बृजेश चतुर्वेदी
कन्नौज।(आवाज न्यूज ब्यूरो) परिषदीय स्कूलों की तरह अब आंगनबाड़ी केंद्रों पर भी एक जनवरी से नौनिहालों को पका-पकाया गर्म भोजन मिलेगा। 2019 से बंद पड़ी हॉट कुक्ड योजना का संचालन विभाग दोबारा बहाल करने जा रहा है। ऐसे में जिले के 1615 आंगनबाड़ी केंद्रों पर पंजीकृत 1.50 नौनिहालों को लाभ मिलेगा। योजना लागू करने के लिए विभाग पूर्व में खोले गए संयुक्त खाते सक्रिय करने के साथ ही अन्य तैयारियां पूरी करने में जुटा है।
राज्य पोषण मिशन के तहत कुपोषण दूर करने के लिए आंगनबाड़ी केंद्रों का संचालन किया जाता है। इन केंद्रों पर गर्भवती, प्रसूता, कुपोषित व अति कुपोषित बच्चों के स्वास्थ्य की निगरानी करते हुए शिक्षा व पोषाहार दिया जाता है। जिले में संचालित 1615 आंगनबाड़ी केंद्रों पर लगभग 2500 कुपोषित बच्चों के साथ ही तीन से छह वर्ष आयु वर्ग के 70 हज़ार नौनिहाल पंजीकृत हैं।
बच्चों को कुपोषण से मुक्त करने के लिए केंद्र सरकार की ओर से हॉट कुक्ड योजना का संचालन 2010 से हो रहा था। योजना आंगनबाड़ी केंद्रों में नामांकित तीन से छह वर्ष तक के बच्चों के लिए लागू की गई थी। इसके तहत बच्चों को पौष्टिक गर्म भोजन उपलब्ध कराया जाता था। 2019 में अचानक ये योजना बंद कर दी गई। शासन के निर्देश पर कार्यक्रम विभाग आगामी एक जनवरी से इस योजना को दोबारा शुरू कराने की तैयारी में जुट गया है
शासन का निर्देश मिलने के बाद बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग योजना को प्रभावी ढंग से लागू करने की कोशिश में जुटा है। विभाग की ओर से सभी ग्राम प्रधानों व आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के संयुक्त खाते को सक्रिय करने का निर्देश दिया गया है। तीन वर्ष तक योजना बंद होने से ज्यादातर संयुक्त खाते निष्क्रिय हो गए थे। इसके अलावा पंचायत चुनाव के बाद ज्यादातर ग्राम प्रधान भी बदल गए हैं।
हॉट कुक्ड योजना शुरू होने से गांवों में कुपोषण से निपटने के लिए अभियान को मजबूती मिलेेगी। पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराने का लाभ उन बच्चों को मिल सकेगा जिनके परिवार आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं। हॉट कुक्ड योजना के फिर से चालू होने से कुपोषण दूर करने में मदद मिलेगी।
प्रभारी जिला कार्यक्रम अधिकारी राजेश कुमार का कहना है कि एक जनवरी से हॉट कुक्ड योजना शुरू होगी। योजना प्रभावी ढंग से लागू हो सके, इसके लिए तैयारियां पूरी की जा रही हैं। प्रतिदिन निर्धारित मेन्यू के अनुसार बच्चों को पका-पकाया गर्म भोजन दिया जाएगा। योजना लागू हो सके, इसके लिए ग्राम प्रधानों व आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को जिम्मेदारी दी गई है।