आत्मनिर्भर की नींव रखने वाला बजट, संकल्प पत्र के 130 में से 110 वादे शामिल : सीएम योगी आदित्यनाथ

लखनऊ।।(आवाज न्यूज ब्यूरो)  यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि विधानसभा चुनाव 2022 से पहले भाजपा ने लोक कल्याण संकल्प पत्र प्रस्तुत कर जनता से 130 वादे किए थे। सरकार ने पहले और दूसरे बजट में 110 वादों को शामिल किया है। संकल्प पत्र में किए गए वादों को पूरा करने के लिए 64 हजार करोड़ रुपये समर्पित किए है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रदेश सरकार का वित्तीय वर्ष 2023-24 का बजट त्वरित, सर्वसमावेशी और समग्र विकास को समर्पित है। बजट आत्मनिर्भर उत्तर प्रदेश की नींव रखने वाला है। मुख्यमंत्री ने कहा कि अमृत काल का यह पहला बजट यूपी को देश की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में स्थापित करने और अगले पांच वर्ष में दस खरब डॉलर की अर्थव्यवस्था के लिए मील का पत्थर साबित होगा।
विधानमंडल के तिलक में बुधवार को आयोजित प्रेसवार्ता में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बजट से यूपी में आने वाले बदलाव की जानकारी दी। मुख्यमंत्री ने कहा कि बजट प्रदेश की 25 करोड़ जनता की भावना को प्रतिनिधित्व करने वाला है। बजट नए भारत के नए उत्तर प्रदेश के लक्ष्य को प्राप्त करने में सफल होगा। उन्होंने भरोसा दिलाया कि सरकार बजट प्रावधान को समयबद्ध तरीके लागू करने में सक्षम होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने प्रदेश में वित्तीय अनुशासन का पूरी तरह पालन किया गया है। बजट में कुशल वित्तीय प्रबंधन की झलक देखने को मिल रही है। राजकोषीय घाटे को निर्धारित सीमा 3.5 फीसदी से कम कर 3.24 प्रतिशत तक करने में सफलता मिली है। मुख्यमंत्री ने कहा कि बीते छह वर्ष में जनता का सकारात्मक सहयोग मिला है।
दो करोड़ युवाओं को रोजगार देंगे
मुख्यमंत्री ने कहा कि बजट में प्रदेश के युवाओं को शिक्षित करने के साथ उनके कौशल विकास का प्रावधान किया गया है। प्रदेश में बजट घोषणाओं के साथ निजी क्षेत्र में रोजगार, स्वरोजगार से दो करोड़ युवाओं को रोजगार देने का लक्ष्य रखा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि बजट से रोजगार की संभावना बढ़ी है।
पहला बजट किसानों को समर्पित था, सातवां बजट समग्र विकास को
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने 2017-18 से सरकार ने हर वर्ष थीम आधारित बजट पेश किया है। 2017-18 का बजट किसानों को समर्पित था। 2018-19 में बजट ढांचागत विकास और औद्योगिक विकास के लिए था। 2019-20 का बजट मिशन शक्ति, महिला सुरक्षा, महिला सम्मान और महिला स्वावलंबन के लिए समर्पित था। 2020-21 का बजट युवा शक्ति, कौशल विकास, रोजगार और प्रदेश के इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए था। 2021-22 का बजट प्रदेश की समग्र विकास को ध्यान में रखकर स्वावलंबन से सशक्तिकरण को समर्पित था। 2022-23 का बजट अंत्योदय से आत्मनिर्भरता का बजट था। 2023-24 का बजट में 25 करोड़ आबादी की विकास और कल्याण के लिए उत्तर प्रदेश के त्वरित, सर्वसमावेशी और समग्र विकास को समर्पित बजट है।

बिना कोई नया टैक्स लगाए रेवेन्यू सरप्लस राज्य बना यूपी
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने बीते छह वर्ष में जनता पर बिना कोई नया कर लगाए प्रदेश को रेवेन्यू सरप्लस राज्य बनाया है। उन्होंने कहा कि सरकार ने पेट्रोल डीजल पर राज्य का वैट कम कर जनता को महंगाई से राहत दिलाई। यूपी में पेट्रोल डीजल देश में सबसे सस्ता होने से यहां उपभोक्ता वस्तुएं महंगी नहीं हुई। जनता को राहत मिली। उन्होंने कहा कि पारदर्शी कर प्रणाली लागू करने, राजस्व कर चोरी रोकने और राजस्व संग्रह को बढ़ाने से यूपी रेवेन्यू सरप्लस स्टेट बना है। इससे प्रदेश में अंतर्राष्ट्रीय स्तर का इंफ्रास्ट्रक्चर दिया जा रहा है।

