निक्षय दिवस पर पांच क्षय रोगी लिये गये गोद
अब से हर माह की 15 तारीख़ को मनाया जाएगा निक्षय दिवस
फर्रुखाबाद। (आवाज न्यूज ब्यूरो) देश को वर्ष 2025 तक टीबी मुक्त बनाने के प्रधानमंत्री के संकल्प को साकार करने के उद्देश्य से ज़िले के सभी स्वास्थ्य केन्द्रों पर गुरूवार को निक्षय दिवस मनाया गया l इस दिवस का उद्देश्य टीबी मरीजों की शीघ्र पहचान, गुणवत्तापूर्ण इलाज और योजनाओं का लाभ दिलाना है। कार्यक्रम को सफल बनाने को लेकर उपकेंद्रों में तैनात कम्युनिटी हेल्थ ऑफीसर (सीएचओ) ने ओपीडी में आने वाले मरीजों की संख्या के 10 प्रतिशत लोगों की टीबी की जांच की l
इसी क्रम में ज़िला क्षय रोग विभाग मे जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ रंजन गौतम ने निक्षय दिवस के अवसर पर पांच क्षय रोगियों को गोद लेकर उनको पोषण किट दी l डॉ गौतम ने बताया: “हमारे शरीर का प्रतिरक्षा तंत्र हर समय रोगजनक जीवाणुओं से लड़ता रहता है। लेकिन, प्रतिरक्षा तंत्र जैसे ही कमजोर होता है, तो बीमारियां हावी होने लगती हैं। ऐसी ही, बीमारियों में से एक है टीबी की बीमारी जिसे तपेदिक या क्षय रोग के नाम से भी जाना जाता है। टीबी का पूरा नाम ट्यूबरक्लोसिस है जो ‘माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरक्लोसिस’ नामक जीवाणु से होता है।‘’
टीबी का मरीज एक वर्ष में दस से पंद्रह लोगों को इस बीमारी से संक्रमित कर सकता है।ऐसे में, टीबी का समय रहते इलाज होना बेहद जरूरी है। यह रोग किसी भी व्यक्ति को हो सकता है। इसलिए, इसे छिपाने की नहीं, बल्कि इस रोग के इलाज की जरूरत है। टीबी के मरीजों को अपना उपचार बीच में नहीं छोड़ना चाहिए । यदि बीच में उपचार छोड़ दिया जाए, तो टीबी से ठीक होना कठिन हो जाता है। डॉ गौतम ने कहा अब से हर माह की 15 तारीख़ को निक्षय दिवस मनाया जाएगा जिसमें ओपीडी में आने वाले मरीजों में से 10 प्रतिशत लोगों की जिनमें टीबी रोग के लक्षण दिखाई देंगे उनकी जांच की जायेगी l
जिला रोग विभाग से जिला समन्वयक सौरभ तिवारी ने बताया कि जिले में अब तक 52 निक्षय मित्रों द्वारा 872 क्षय रोगी गोद लिए जा चुके हैं l
हाथीखाना की रहने वाली 15 वर्षीय काल्पनिक नाम रंजना ने बताया कि उसे लगभग 2 माह से बुखार और खांसी आ रही थी| काफी इलाज कराया लेकिन ठीक नहीं हुआ जब टीबी अस्पताल में जांच कराई तो टीबी रोग की पुष्टि हुई l “आज मुझे यहां पर एक खाने पीने के सामान की किट दी गई l अब इसके सेवन से मैं जल्द ही स्वस्थ हो सकूंगी l’’
संभावित क्षय रोगियों की पहचान के लिए प्रमुख लक्षण :
- दो सप्ताह या अधिक समय से खांसी होना।
- दो सप्ताह या अधिक समय से बुखार आना।
- वजन में कमी आना/ भूख न लगना।
- बलगम से खून आना।