फर्रुखाबाद। (आवाज न्यूज ब्यूरो) पत्नी की मौत के वियोग में मऊदरवाजा थाने के ठीक पीछे बहादुरगंज में अपने मामा के यह रह रहे निजी विद्यालय के अध्यापक धर्मेंद्र उर्फ सुनील जाटव ने अपनी 11 वर्षीय पुत्री सृष्टि और सात वर्षीय सगुन को गला कसकर मौत के घाट उतारा और उसके बाद स्वयं भी फांसी के फंदे पर लटक गया।
थ्मली जानकारी के अनुसार सुबह जब ट्यूशन पढ़ने आए छात्र वहां पहुंचे और बंद कमरा देख उनके मामा-मामी को सूचना दी तो कमरे का दरवाजा तोड़ा गया। तब घटना की जानकारी हुई। सुनील जाटव का शव छत के पंखे में अंगोछे से बनाए फंदे पर लटक रहा था और उनकी दोनों पुत्रियों सृष्टि और सगुन के शव तख्त पर पड़े थे और उनके भी गले में अंगौछा कसा था। पुलिस को मौके से सुसाइड नोट मिला है। घटना के संबंध में मऊदरवाजा थानाध्यक्ष आमोद कुमार सिंह ने उनके मामी से पूछताछ की। घटनास्थल पर फारेंसिक टीम को भी बुलाया गया है। धर्मेंद्र जाटव मेरापुर क्षेत्र के गांव पुनपालपुर निवासी थे। जब वह मात्र पांच दिन के थे, तब उनकी मां अतरश्री की मौत हो गई थी। उसके बाद उन्हें उनके मामा रामनाथ और मामी विमला देवी ले आई थीं और उन्होंने ही पालन पोषण किया था। सुनील के पिता अजय पाल जाटव भोगांव स्थित बुद्ध आंबेडकर विद्यालय में प्रधानाध्यापक हैं और उन्होंने दूसरा विवाह कर लिया था। सुनील अपने मामा के यहां रहकर निजी विद्यालय के अलावा घर पर ट्यूशन भी पढ़ाते थे।
सुनील की पत्नी प्रीति की लखनऊ के मोहनलालगंज स्थित मायके में विगत 25 जून को ही करंट की चपेट में आकर मौत हो गई थी। तब से वह परेशान थे। सुनील के कमरे से एक सुसाइड नोट भी मिला है। उसे पुलिस ने कब्जे में ले लिया है। मौके पर फारेंसिक टीम को भी बुलाया गया है, जांच जारी है।
