अधिवक्ताओं का ऐलान : तिर्वा एसडीएम के हटने तक जारी रहेगी हड़ताल

डीएम से प्रतिनिधिमंडल की वार्ता विफल, एडीएम की कोशिश भी नाकाम

बृजेश चतुर्वेदी

कन्नौज।(आवाज न्यूज ब्यूरो) नातज़ुर्बेक़ारी और कुछ अधिवक्ताओं और वादकारियों के साथ कथित तौर पर असहिष्णुतापूर्ण और सख्त व्यवहार को लेकर शुरू बार और बेंच के बीच का छोटा सा विवाद अंततः कलेक्ट्रेट परिसर तक आ पहुंचा। इस विवाद ने इतना उग्र रूप ले लिया कि जिलाधिकारी शुभ्रांत कुमार शुक्ला भी हल नही निकाल सके और उनके चेम्बर से बाहर निकल कर आये प्रतिनिधि मंडल ने पूरे जिले में हड़ताल का ऐलान कर दिया। जनपद न्यायाधीश परिसर में कार्यरत कन्नौज बार एसोसिएशन, छिबरामऊ, कन्नौज और तिर्वा में कार्यरत सभी अधिवक्ता संगठनों ने दो टूक ऐलान किया कि तिर्वा की उप जिलाधिकारी प्रशासन गरिमा सिंह के स्थानांतरण तक किसी भी अदालत में काम काज नही होगा। तीनो उपनिबन्धक कार्यालयों में भी कल से काम काज ठप रहेगा

आज सुबह से ही कलेक्ट्रेट परिसर में गहमागहमी का माहौल दिखा तीनो तहसीलों और कन्नौज बार के अधिवक्ता एकजुट होकर धरने पर बैठ गए। लगभग एक घंटे तक विभिन्न वक्ताओं के सम्बोधन  के बाद जिलाधिकारी के बुलावे पर उनसे मिलने गए प्रतिनिधि मंडल ने एसडीएम तिर्वा द्वारा अधिवक्ताओं से अभद्र व्यवहार की सिलसिलेबार शिकायत की। जिलाधिकारी पूरे धैर्य के साथ उन्हें सुनने के बाद कहा कि राजस्व परिवार का मुखिया होने के नाते वे अपनी एसडीएम की ओर से क्षमा मांगते है। बात यही खत्म हो जानी चाहिए थी लेकिन अधिवक्ता एसडीएम को हटाने की मांग पर अड़ गए तो जिलाधिकारी ने मौके की नजाकत देख 15-20 दिन का समय मांगा।

इस पर अधिवक्ताओं ने और कड़ा रुख अख्तियार कर लिया और कहा कि उनके हटने तक हड़ताल जारी रहेगी।

जिलाधिकारी ने यह भी कहा कि अगर एसडीएम से ही परेशानी है तो उनकी अदालत को छोड़कर बाकी अदालतों में कामकाज करिए किंतु अधिवक्ता समूह इस बात पर भी राजी नही हुआ।

दरअसल अधिवक्ता तिर्वा तहसील प्रशासन में अपर जिलाधिकारी गजेंद्र कुमार के हस्तक्षेप को लेकर भी आंदोलित है। उनका कहना था कि तहसील में हड़ताल की घोषणा होते ही एडीएम ने तिर्वा तहसील परिसर को छावनी में तब्दील करा दिया चार ट्रकों में भरकर पहुंची पीएसी ने वहां दहशत का माहौल बना रखा है जिसके चलते आम वादकारी परिसर में प्रवेश से ही डर रहे है।

जिलाधिकारी के कक्ष से निकलकर अधिवक्ता आपस मे बात कर ही रहे थे कि अपर जिलाधिकारी भी उनके बीच पहुंच गए। जैसे ही उन्होंने बात करनी चाही तो वकीलो ने उनके विरुद्ध भी नारेबाजी शुरू कर दी। वकीलों ने इस पूरी स्थिति के लिए संवादहीनता को दोषी ठहराया हालांकि अपर जिलाधिकारी ने मौके पर ही इसका खंडन किया और कहा कि वे स्वयम तिर्वा बार के अध्यक्ष से लगातार सम्पर्क करते रहे है और उनकी कई बार बात हुई है तो फिर संवाद हीनता कैसे? बहरहाल उत्तेजित अधिवक्ताओं ने उनकी बात भी नही मानी और नारेबाजी करते रहे।

कुल मिलाकर हड़ताल जारी है। इसी बीच तिर्वा की उप जिला मजिस्ट्रेट गरिमा सिंह तीन दिन के आकस्मिक अवकाश पर चली गयी है।

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