बालासोर रेल हादसा : अब तक 280 लोगों की मौत, 900 से ज्यादा घायल

नई दिल्ली। (आवाज न्यूज ब्यूरो) ओडिशा के बालासोर जिले के बहानागा रेलवे स्टेशन के पास शुक्रवार शाम करीब 7 बजे बड़ा ट्रेन हादसा हो गया। स्टेशन के पास तीन ट्रेनें आपस में टकरा गईं। हादसे के बाद बचाव टीमें मौके पर पहुंचीं और रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया। इस भीषण रेल हादसे में अब तक मिली जानकारी के अनुसार 280 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है, वहीं 900 से ज्यादा यात्री घायल बताये जा रहे हैं। मृतकों के परिजनों के लिए रेल मंत्रालय ने मुआवजे का ऐलान किया है। केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने मृतक के परिजनों को 10 लाख रुपए और गंभीर रूप से घायल लोगों के लिए 2 लाख रुपए और मामूली रूप से घायल लोगों के लिए 50,000 रुपए की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की है।
दूसरी तरफ पीएम मोदी ने भी हादसे पर समीक्षा बैठक करते हुए स्थिति का जायजा लिया। आज शाम तक पीएम मोदी भी बालासोर के लिए रावाना होंगे। घटनास्थल का जायजा लेने के बाद पीएम मोदी कटक जाएंगे जहाँ अस्पताल में घायलों से मुलाकात करेंगे। हादसे को देखते हुए पीएमओ की तरफ से भी मृतकों के लिए 2 लाख और गंभीर रूप से घायल लोगों के लिए 50,000 रु अनुग्रह राशि देने की घोषणा की गई है। वहीं इस हादसे को लेकर ओडिशा सरकार ने एक दिन के राजकीय शोक का ऐलान किया है।
इन्फॉर्मेशन पब्लिकेशन रेलवे बोर्ड के एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर अमिताभ शर्मा ने बताया कि अभी तक 100 से ज्यादा लोगों ने अनुग्रह राशि पर दावा किया है। तीन जगहों- बालासोर, सोरो और बहनागा बाजार पर काउंटर लगाए गए हैं। अभी तक 48 ट्रेनें कैंसिल की गई हैं, 39 ट्रेनें डायवर्ट हुई हैं और 10 को शॉर्ट-टर्मिनेट किया गया है। भारतीय रेलवे ने ओडिशा में भीषण ट्रेन हादसे के बाद हेल्पलाइन नंबर जारी किए हैं।
हादसे के बारे में जानकारी देते हुए रेलवे अधिकारियों ने बताया कि सबसे पहले शालीमार-चेन्नई कोरोमंडल एक्सप्रेस डिरेल हुई थी। इसके कुछ डिब्बे दूसरी पटरी पर पलट गए। इसके बाद दूसरी तरफ से आ रही यशवंतपुर-हावड़ा एक्सप्रेस डिरेल होकर इस ट्रेन से टकरा गई और फिर दोनों ट्रेन की कुछ बोगियां पटरी से उतर गईं। ये बोगियां दूसरे ट्रैक पर खड़ी मालगाड़ी से जा भिड़ीं। हादसा इतना भयंकर था कि कोरोमंडल एक्सप्रेस का इंजन और कुछ बोगियां मालगाड़ी के ऊपर जा पहुंची। इसके अलावा रेलवे ट्रैक भी उखड़ कर ट्रेन के बेस को चीरते हुए अन्दर जा जा घुसा।
रेल अधिकारी ने बताया कि ट्रेन नंबर 12864 बेंगलुरु-हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस 1 जून को सुबह 7ः30 बजे बेंगलुरु के यशवंतपुर स्टेशन से चली थी। इसे 2 जून को शाम करीब 8 बजे हावड़ा पहुंचना था। यह अपने समय से 3.30 घंटे की देरी से 6ः30 बजे भद्रक पहुंची। अगला स्टेशन बालासोर था, जहां ट्रेन 4 घंटे की देरी से 7ः52 पर पहुंचने वाली थी। वहीं, ट्रेन नंबर 12841 शालीमार-चेन्नई सेंट्रल कोरोमंडल एक्सप्रेस 2 जून को ही दोपहर 3ः20 बजे हावड़ा से रवाना हुई थी। ये 3 जून को शाम 4ः50 बजे चेन्नई सेंट्रल पहुंचती। यह अपने सही समय पर 6ः37 बजे बालासोर पहुंची।
