बृजेश चतुर्वेदी
गुरसहायगंज।(आवाज न्यूज ब्यूरो) अतिक्रमण हटाओ अभियान के दौरान बुलडोजर से उखाड़े गए लोहे के जाल और तख्त उठाने पर रविवार रात बवाल हो गया। नगर पालिका के सफाई कर्मियों और दुकानदारों के बीच तीखा विवाद हुआ। सफाई कर्मियों ने भाजपा नेता के दो भाइयों को पीट दिया। गुस्साए व्यापारियों ने तिर्वा रोड पर जाम लगा दिया और प्रदर्शन किया। पुलिस ने चार सफाई कर्मियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की है।
पिछले कई दिनों से नगर में अतिक्रमण हटाओ अभियान चल रहा है। इस दौरान दुकानों के बाहर नालियों और फुटपाथ पर लगे लोहे के जाल, लकड़ी के तख्त और मेज हटा दिए गए थे। शनिवार रात लगभग दो बजे नगर पालिका के वरिष्ठ लिपिक आरपी सिंह के नेतृत्व में नगर पालिका की टीम ने इन सामान को ट्रैक्टर-ट्रालियों में भरना शुरू कर दिया। भाजपा के कानपुर-बुंदेलखंड के क्षेत्रीय मंत्री देवेंद्र देव के चचेरे भाई शिवम गुप्ता की दुकान के बाहर रखे लोहे की ग्रिल को भी नगर पालिका के सफाई कर्मियों ने ट्रैक्टर-ट्राली में डाल लिया। इस पर शिवम और नगर पालिका की टीम के बीच विवाद हो गया। आरोप है कि टीम में शामिल सफाई कर्मियों ने शिवम और उसके भाई सोनू गुप्ता को पीट दिया।
इस पर अन्य व्यापारी भी मौके पर पहुंच गए और तिर्वा रोड पर जाम लगा दिया। हंगामा बढ़ते देख सफाई कर्मी नगर पालिका टीम के साथ मौके से निकल गए। जानकारी पर पहुंचे कोतवाली प्रभारी राज कुमार सिंह ने आक्रोशित व्यापारियों को शांत कराया।
व्यापार मंडल के नगर अध्यक्ष शिवम राज वर्मा, धर्मेंद्र कौशल, राकेश कौशल, आंचल गुप्ता और पूर्व सभासद विजय दुबे भी कोतवाली पहुंच गए। सीओ शिव प्रताप सिंह ने बताया कि शिवम गुप्ता की तहरीर पर पुलिस ने सफाई कर्मचारी राहुल वाल्मीकि, अर्जुन वाल्मीकि, रामदीन और आकाश वाल्मीकि के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की है।
रात करीब 10 बजे ग्रिल और तख्त हटाने के दौरान कुछ सफाई कर्मचारियों ने तिराहे पर दुकान लगाए डेविड की दुकान से दूध के पाउच से भरी कैरेट उठा ली। इस पर डेविड ने शोर मचाकर कई दुकानदारों को बुला लिया। मामला बढ़ता देखकर सफाई कर्मचारियों ने कैरेट वापस कर दी।
रात के अंधेरे में दुकानों के बाहर पड़े ग्रिल, मेजें और तख्त उठाने को लेकर नगर पालिका को फजीहत का सामना करना पड़ रहा है। नगर पालिका के वरिष्ठ लिपिक आरपी सिंह ने बताया कि शनिवार को शाम एडीएम और एएसपी कस्बे में आए थे। उन्होंने दुकानों के बाहर पड़े लोहे के ग्रिल और मेजों को उठाने के निर्देश दिए थे। इसीलिए रात में ही सब हटाया जा रहा था।