संकल्प पत्र के 130 में से 110 वादे पूरे
मुख्यमंत्री ने कहा कि विधानसभा चुनाव 2022 से पहले भाजपा ने लोक कल्याण संकल्प पत्र प्रस्तुत कर जनता से 130 वादे किए थे। सरकार ने पहले और दूसरे बजट में 110 वादों को शामिल किया है। संकल्प पत्र में किए गए वादों को पूरा करने के लिए 64 हजार करोड़ रुपये समर्पित किए है।

वित्तीय अनुशासन और कुशल वित्तीय प्रबंधन से बदली यूपी की तस्वीर
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार ने राजस्व कर की चोरी रोक कर, वित्तीय अनुशासन और बेहतर वित्तीय प्रबंधन से अर्थव्यवस्था के दायरे को बढ़ाया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि 2016-17 में सरकार ने 3.40 लाख करोड़ रुपये का बजट प्रस्तुत किया था। 2023-24 के लिए सरकार ने 6.90 लाख करोड़ से अधिक का बजट पेश किया है, जो 2016-17 की तुलना में दोगुना से अधिक है। उन्होंने कहा कि बीते छह वर्ष में यूपी की प्रति व्यक्ति आय और सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में भी दोगुना से अधिक वृद्धि हुई है। यह डबल इंजन सरकार की अर्थव्यवस्था को विस्तार देने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

इस तरह आया अंतर

  • 2016-17 में 86 हजार करोड़ रुपये राजस्व कर मिला था। 2022-23 में राजस्व कर 2.20 लाख करोड़ रुपये को पार कर रहा है।
  • 2016-17 में बिक्री कर और वैट से 51,000 करोड़ रुपये का राजस्व मिला था। अब जीएसटी से 1.25 लाख करोड़ रुपये मिलने का अनुमान है।
  • 2016-17 में आबकारी से 12,000 करोड़ रुपये मिला था। 2022-23 में 45,000 करोड़ रुपये प्राप्त होने का अनुमान है।
  • 2016-17 में बेरोजगारी की दर 18 फीसदी थी अब 4 फीसदी रह गई है।
  • 2012-17 के बीच प्रदेश में 5.90 लाख करोड़ रुपये के ऋण वितरित किए गए थे। 2017-22 के बीच 9. 50 लाख करोड़ रुपये के ऋण वितरित किए।
  • 2016-17 में बजट में स्वयं की राज्य सरकार की आय केवल 33 फीसदी थी। शेष ऋण या केंद्र सरकार पर निर्भर रहना पड़ता था। लेकिन अब बजट में 45 से 46 फीसदी भाग प्रदेश सरकार की आय का हिस्सा है।
  • 2016-17 में 20 फीसदी से अधिक वित्त पोषण ऋण के माध्यम से होता था। लेकिन अब 16 फीसदी की ऋण के जरिये हो रहा है।
  • 2016-17 में 8 फीसदी बजट पुराने कर्ज अदा करने में खर्च होता था लेकिन अब 6 फीसदी बजट कर्ज अदा करने पर खर्च होता है।
  • 2016-17 में यूपी का क्रेडिट डिपोजिट औसत 46 प्रतिशत था लेकिन अब 55 फीसदी हुआ है।

ढांचागत विकास पर रहेगा फोकस
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार के बजट की बड़ी राशि ढांचागत विकास पर खर्च होगी। इससे प्रदेश में उद्यमों की आय बढ़ेगी और नए रोजगार के अवसर सृजित होंगे। उन्होंने कहा कि झांसी लिंक एक्सप्रेसवे और चित्रकूट लिंक एक्सप्रेस वे का निर्माण किया जाएगा। पूर्वांचल एक्सप्रेसवे के समानांतर 4 और बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे के समानांतर दो औद्योगिक क्लस्टर स्थापित किए जाएंगे। गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे के पास भी औद्योगिक गलियारा बनाया जाएगा। बुंदेलखंड में ग्रीन एनर्जी कॉरिडोर बनाया जाएगा। अयोध्या को मॉडल सोलर सिटी के रूप में विकसित करने के बाद सभी 17 नगर निगम को सोलर सिटी के रूप में विकसित करेंगे।

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