बृजेश चतुर्वेदी
कन्नौज।(आवाज न्यूज ब्यूरो) जिले के उमर्दा विकास खण्ड में अगौस गांव की 16 वर्षीय शगुन बताती हैं कि कुछ समय पहले उन्हें बुखार महसूस हुआ। इसके बाद उन्होंने गांव के ही डॉक्टर से लेकर दवा खा ली। सोचा मौसम बदल रहा है इसलिए ऐसा हुआ होगा। दो दिन बाद बुखार होने के बाद उल्टियां, चक्कर और कमजोरी होने लगी। बुखार उतरने का नाम नहीं ले रहा था। घर वालों के कहने पर डॉक्टर के पास गई। जांच में डेंगू निकला। प्लेटलेट्स भी 70 हजार पहुंच गई। डॉक्टर ने तुरंत भर्ती कर इलाज किया तब जाकर हालत संभली। शगुन बताती है कि मुझे डेंगू हुआ पर इस बीमारी से मेरी सोच बदल गई। मैं सोचती थी कि डेंगू जैसी बीमारी सिर्फ बरसात के मौसम में ही होती है। अब समझ आ गया कि एक भी मच्छर बहुत खतरनाक होता,पूरे साल इससे बचने की जरूरत होती है।
जिला महामारी रोग नियंत्रण अधिकारी डा.आतिफ हसन बताते है कि डेंगू मच्छर जनित बुखार है,लेकिन एनएसवन नान स्ट्रकुलर-1 पाज़ीटिव होने और प्लेटलेट्स काउंट कम होने को डेंगू नहीं कह सकते जब तक की एलाइजा टेस्ट रिपोर्ट पाज़ीटिव न आये। एलाइजा टेस्ट रिपोर्ट यदि निगेटिव है तो बुखार डेंगू नहीं है।
उन्होंने ने बताया कि अगर किसी को बुखार है और डेंगू के लक्षण दिखने पर इसकी पुष्टि के लिए जल्द से जल्द एलाइजा की जांच करानी चाहिए। जिले के राजकीय मेडिकल कॉलेज तिर्वा एलाइजा जांच की नि: शुल्क सेवा उपलब्ध है।
जिला मलेरिया अधिकारी डा. हिलाल अहमद खान ने बताया कि जिले में पिछले माह से अब तक डेंगू के सात मरीज मिले है।जिनमें से पांच मरीज इलाज के बाद स्वस्थ हो चुके है। उन्होंने बताया कि जिन गांवों में डेंगू के मरीज मिल रहे है।वहां पर विशेष तौर पर फागिंग के साथ मच्छर रोधी दवाइयों का छिड़काव कराया जा रहा है,साथ ही लोगों को स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा मच्छर जनित बीमारियों से बचाव के लिए जागरूक भी किया जा रहा है।
डेंगू बुखार के लक्षण
-ठंड लगने के साथ अचानक तेज बुखार आना
– सिर, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द होना
– आंखों के पिछले भाग में दर्द होना जो आंखों को दबाने या हिलाने से और भी बढ़ जाता है
– बहुत ज्यादा कमजोरी लगना
– भूख न लगना और जी मिचलाना
– मुंह का स्वाद बिगड़ जाना
– गले में हल्का सा दर्द होना
– दुखी और बीमार जैसा महसूस होना
– शरीर पर लाल रैश होना
डेंगू से बचाव के लिए बरतें ये सावधानियां
– घर के अंदर या आंगन में पानी जमा न होने दें, उसे तुरंत साफ करें।
– फूलों के गमलों और कूलर में पानी न रहने दें। कूलर को हफ्ते में एक बार जरूर साफ करें।
– शरीर को पूरी तरह ढक कर रखें ऐसे कपड़े पहनें।
– सोते समय मच्छरदानी का इस्तेमाल करें
– घर में या बाहर कहीं भी किसी भी जगह पर या टायर, डिब्बे, बोतल में पानी एकत्र न होने दें। पानी में डेंगू मच्छर के अधिक पनपने का खतरा अधिक होता है।
– डेंगू के लक्षण होने पर बिना डॉक्टर के सलाह के कोई दवा न लें।
– अगर घर से आसपास कहीं पानी जमा हो गया है और उसे साफ करना संभव नहीं तो वहां मिट्टी का तेल या पेट्रोल छिड़क दें।