बिजली कर्मियों की हड़ताल से हुए नुकसान पर हाईकोर्ट ने दिखाई सख्ती,सरकार से मांगा हिसाब

‘‘पूछा : हडताली कर्मियों को क्यों नही किया गिरफ्तार’’

लखनऊ।(आवाज न्यूज ब्यूरो)  यूपी सरकार और विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के पदाधिकारियों के बीच बातचीत के बाद 65 घंटे तक जारी रही हड़ताल वापस तो ले ली गई, लेकिन इसके बाद इसे लेकर कई सवाल उठ खड़े हुए हैं। लोगों का कहना है कि आखिर 65 घंटे तक चली इस हड़ताल से किसको क्या हासिल हुआ। बता दें कि इस मामले को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका भी दाखिल की गई है। याचिका पर सुनवाई करते हाईकोर्ट ने काफी तल्ख टिप्पणी की।
हाईकोर्ट ने सरकार से बिजली हड़ताल से हुए आर्थिक और अन्य नुकसान की जानकारी मांग ली है। कोर्ट ने कहा है कि हड़ताल खत्म होने से कोई फर्क नहीं पड़ता। यह मामला काफी गंभीर है। लोगों की जिंदगी से खिलवाड़ करने के लिए कोई स्वतंत्र नहीं हो सकता। कोर्ट ने यह भी पूछा है कि खिलवाड़ करने वालों को गिरफ्तार क्यों नहीं किया गया।
दरअसल, शनिवार को ऊर्जा मंत्री एके शर्मा और संघर्ष समिति के बीच काफी सकारात्मक तरीके से बात हुई, जिसमें ऊर्जा मंत्री ने संघर्ष समिति समझौते की बात लागू करने का आश्वासन दे दिया, जिसके बाद बिजली कर्मचारी नेताओं ने हड़ताल खत्म करने का ऐलान कर दिया। बातचीत के बाद ऊर्जा मंत्री ने कहा कि हम तो पहले भी सकारात्मक रूप से बातचीत के लिए तैयार थे, उन्होंने बिजली कर्मचारियों से अपील करते हुए कहा कि सभी काम पर वापस लौट जाएं।

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