अगर जरूरत पड़ी तो वह अपने बेटे के लिए इस्तीफा भी दे सकती हैं : रीता बहुगुणा जोशी
लखनऊ।(आवाज न्यूज ब्यूरो) यूपी विधानसभा चुनाव के लिए चैथे चरण का मतदान बुधवार को होना है। लेकिन इससे ठीक पहले एक ऐसी खबर आई है जो बीजेपी खेमे की टेंशन बढ़ा सकती है। यह खबर एक मुलाकात से जुड़ी हुई है। सपा सुप्रीमों अखिलेश यादव और रीता बहुगुणा जोशी के बेटे मयंक जोशी के बीच मुलाकात हुई है। इस मुलाकात के बाद से राजनीतिक गलियारे में हलचल तेज हो गई है। माना जा रहा है कि इस मुलाकात के बाद मयंक सपा जॉइन कर सकते हैं।
मयंक के सपा में शामिल होने की अफवाहें तब से शुरू हुईं जब बीजेपी ने लखनऊ सेंट्रल विधानसभा से विधायक और मंत्री बृजेश पाठक को लखनऊ कैंट विधानसभा सीट से मैदान में उतारा। मुलाकात की तस्वीर ट्वीट करते हुए अखिलेश यादव ने लिखा, “श्री मयंक जोशी जी से शिष्टाचार भेंट।”
उत्तर प्रदेश में चैथे चरण के मतदान से ठीक एक दिन पहले दोनों नेताओं के बीच बैठक महत्वपूर्ण मानी जा रही है। इस मुलाकात से सपा यह संकेत देने की कोशिश कर रही है कि बीजेपी से कथित तौर पर नाराज ब्राह्मण वोट समाजवादी पार्टी के साथ है। हालांकि मयंक के सपा में जाने से उन्हें कोई फायदा या नुकसान होता नहीं दिखता है। हालांकि सपा इस धारणा को बढ़ावा देने में कामयाब हो सकती है कि ब्राह्मण बीजेपी से नाराज हैं।
मयंक की मां रीता बहुगुणा जोशी इलाहाबाद से बीजेपी सांसद हैं। उन्होंने लखनऊ कैंट से 2017 का विधानसभा चुनाव जीता था, और बाद में, जब वह सांसद बनीं, तो सीट खाली हो गई और यहां से बीजेपी के सुरेश तिवारी विधायक बन गए। लखनऊ छावनी सीट का मुद्दा उस समय चर्चा में आ गया था जब रीता बहुगुणा जोशी ने खुलकर प्रेस में आकर कहा कि उनका बेटा टिकट का “हकदार” है, क्योंकि वह कई वर्षों से पार्टी के लिए कड़ी मेहनत कर रहा है। बीजेपी सांसद ने यहां तक कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो वह अपने बेटे के लिए इस्तीफा भी दे सकती हैं।