राष्ट्रपति चुनाव के लिए विपक्षी दलों की बैठक में साझा उम्मीदवार उतारने पर बनी सहमति

नई दिल्ली। (आवाज न्यूज ब्यूरो) राष्ट्रपति चुनाव को लेकर नई दिल्ली में पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी द्वारा बुलाई गई विपक्षी दलों के नेताओं की बैठक खत्म हो गई है। इस मीटिंग में विपक्षी नेताओं ने आगामी राष्ट्रपति चुनावों में एक आम उम्मीदवार को मैदान में उतारने का संकल्प लिया।
बैठक के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में सुधींद्र कुलकर्णी ने कहा कि, विपक्षी नेताओं ने आगामी राष्ट्रपति चुनाव में एक आम उम्मीदवार मैदान में उतारने के लिए एक प्रस्ताव अपनाया है। एक उम्मीदवार जो वास्तव में संविधान के संरक्षक के रूप में काम कर सकता है और मोदी सरकार को भारतीय लोकतंत्र और भारत के सामाजिक ताने-बाने को और नुकसान पहुंचाने से रोक सकता है।
शरद पवार, पी सी चाको, आरजेडी सांसद मनोज झा, उमर अब्दुल्ला, महबूबा मुफ्ती, एचडी देवेगौड़ा, कुमारस्वामी, टी आर बालू, अखिलेश यादव, प्रियंका चतुर्वेदी, मल्लिकार्जुन खड़गे और रणदीप सुरजेवाला समेत कई वरिष्ठ नेता इस बैठक में शामिल हुए। हालांकि आम आदमी पार्टी और टीआरएस ने इस बैठक से दूरी बना ली। इससे पहले ममता बनर्जी ने 22 विपक्षी दलों को पत्र लिखकर बीजेपी के खिलाफ एकजुट होने की अपील की थी और राष्ट्रपति चुनाव में एकजुटता दिखाने का आह्वान किया था। ममता बनर्जी समेत विपक्षी दलों के नेताओं ने राष्ट्रपति पद के लिए एनसीपी चीफ शरद पवार के नाम पर सहमति जताई थी लेकिन उन्होंने इसे अस्वीकार कर दिया। ऐसा बताया जा रहा है कि अब विपक्ष ने राष्ट्रपति चुनाव के लिए महात्मा गांधी के पोते गोपाल कृष्ण गांधी के नाम का सुझाव दिया है। सूत्रों ने कहा कि गोपालकृष्ण गांधी ने इस मामले पर विचार करने के लिए समय मांगा है। तृणमूल कांग्रेस के नेताओं को उम्मीद है कि यह बैठक सफल रहेगी। इस मीटिंग से पहले एक वरिष्ठ टीएमसी नेता ने नाम का खुलासा नहीं करने की शर्त पर बताया कि ममता बनर्जी विपक्षी दलों के कुछ नेताओं से मुलाकात कर सकती हैं, लेकिन अभी कुछ तय नहीं है। ममता ने जिन 22 नेताओं को पत्र लिखा है उनमें कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और माकपा के महासचिव सीताराम येचुरी शामिल हैं। बता दें कि 18 जुलाई को राष्ट्रपति चुनाव के लिए मतदान होगा और 21 जुलाई को मतगणना होगी। मौजूदा राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का कार्यकाल 24 जुलाई को समाप्त होने जा रहा है। ऐसे में उम्मीद है कि 25 जुलाई तक नए राष्ट्रपति शपथ ले सकते हैं।

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