लखनऊ। (आवाज न्यूज ब्यूरो) मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्कूल चलो अभियान का शुभारंभ करते हुए कहा कि शिक्षक अपने स्कूल वाले गांवों में भ्रमण करें और ड्रॉप आउट बच्चों के अभिभावकों से संपर्क करें और हर बच्चे को स्कूल से जोड़ें। हमें यूपी को शत-प्रतिशत साक्षर बनाने की चुनौती लेनी होगी। बच्चों को स्कूली शिक्षा से जोड़ने के लिए जुलाई 2017 में स्कूल चलो अभियान की शुरुआत की गई। अब स्कूल छोड़ने वालों की संख्या कम हुई है। हमारा प्रयास है कि कोई भी बच्चा स्कूल जाने से वंचित न रह जाए।
मुख्यमंत्री ने शनिवार को लखनऊ के लोकभवन में आयोजित कार्यक्रम में संचारी रोग नियंत्रण अभियान और स्कूल चलो अभियान का शुभारंभ किया। इस दौरान मुख्यमंत्री योगी ने कक्षा एक से आठ तक के बच्चों को पुस्तकें भी भेंट की। कार्यक्रम में निपुण आकलन में उत्तीर्ण होने वाले बच्चों को भी सम्मानित किया। मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में शिक्षक मैनुअल और कलेंडर का भी विमोचन किया। प्रदेश सरकार ने बीते चार वर्ष में स्कूल छोड़ चुके बच्चों को वापस स्कूल लाने का प्रयास किया है। इसके लिए स्कूल चलो अभियान चलाया जा रहा है। प्रदेश में एक करोड़ 92 लाख बच्चे स्कूलों में पढ़ रहे हैं। यह सफलता है। ड्रॉप आउट रेट कम हुआ है। पहले विद्यालय के भवन दुरुस्त नहीं थे। स्कूलों में शौचालय नहीं थे। यूनिफार्म नहीं थे। बच्चे नंगे पैर स्कूल आते थे। अब यह बदल रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि स्कूलों का कायाकल्प हो रहा है। बेसिक शिक्षा परिषद एनसीआरटी को अपना रहा है। हर ब्लॉक को निपुण घोषित किया जा रहा है। बालिकाओं के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम भी लांच किया गया है। बेसिक में एक लाख 60 शिक्षको को तैनाती दी गई है। स्कूल चलो अभियान एक माह तक चलेगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निर्देश दिया कि बेसिक शिक्षा अधिकारी ग्रामीण क्षेत्रों में जाएं। बच्चों की स्क्रीनिंग करें। हर स्कूल के शिक्षक अपने विद्यालय वाले गांव का अध्ययन करें। गांव में कितने बच्चे हैं। कितने स्कूल जाने से वंचित हैं। वंचित हैं तो क्यों? वहां की सामाजिक स्थिति क्या है?
हर जिलाधिकारी एक नोडल अधिकारी बनाए। एक माह में डीबीटी के जरिए अभिभावक के खाते में आर्थिक मदद पहुंचाएं। स्कूलों में खेलकूद सहित अन्य कार्यक्रम भी कराएं। हर ग्राम पंचायत में स्कूल के आसपास खेल का मैदान होना चाहिए। खेल के मैदान की देखभाल ग्राम पंचायत करेगी। इस अभियान में निजी स्कूलों को भी जोड़ा जाए जिससे शत प्रतिशत साक्षरता हासिल की जा सके।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि यूपी में देश की आत्मा निवास करती है। यह शिक्षा और स्वास्थ्य का प्रमुख केंद्र रहा है। काशी प्राचीन काल से शिक्षा का केंद्र रही है। प्रयागराज उच्च शिक्षा का केंद्र रहा है। नैमिषारण्य भी यहीं है। यूपी की पहचान दुनिया भर में रही है लेकिन एक समय ऐसा रहा है कि यहां की पहचान गुंडागर्दी और अराजकता बन गई। प्रदेश बीमारी और भ्रष्टाचार के कारण जाना जाता था लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में जो कदम उठाए गए उससे बदलाव दिख रहा है।
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि यूपी के अलग-अलग क्षेत्रों में अलग-अलग बीमारी थी। कुशीनगर के आसपास बड़ी संख्या में बच्चे मस्तिष्क ज्वर की चपेट में आते थे। झांसी में चिकनगुनिया का कहर था। लखनऊ के आसपास डेंगू का कहर था लेकिन स्वास्थ्य विभाग के नेतृत्व में कई विभागों को जोड़कर अभियान चलाया गया तो असर दिखा। पांच साल पहले 2018 में संचारी रोगों के खिलाफ अभियान शुरू हुआ।
भारत सरकार,यूनिसेफ और अन्य संगठनों के सहयोग से इसका लाभ मिला। संचारी रोग नियंत्रण के लिए यूपी का मॉडल पूरे देश में सराहा गया है। मस्तिष्क ज्वर के कारण 40 साल में करीब 50 हजार लोगों की मौत हुई। इसके लिए कौन जिम्मेदार है? अब यह पूरी तरह नियंत्रित है। मलेरिया और कालाजार नियंत्रण में है। डेंगू से अब भय नहीं है। जान नहीं जाती है। संचारी रोगों पर सबसे ज्यादा फोकस स्वच्छता पर देना है। शिक्षक सिर्फ पाठ्यक्रम से मतलब न रखे बल्कि अभिभावकों से भी संपर्क रखें। अच्छे शिक्षक का दायित्व है कि कमजोर बच्चे को उत्कृष्ट बनाएं।
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि हर व्यक्ति को उसके कर्म का फल मिलता है। पहले माफिया थे अब उनकी क्या दुर्गति है? कैसे उनको सजा हो रही है? कैसे लोग जश्न मनाते हैं?
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि टीबी को खत्म करने के लिए शिक्षक भी सामने आएं। टीबी मरीजों को गोद लिया जा रहा है। अगर एक शिक्षक एक टीबी मरीज को गोद लेगा तो यह देश के लिए एक मॉडल बनेगा।
उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा कि संचारी रोग नियंत्रण अभियान और स्कूल चलो अभियान एक साथ शुरू होने का फायदा पूरे प्रदेश को मिलेगा इससे प्रदेश में भी परिवर्तन होगा। पिछली सरकारों ने बच्चों के भविष्य को अंधकारमय बना दिया था। आज 90 फीसदी से ज्यादा स्कूल कायाकल्प अभियान में बदल गए हैं। मांटेसरी स्कूल बदल गए हैं।
उन्होंने कहा कि विद्यालय में सम्मानित लोगों को आगे किए जाने से स्कूलों का सीन बदल गया है। संचारी रोग नियंत्रण अभियान में पांच करोड़ परिवार से संपर्क करेंगे। इसके तहत सफाई और रोग नियंत्रण आदि के बारे में बताएंगे। उन्होंने कहा कि आशावर्कर बच्चों को स्कूल भेजने के लिए प्रेरित करें।
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि यूपी का अभियान पूरे देश में सराहा गया है। अब पूरे देश में इसे चलाया जाएगा। इस अभियान में 10 विभाग लगाए गए हैं। सभी का समन्वय है। जापानी इंसेफलाइटिस का समापन हुआ है और अन्य बीमारियां भी कम हो रही हैं।
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