अगला स्टेशन भद्रक था जहां ट्रेन को 7ः40 बजे पहुंचना था। लेकिन, 7 बजे करीब दोनों ट्रेन बहानगा बाजार स्टेशन के पास से आमने-सामने से गुजरीं और तभी हादसा हुआ। इस हादसे के बाद घायलों को तुरंत गोपालपुर, कांतापारा, बालासोर, भद्रक और सोरो के अस्पतालों में भर्ती कराया गया। लोग अपने परिजनों को ढूंढते हुए इन अस्पतालों में पहुंच रहे हैं।
गौरतलब है कि इससे पहले 3 फरवरी 2009 को ओडिशा के जाजपुर जिले में ट्रैक बदलते समय कोरोमंडल एक्सप्रेस की 13 बोगियां पटरी से उतर गई थीं। इस हादसे में ट्रेन में सवार 16 लोगों की मौत हुई थी। इत्तेफाक से उस दिन भी शुक्रवार था। इसके अलावा 15 मार्च, 2002 को दोपहर में आंध्र प्रदेश के नेल्लोर जिले में इसके सात डिब्बे पटरी से उतर गए थे। इस हादसे में 100 यात्री घायल हुए थे। इसके अलावा 14 जनवरी 2012 को ओडिशा में लिंगराज स्टेशन के पास इस ट्रेन के जनरल डिब्बे में आग लगी थी।
6 जून, 1981 : देश में सबसे बड़ी रेल दुर्घटना हुई थी। इस तारीख को बिहार में पुल पार करते समय एक ट्रेन बागमती नदी में गिर गई थी, जिसमें 750 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी।
20 अगस्त, 1995 : फिरोजाबाद के पास पुरुषोत्तम एक्सप्रेस खड़ी कालिंदी एक्सप्रेस से टकरा गई थी। इस घटना में 305 लोगों की मौत हुई थी।
26 नवंबर, 1998 : जम्मू तवी-सियालदह एक्सप्रेस पंजाब के खन्ना में फ्रंटियर गोल्डन टेंपल मेल के पटरी से उतरे तीन डिब्बों से टकरा गई थी, जिसमें 212 लोगों की मौत हो गई थी।
दो अगस्त, 1999 : गैसल ट्रेन दुर्घटना हुई थी, इस हादसे में ब्रह्मपुत्र मेल उत्तर सीमांत रेलवे के कटिहार डिवीजन के गैसल स्टेशन पर अवध असम एक्सप्रेस से टकरा गई थी। इस दुर्घटना में 285 से अधिक लोगों की मौत हुई थी और 300 से अधिक घायल हो गए। पीड़ितों में सेना, बीएसएफ और सीआरपीएफ के जवान शामिल थे।
20 नवंबर, 2016 : पुखरायां ट्रेन पटरी से उतर गई थी। इस हादसे में 152 लोगों की मौत हो गई थी और 260 घायल हो गए थे।
9 सितंबर, 2002 : रफीगंज ट्रेन हादसा- हावड़ा राजधानी एक्सप्रेस रफीगंज में धावे नदी पर एक पुल के ऊपर पटरी से उतर गई थी, जिसमें 140 से अधिक लोगों की मौत हो गई।
23 दिसंबर, 1964 : पंबन-धनुस्कोडि पैसेंजर ट्रेन रामेश्वरम चक्रवात का शिकार हो गई थी, जिससे ट्रेन मे सवार 126 से अधिक यात्रियों की मौत हो गई।

28 मई, 2010 : जनेश्वरी एक्सप्रेस ट्रेन पटरी से उतर गई थी। मुंबई जाने वाली ट्रेन झारग्राम के पास पटरी से उतर गई थी और फिर एक मालगाड़ी से टकरा गई थी, जिससे 148 यात्रियों की मौत हो गई थी।

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