बृजेश चतुर्वेदी
कन्नौज।(आवाज न्यूज ब्यूरो) राज्य सरकार में समाज कल्याण राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार असीम अरुण तिर्वा स्थित राजकीय मेडिकल कॉलेज में डॉ अंबेडकर सम्मान समारोह में शिरकत करने पहुंचे थे। यहां जिले की प्रभारी मंत्री रजनी तिवारी मुख्य मेहमान के रूप में मौजूद थीं। इसके अलावा भाजपा के पूर्व सांसद सुब्रत पाठक, तिर्वा विधायक कैलाश राजपूत, भाजपा जिलाध्यक्ष वीरसिंह भदौरिया समेत कई पदाधिकारी मंच पर थे।
यहां जैसे ही मंत्री असीम अरुण भाषण देने के लिए खड़े हुए, तभी भाजपा के कार्यकर्ताओं ने कुर्सियों पर खड़े होकर उनके विरोध में नारेबाजी शुरू कर दी। हंगामा करते हुए कार्यकर्ता मंच के पास पहुंच गए। जहां मौजूद सुरक्षा कर्मियों और पुलिस कर्मियों ने कार्यकर्ताओं को रोकने का प्रयास किया तो उनके साथ धक्कामुक्की हो गई। जिससे मंच पर बैठे नेताओं का पसीना छूट गया।
विरोध के पीछे का ये है कारण
भाजपा जिला मंत्री अजय वर्मा ने बताया- कन्नौज शहर के एक मोहल्ले की रहने वाली लोधी समाज की लड़की को कुछ समय पहले लुधपुरी मोहल्ला निवासी दलित युवक भगा ले गया था। जिसके खिलाफ पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। ऐसे में इस मामले को लेकर 22 अप्रैल को लड़की के परिजनों ने मंत्री असीम अरुण से कन्नौज स्थित उनके कार्यालय में मुलाकात की थी। यहां लड़की की बरामदगी और आरोपी पर कार्रवाई कराने के लिए गुहार लगाई।
बताया गया कि मंत्री असीम अरुण ने लड़की के परिजनों को डांटते हुए कहा कि हमारा यही काम रह गया क्या ? जिसको लेकर लोधी समाज के लोगों ने मंत्री पर जातिवादी होने के आरोप लगाए। गुरुवार को जब तिर्वा के राजकीय मेडिकल कॉलेज में भाजपा का कार्यक्रम चल रहा था, तो वहां बड़ी तादाद में कार्यकर्ता मौजूद थे।
असीम अरुण के खिलाफ जमकर नारेबाजी
जैसे ही यहां मंत्री असीम अरुण के सम्बोधन की बारी आई तो लोधी समाज के लोग कुर्सियों से खड़े हो गए। मंत्री असीम अरुण के खिलाफ नारेबाजी करने लगे। हंगामे के कारण कार्यक्रम को बीच में समाप्त कर दिया गया।
गुस्साए कार्यकर्ताओं और पुलिस कर्मियों के बीच धक्कामुक्की की स्थिति बन गई। विवाद इतना बढ़ गया कि आयोजकों को कार्यक्रम को बीच में ही समाप्त करना पड़ा। मेडिकल कॉलेज के ऑडिटोरियम में हुई इस घटना ने स्थानीय प्रशासन की चिंताएं बढ़ा दी हैं। दरअसल श्री अरुण के खिलाफ काफी समय से संगठन में अंदर ही अंदर विरोध के स्वर पनप रहे है लग रहा था कि कभी भी कोई छोटी सी घटना बिस्फोटक रूप ले सकती है और वही हुआ भी। मंत्री पर एक जाति विशेष को संरक्षण देने के आरोप काफी समय से लगते रहे है।