कन्नौज : विकास की स्थलीय समीक्षा में कई बार अफसरों पर उठी उंगली

डिप्टी सीएम बृजेश पाठक ने दिए कई कारगर सुझाव

बृजेश चतुर्वेदी

कन्नौज।(आवाज न्यूज ब्यूरो) जिले में विकास योजनाओं का स्थलीय निरीक्षण करने पहुंचे डिप्टी सीएम बृजेश पाठक ने अफसरों की खामियों को पकड़ा। समीक्षा बैठक के दौरान जब अधिकारियों ने आंकड़े प्रस्तुत किए तो डिप्टी सीएम ने उन पर कई टिप्पणियां की जिसके बाद विभागों के अधिकारी सफाई देते नजर आए। उन्होंने डीएम को निर्देश दिए कि वह समय-समय पर निरीक्षण कर योजनाओं की हकीकत जानने का प्रयास किया करें।

डिप्टी सीएम बृजेश पाठक गुरुवार को फर्रुखाबाद जिले से चलकर गुरसहायगंज कस्बे में पहुंचे। जहां उन्होंने मलिन बस्ती का निरीक्षण किया। वह नौली, सिकन्दरपुर और करमुल्लापुर गांव भी गए। जहां गौशाला, सामुदायिक शौचालय और पुष्टाहार उत्पादन केंद्र का निरीक्षण किया। इसके बाद वह भाजपा के जिला कार्यालय पहुंचे। जहां पार्टी नेताओं से मुलाकात की। 20 मिनट रुकने के बाद कलक्ट्रेट पहुंचे। जहां उन्होंने विकास कार्यों की समीक्षा की।

उन्होंने जिला पंचायत राज अधिकारी जितेंद्र मिश्रा से

पंचायत भवनों के बारे में जानकारी की। बताया गया कि पंचायत भवनों में इंटरनेट कनेक्शन नहीं हो पाए, जिस कारण ऑनलाइन काम करवाने में परेशानी हो रही है। इस पर डिप्टी सीएम ने डीएम शुभ्रान्त कुमार शुक्ल को निर्देश दिए कि वह बीएसएनएल के अधिकारियों और टीडीएम के साथ बैठक करें और गांव-गांव बने पंचायत भवनों तक ब्रांड बैंड कनेक्शन करवाने का काम करें।

सामुदायिक शौचालयों को लेकर बात की तो बताया गया कि सभी शौचालय चालू हैं और व्यवस्थाएं भी चाक-चौबंद हैं लेकिन भाजपा नेताओं ने उन्हें बताया कि न तो वहां बिजली कनेक्शन हैं और न ही पानी की व्यवस्थाएं हैं। इस पर उन्होंने नाराजगी जाहिर की और समय रहते बिजली कनेक्शन करवाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि निरीक्षण के दौरान एक जगह 9 टोटियां एकदम चमचमाती दिखाईं दीं, जिससे ये साफ समझ में आ गया कि मेरे आने से पहले ही वो टोटियां लगाईं गईं हैं। उन्होंने कहा कि शौचालयों में साफ-सफाई और देखभाल करने वाले कर्मियों को समय से मानदेय दिया जाए।

गौशालाओं को लेकर डिप्टी सीएम ने कहा कि निरीक्षण के दौरान गौशालाएं तो ठीक दिखीं, लेकिन वहां गायों की हालत खराब थी। उन्होंने कहा कि सभी गौशालाओं में छायादार पौधे लगाए जाएं ताकि गायों के साथ साथ पक्षियों को भी ठिकाना मिल सके।

उप मुख्यमंत्री ने समीक्षा बैठक के दौरान बिजली अधिकारियों से आपूर्ति के बारे में जानकारी चाही तो उनके सामने विभागीय अधिकारियों ने आंकड़े प्रस्तुत कर दिए। जिसमें शहरी क्षेत्रों को 23 घण्टे और ग्रामीणों क्षेत्रों को 18 से 20 घण्टे तक आपूर्ति करने का जिक्र था। आंकड़ों को देखकर भले ही डिप्टी सीएम ने संतोष जाहिर किया हो लेकिन हकीकत में पिछले एक महीने से बिजली को लेकर में त्राहि-त्राहि मची है। शहरी क्षेत्र में लो-वोल्टेज और ट्रिपिंग से जनता परेशान है जबकि ग्रामीण क्षेत्र में बमुश्किल 4 से 6 घण्टे ही बिजली मिल पा रही है।

समीक्षा बैठक के दौरान डीपीआरओ जितेंद्र मिश्रा से डिप्टी सीएम ने ग्रामीण क्षेत्रो की साफ-सफाई को लेकर बात की तो उन्होंने बताया कि 610 सफाई कर्मी हैं और सभी क्षेत्र में काम पर जाते हैं। इस पर डिप्टी सीएम ने उनकी बात काटते हुए कहा कि सफाई कर्मियों से गांव की सफाई का काम नहीं लिया जाता, बल्कि अधिकारी उन्हें अपने काम मे लगाए रखते हैं। अब किसी भी सफाई कर्मी से कोई और काम नहीं कराया जाएगा। गांव-गांव जाकर सफाई कर्मी वहां साफ-सफाई का काम करें।

जिला अस्पताल का निरीक्षण करने पहुंचे डिप्टी सीएम, जोकि स्वास्थ्य मंत्री भी है सबसे पहले इमरजेंसी में पहुंचे। जहां एक मरीज लेटा हुआ था लेकिन डॉक्टर गायब थे। पूछने पर बताया गया कि डॉक्टर रवि शर्मा की ड्यूटी है। कुछ ही देर में वहां डॉक्टर पहुंच गए। पूछने पर वह कोई जवाब नहीं दे पाए। इस पर डिप्टी सीएम ने नाराजगी व्यक्त की और उन्हें ठीक से ड्यूटी करने की नसीहत दी।

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