दस्तक अभियान हुआ खत्म जिले में नहीं है डेंगू का मरीज : डीएमओ

अभियान के दौरान मिले संभावित 68 टीबी रोगी,2 मलेरिया और 26 कुपोषित बच्चे

लोहिया में 30 बेड तो सभी सीएचसी पर 5 बेड डेंगू मरीज के लिए आरक्षित

फर्रुखाबाद। (आवाज न्यूज ब्यूरो) सविशेष संचारी रोग नियंत्रण अभियान अभी 31 अक्टूबर तक चलेगा इस दौरान लोगों को संचारी रोगों से बचने के उपाय बताए जाएंगे साथ ही लार्वा निरोधक दवा का छिड़काव और फागिंग भी की जा रही है स
जिला मलेरिया अधिकारी डॉ राजेश माथुर ने बताया कि आजकल विशेष संचारी रोग नियंत्रण अभियान चल रहा है। इसी क्रम 7 अक्टूबर से शुरू हुआ दस्तक अभियान 21 अक्टूबर को समाप्त हो गया है स इस दौरान आशा कार्यकर्ता, आंगनबाड़ी कार्यकत्री, एएनएम और स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं ने घर घर जाकर लोगों से स्वास्थ्य संबंधी जानकारी लेने के साथ ही संचारी रोगों से खुद और अपने परिवार और समाज को किस प्रकार सुरक्षित रखना है जानकारी भी दी स
डीएमओ ने बताया कि अच्छी सेहत के लिए छोटी-छोटी आदतों पर ध्यान देना पड़ता हैप् लापरवाही बरतने पर एक छोटा सा मच्छर आपको डेंगू या मलेरिया जैसी घातक बीमारियां दे जाता है। डेंगू का मच्छर अन्य से अलग होता है। इसके शरीर पर काली एवं सफेद रंग की पट्टियां पाई जाती हैं। इसे टाइगर मच्छर के नाम से भी जाना जाता है। डेंगू रोग एडीज़ मच्छर के काटने से फैलता है। मानसूनी बारिश के साथ डेंगू के मच्छरों के पनपने का मौसम होता है। इसके तहत वेक्टर जनित रोग जैसे मलेरिया, डेंगू / चिकनगुनिया एवं दिमागी बुखार की रोकथाम के साथ ही अन्य संचारी रोगों पर नियंत्रण के लिए लोगों को जागरूक किया जा रहा है। सरकार इस बीमारी को लेकर जागरूकता फैलाने में पूरी तरह से जुटी है।
डीएमओ ने बताया कि कि डेंगू का बुखार मादा एडीज मच्छर काटने से फैलता है स यह मच्छर सुबह के वक्त काटते हैं। मादा एडीज ज्यादा ऊंचाई तक उड़ने में सक्षम नहीं होता और यही कारण है कि यह अधिकतर घुटनों के नीचे काटता है। डेंगू के मच्छर साफ-सुथरे पानी में पनपते हैं इसलिए पानी को जमा न होने दें। डीएमओ ने बताया कि ज़िले में 7 अक्टूबर से 21 अक्टूबर तक दस्तक अभियान चला इस दौरान संभावित टीबी रोगी 68, मलेरिया रोगी 2 और 26 कुपोषित बच्चे मिले जिनमें से 11 कुपोषित बच्चों को पोषण पुनर्वास केंद्र में भर्ती कराया गया स
डीएमओ ने बताया कि सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर 5 बेड और डॉ राममनोहर लोहिया चिकित्सालय में 30 बेड डेंगू के लिए आरक्षित हैं स अगर कोई भी व्यक्ति डेंगू से पीड़ित आता है तो उसको तुरंत भर्ती कर इलाज शुरु कर दिया जायेगा ऐसे दिशा निर्देश सभी प्रभारी चिकित्साधिकारियों को मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ अवनींद्र कुमार द्वारा दिए जा चुके हैं स साथ ही सभी जगह पर डेंगू की प्रारंभिक जांच के लिए किट भी उपलब्ध हैं स
डीएमओ ने बताया कि मादा एडीज या डेंगू के मच्छर के काटने के तीन से 5 दिनों के बाद बुखार आदि लक्षण दिखने लगते हैं। सिरदर्द, आंख दर्द, उल्टी, हड्डियों और मांसपेशियों में दर्द और शरीर पर चकत्ते जैसे लक्षण हो तो तुरंत चिकित्सक से संपर्क करें। गंभीर अवस्था में पेट दर्द, तेज़ सांस. मसूड़ों में खून या ख़ून की उल्टी जैसी समस्या हो सकती हैप् डेंगू का पता लगाने के लिए एलाईज़ा टेस्ट कराएं स खूब पानी और ओआरएस पिएं। लिक्विड डाइट जैसे खिचड़ी व दलिया पर खास ध्यान दें। सूप, काढ़ा, नारियल पानी और अनार आदि का सेवन करें। उन्होंने बताया कि बीमारी से बचने के लिए जल जमाव कतई नहीं होने दें। कूलर के पानी का रोज बदलें और फ्रिज के पानी को हफ्ते में एक बार अवश्य निकाल लें या डिफ्रीज कर दें। पानी की टंकी ढक कर रखें। खिड़कियों और दरवाज़ों में जाली लगवाएं। मच्छरों से बचने के लिए मच्छरदानी या स्प्रे आदि का प्रयोग करें। एक्वेरियम और फूलदान आदि में हर हफ्ते पानी बदलें।

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