प्रतिदिन 8 हज़ार जानवरो के टीकाकरण का लक्ष्य निर्धारित
बृजेश चतुर्वेदी
कन्नौज। (आवाज न्यूज ब्यूरो) जिलाधिकारी शुभ्रांत कुमार शुक्ल ने कलेक्ट्रेट गांधी सभागार में गौ संरक्षण जिला अनुश्रवण समिति की आयोजित बैठक के दौरान कहा कि पशुपालक किसान लम्पी स्किन रोग के डर से गौवंशो को खुल्ला न छोड़े। इस बीमारी से डरने की आवश्यकता नही है, बस जागरूक होना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि इस बीमारी के विषय मे ग्राम पंचायत स्तर पर जागरूकता लाई जाए। पशुधन प्रसार अधिकारी ग्राम प्रधान, ग्राम पंचायत अधिकारी से समन्वय स्थापित करते हुए जागरूक करें। कहा कि लम्पी वायरस से लड़ने के लिए पर्याप्त वैक्सीन की व्यवस्था है।
उन्होंने टीकाकरण की समीक्षा करते हुए कहा कि दीपावली तक प्रत्येक दशा में टीकाकरण कार्य पूर्ण कर लिया जाए। जानकारी दी गयी कि 2 लाख 35 हजार लक्ष्य के सापेक्ष 55512 टीकाकरण हुआ है। उन्होंने कहा है कि टीकाकरण हेतु 40 टीमें लगाई जाए, प्रत्येक टीम 200 से अधिक टीकाकरण का कार्य करेगी। टीकाकरण की कुल 40 टीमो का लक्ष्य प्रत्येक दिवस में 8 हजार से अधिक होगा।
श्री शुक्ल ने लम्पी स्किन रोग के दृष्टिगत गौशालाओ में सेनेटाइजेशन के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार से कोरोना काल मे अभियान चलाकर सेनेटाइजेशन का कार्य किया गया है उसी प्रकार से लम्पी स्किन रोग के दृष्टिगत गौशालाओ में सनेटाइजेशन का कार्य किया जाए।
ल गायों और नन्दियो को अलग से रहने की व्यवस्था होनी चाहिए। बताया गया कि कान्हा उपवन में नन्दियो हेतु अलग से एक शेड कर दिया गया है।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री निराश्रित/बेसहारा गोवंश सहभागिता योजना के तहत सुपुर्दगी हेतु प्रतिमाह भरण-पोषण धनराशि रू0 900/- प्रति गौवंश / प्रतिमाह के हिसाब से दिया जा रहा है। सुपुर्दगी की कार्यवाही में गति लाई जाए। जानकारी दी गयी कि 6542 गौवंश गौशालाओ में संरक्षित है और 1617 गौवंश सहभागिता योजना के अंतर्गत सुपुर्द किये जा चुके है। उन्होंने सौरिक गौशाला का निर्माण कार्य यथाशीघ्र पूर्ण करने के निर्देश दिए है। कहा कि प्रायः यह देखा गया है कि पशुचिकित्सा केंद्र की स्थिति जन्तोषजनक नही है। उन्होंने निर्देश दिए है कि पशुचिकित्सा केंद्रों में नियमित साफ-सफाई होनी चाहिए। कहा है कि खासतौर से पशुचिकित्सा केंद्र तालग्राम विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। चूंकि वहाँ पर झाड़ियां, जंगल आदि देखते हुए पाया गया है।
जिलाधिकारी ने कहा है कि गौशालाओ में पर्याप्त चारे आदि की व्यवस्था होनी चाहिए। कोई भी गौवंश बीमार नही होना चाहिए इस बात पर विशेष ध्यान दिया जाए। उन्होंने गौशालाओ में गौ संरक्षको का समय से मानदेय न देने पर नाराजगी व्यक्त की है। कहा है कि गौशालाओ का सूत्रधार गौ संरक्षक होते है, उनका भुगतान समय से किया जाए।
बैठक में मुख्य विकास अधिकारी, जिला विकास अधिकारी, मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी, जिला पंचायत राज अधिकारी आदि उपस्थित रहे।