लखनऊ।(आवाज न्यूज ब्यूरो) सपा सुप्रीमों अखिलेश यादव और प्रसपा सुप्रीमो के बीच मुलाकात के दौरान गहन राजनैतिक मंथन हुआ। इस दौरान नेता प्रतिपक्ष बनाए जाने को लेकर गहन चर्चा हुई। उम्मीद की जा रही है कि चाचा शिवपाल को नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है।
बताते चलें कि दोनों के बीच करीब घंटे भर चली बातचीत के दौरान चुनाव परिणाम को लेकर चर्चा की गई। माना जा रहा है कि शिवपाल सिंह यादव को विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है। हालांकि समाजवादी पार्टी ने अभी इसकी अधिकृत पुष्टि नहीं की है। सपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजेंद्र चैधरी ने बताया कि 21 को विधायकों की बैठक बुलाई गई है। संभव है कि उसमें इस मुद्दे पर कोई चर्चा हो।
यूपी चुनाव परिणाम पर शिवपाल यादव ने कहा कि माहौल हमारे पक्ष में था। पार्टी में कुछ कमियां रह गई हैं। हम उनका विश्लेषण करेंगे और विचार-विमर्श करेंगे और पार्टी को और मजबूत करेंगे। शिवपाल सिंह यादव जसवंतनगर से विधायक हैं। उन्होंने 90 हजार मतों से जीत दर्ज की। शिवपाल को 158531 मत मिले, जबकि भाजपा प्रत्याशी विवेक शाक्य को सिर्फ 68454 मत। इस तरह शिवपाल 90077 मतों से विजयी रहे। उन्हें 62.89 फीसदी मत मिले। उन्होंने कहा कि हमारे संगठन में कुछ कमियां थीं। हमारे कार्यकर्ता अतिआत्मविश्वास में डूबे हुए थे। इसके अलावा भाजपा ने जो भी चालाकियां की हैं उसका जवाब हमारे कार्यकर्ता नहीं दे पाए। उन्होंने कहा कि वोटर लिस्ट से सपा समर्थकों के वोट काटे गए थे जिससे हमें नुकसान हुआ है। उन्होंने कहा कि भाजपा ने जनता को फ्री राशन और खाते में पैसा देकर अपने पक्ष में माहौल बनाया। हम चुनाव परिणाम की समीक्षा करेंगे और आगे बढ़ेंगे।
इस बीच यह चर्चा हो रही है कि सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव करहल से इस्तीफा दे सकते हैं। ऐसे में यहां उपचुनाव कराए जाने की संभावना है। इसके पीछे तर्क दिया जा रहा है कि आजमगढ़ में सर्वाधिक 10 सीटें मिलने से यहां से वह जुड़े रहेंगे। सपा को मैनपुरी जिले की चार में दो, संभल की चार में तीन, रामपुर में पांच में तीन, मुरादाबाद की छह में पांच सीटें मिली हैं। जबकि आजमगढ़ जिले की सभी 10 विधानसभा सीटें सपा के खाते में आई हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि सपा सुप्रीमो आजमगढ़ से संसद सदस्य के रूप में जुड़े रहेंगे।
