सेंट्रल जेल में बंदियों को खिलाई गई फाइलेरिया की दवा
अभियान
• स्वास्थ्य कर्मी के सामने खाएं फाइलेरिया की दवा
• 1 जून से 6 जून तक चलेगा माप अप राउंड
फर्रुखाबाद। (आवाज न्यूज ब्यूरो) जनपद में 12 मई से फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम चल रहा है। जो 27 मई तक चलेगा। इसके बाद 1 जून से 6 जून तक माप अप राउंड चलाया जाएगा। इस दौरान किसी कारणवश दवा खाने से वंचित रह गए और जिन लोगों ने दवा खाने से मना कर दिया है। उनको इस रोग के बारे में समझा कर दवा खिलाई जाएगी। यह कहना है वेक्टर बोर्न डिजीज के नोडल अधिकारी डॉ यू सी वर्मा का l डॉ वर्मा ने कहा कि इस बीमारी का कोई इलाज नहीं है। इसकी दवा जरूर खाएं l गुरुवार को विकास भवन में मलेरिया इंस्पेक्टर संगीता, सेंट्रल जेल में मलेरिया इंस्पेक्टर नरजीत कटियार और फाइलेरिया निरीक्षक योगेश कुमार के नेतृत्व में उनकी टीम ने विकास भवन में तैनात अधिकारियों, कर्मचारियों और जेल में बंदियों को फाइलेरिया से बचाव की दवा खिलाई l
इस दौरान जिला प्रोबेशन अधिकारी अनिल चंद्र ने दवा खाने के बाद कहा कि जिले के सभी लोग इस दवा का सेवन करें जिससे वह इस रोग से बचे रह सकते हैं l
जिला युवा कल्याण अधिकारी धीरेंद्र सिंह ने दवा खाने के बाद कहा कि इस रोग में शरीर के किसी भी अंग में सूजन आ सकती है और इसका कोई भी इलाज नहीं है इसलिए इसकी रोकथाम के लिए दवा अवश्य खाएं l
जिला मलेरिया अधिकारी के पी दुबे ने बताया हाईड्रोसील हो जाना, हाथी पाँव हो जाना यानी पैरों में सूजन हो जाना , महिलाओ के स्तन में सूजन आ जाना यह सब फ़ाईलेरिया रोग के लक्षण हैं, फ़ाईलेरिया रोग मच्छरों द्वारा फैलता है । खासकर क्यूलैक्स मादा मच्छर के जरिए । जब यह मच्छर किसी फाइलेरिया रोग से ग्रसित व्यक्ति को काटता है तो वह संक्रमित हो जाता है फिर यह मच्छर रात के समय किसी स्वस्थ्य व्यक्ति को काट लेता है तो फाइलेरिया रोग के परजीवी रक्त के जरिए उसके शरीर में प्रवेश कर उसे भी फाइलेरिया रोग से ग्रसित कर देते हैं। ज्यादातर संक्रमण अज्ञात या मौन रहते हैं और लंबे समय बाद इनका पता चलता है। इस बीमारी का कारगर इलाज नहीं है। इसकी रोकथाम ही इसका समाधान है। फाइलेरिया के लक्षण नहीं दिखने पर भी इस दवा का सेवन करना जरूरी है।
डीएमओ ने बताया कि 2 वर्ष की आयु से ऊपर के लोगों को फाइलेरिया की दी जायेगी। दवा खाली पेट नहीं खाना है। उन्होंने स्पष्ट किया कि बीमार, गर्भवती और दो वर्ष से कम आयु के बच्चों को फाइलेरिया की दवा नहीं खानी है।
डीएमओ ने कहा कि अभियान के दौरान अभी तक जिले के लगभग 14 लाख लोगों ने दवा का सेवन कर लिया है l
फाइलेरिया के लक्षण :
-सामान्यतः तो इसके कोई लक्षण स्पष्ट रूप से दिखाई नहीं देते हैं।
-बुखार, बदन में खुजली तथा पुरुषों के जननांग और उसके आस-पास दर्द और सूजन की समस्या दिखाई देती है।
-पैरों व हाथों में सूजन, हाथी पाँव और हाइड्रोसिल के रूप में भी यह समस्या सामने आती है।
फाइलेरिया से बचाव :
*मच्छरो से बचने के लिए मच्छर दानी का प्रयोग करें
*घर के आस-पास कूडे को इकठ्ठा न होने दें, कूडेदान का प्रयोग करे
*आसपास पानी न जमा होने दे
*गन्दे पानी में केरोसिन भी डाल दे
*चोट या घाव वाले स्थान को हमेशा साफ़ रखे
*पूरी बाजू का कपड़ा पहने
इस दौरान सेंट्रल जेल में तैनात डॉ नीरज कुमार मौजूद रहे l