।
