कन्नौज : इजरायली कृषि अटैची ने किया सेंटर आफ एक्सीलेंस फिर वेजिटेबल का भ्रमण

शीघ्र ही जिले के 25 किसानों का समूह तकनीकी खेती सीखने इजरायल जाएगा

बृजेश चतुर्वेदी

कन्नौज।(आवाज न्यूज ब्यूरो) इजराइली वेजिटेबल एक्सपर्ट यायर एशेल ने आज सेन्टर ऑफ एक्सीलेन्स फॉर वेजिटेबल उमर्दा,  का भ्रमण किया।

सब कुछ ठीक रहा तो जनपद के 25 प्रगतिशील किसानो का समूह इजराइल भ्रमण कर और वहां से आधुनिक, औद्योगिक तकनीकी खेती सीख कर जनपद में इसका आरंभ करेंगे।

सेन्टर ऑफ एक्सीलेन्स फॉर वेजिटेबल उमर्दा पर यायर एशेल कृषि अटैची इजराइल एम्बेसी भारत सरकार द्वारा केन्द्र का भ्रमण किया गया। इस मौके पर जिलाधिकारी शुभ्रान्त कुमार शुक्ल ने इजराइली वेजिटेबल एक्सपर्ट यायर एशेल का स्वागत करते हुए उन्हें आश्वस्त किया कि सेन्टर ऑफ एक्सीलेन्स फॉर वेजिटेबल उमर्दा, उत्तरोत्तर प्रगति के लिए तत्पर हैं। जिलाधिकारी  ने इजराइली वेजिटेबल एक्सपर्ट से जनपद के प्रगतिशील  25 कृषकों के समूह को इजराइल का भ्रमण कराकर आधुनिक औद्योगिक तकनीकी खेती सिखाने का अनुरोध किया। ताकि जनपद में उसी प्रकार की आधुनिक खेती प्रारंभ हो सके और कृषकों की आय में वृद्धि हो।

श्री यायर एशेल ने जानकारी दी कि इजराइल में मई 2023 में अन्तर्राष्ट्रीय उद्यान महोत्सव है। श्री एशेल ने जिलाधिकारी का अनुरोध स्वीकार करते हुए इजराइल में प्रगतिशील कृषकों के भ्रमण हेतु अपनी सहमति प्रकट की है। प्रगतिशील किसानों के भ्रमण के समय आर्थिक एवं तकनीकी सहायता इजराइल एम्बेसी भारत द्वारा सहयोग किया जायेगा। जिलाधिकारी ने श्री एशेल को आश्वस्त किया कि कुछ ही समय के अंदर एक भ्रमण टीम को स्वीकृति प्रदान कर भ्रमण की  कार्यवाही को आगे बढ़ाया जाएगा।

इस मौके पर जिला उद्यान अधिकारी सीपी अवस्थी ने

 श्री एशेल को स्मृति चिन्ह भेंट किया।

केन्द्र प्रभारी सी0पी0 अवस्थी ने बताया कि केन्द्र पर इस वर्ष शाकभाजी पौध उत्पादन के साथ साथ विभिन्न सब्जियों के फ्रन्ट लाइन प्रदर्शन का पॉलीहाउस, नेट हाउस में विभिन्न तकनीकों द्वारा किया जा रहा है। हाईटेक पौधशाला में सब्जी पौध तैयार करने की तकनीक का निरीक्षण करते हुए श्री एशेल ने बताया कि पौध की गुणवत्ता प्रबंधन हेतु सूर्य की रोशनी का विशेष महत्व है। इसलिए हाईटेक नर्सरी में फरवरी तक सिल्वर नेट का उपयोग नही किया जाये। पॉली हाउस में टमाटर के प्रदर्शन का अवलोकन करते हुए अवगत कराया गया ट्रफ पद्वति से मिट्टी की गहराई 6 इन्च से कम नही होनी चाहिए।  इस सम्बन्ध डा0 डी0एस0 यादव तकनीकी सलाहकार द्वारा बताया गया कि इस तकनीक में 8 इन्च मोटाई का उपयोग किया गया है, जिसमें चेरी टमाटर, पीला टमाटर और सामान्य टमाटर का रोपण किया गया है, जो काफी गुणवत्तायुक्त पौध दिख रही है। सब्जियों में भूमि जनित रोग नियंत्रण हेतु 2 ग्राम/ली0 मैंकोजेब का उपयोग किया जा रहा है। शिमला मिर्च टमाटर में रस चूसक कीटों के नियंत्रण  हेतु एमामेक्टिन 1 मिली0/लीटर की दर से उपयोग किया जा रहा है। पोषक तत्व प्रबन्धन में एशेल द्वारा सुझाव दिया गया है कि टमाटर के पकने के समय नाइट्रोजन युक्त खादों का प्रयोग न किया जाये, उस समय पोटाश 50 प्रतिशत 2 ग्राम/लीटर पानी में सप्ताह में दो बार स्प्रे करें।  

इस मौके प एसडीएम तिर्वा उमाकांत तिवारी, प्रवीण कुमार, यश कुमार, पंकज घनश्याम एवं जनपद झांसी प्रगतिशील कृषक दिनेश राजपूत रमेश यादव, यदु राज सिंह,योगेंद्र सिंह तथा बांदा एग्रीकल्चर उद्यान यूनिवर्सिटी के लगभग 30 छात्र उपस्थित रहे।

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