माल और शस्त्र के आठ नकदी और वाहन भी बरामद
बृजेश चतुर्वेदी
कन्नौज। शहर में 10 दिन पहले हुई डकैती की घटना का पुलिस ने पर्दाफाश कर दिया है। बदमाशों तक पहुंचने के लिए पुलिस ने कन्नौज से कानपुर तक कई सीसीटीवी कैमरे खंगाल डाले। 2 दिन और 2 रातों की मेहनत के बाद पुलिस ने डकैतों के गैंग की पहचान की और फिर 5 बदमाशों को पकड़ने में सफलता हासिल कर ली।
कन्नौज के मकरन्दनगर एरिया में काली मंदिर के पास रहने वाले इत्र कारोबारी विमलेश तिवारी उर्फ विम्मू के घर 29 जून को रात डेढ़ बजे डकैती पड़ी थी। पूरे परिवार को असलहे के बल पर बदमाशों ने बंधक बना लिया था और फिर घर में रखे जेवर व कैश लेकर भाग गए थे। घर की दीवार कूदकर अंदर जाने और फिर करीब 45 मिनट बाद घर के अंदर से बदमाशों के गैंग के बाहर निकलने की घटना पड़ोसी के सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई थी। जिसमें 9 से 10 बदमाश नजर आ रहे थे।
डकैती की इस घटना के खुलासे के लिए पुलिस पर सत्तापक्ष के नेता और व्यापारी संगठन के लोग दबाव बना रहे थे। ऐसे में एसपी कुंवर अनुपम सिंह ने जिले के सभी थानों की पुलिस को केस के खुलासे में लगा दिया था। करीब 10 दिन की मेहनत के दौरान पुलिस टीमों ने 5 बदमाशों को अरेस्ट कर लिया। पकड़े गए बदमाशों में कानपुर नगर के बिल्हौर थाना क्षेत्र घिमाऊ गांव निवासी अखिलेश जोशी, प्रयागराज के घूरपुर गांव निवासी जादव व दादाराम, मध्यप्रदेश के गुना जिले के सित्रवासा निवासी सुल्तान मोगिया, अशोकनगर जिला निवासी मनोज उर्फ मनोहर पारदी के नाम शामिल हैं।
बदमाशों के कब्जे से पुलिस ने लूटे गए 5 लाख 2 हजार 600 रुपए, लाईसेंसी रिवॉल्वर और वारदात में इस्तेमाल की गई मारुती ओमनी बरामद की है। हालांकि गैंग के सरगना समेत अन्य बदमाश अभी भी पुलिस की पकड़ से दूर हैं। जो बदमाश फरार हैं, उनमें मध्यप्रदेश के शिवपुरी जिले के सेवड़ा गांव निवासी सूरज पारदी, नासिर और मध्यप्रदेश के ही अशोकनगर जिले के माधौगढ़ गांव निवासी विक्की पारदी के नाम शामिल हैं।
इत्र कारोबारी विमलेश तिवारी के घर पर उन्हीं के पूर्व ड्राइवर ने अपने साथियों के साथ मिलकर डकैती की वारदात को अंजाम दिया था। एसपी कुंवर अनुपम सिंह ने बताया कि अखिलेश जोशी नाम के जिस बदमाश को पकड़ा गया है वह करीब 3 वर्ष पहले इत्र कारोबारी विमलेश तिवारी के यहां ड्राइवर था।
अखिलेश चंदन सप्लाई का काम करता था और वह गुजरात, राजस्थान व हैदराबाद जैसे राज्यों से चोरी छिपे चंदन की लकड़ी लेकर कन्नौज आता था। चंदन सप्लाई के मामले में अखिलेश मध्य प्रदेश और लखनऊ की जेल में रह चुका है। जेल से छूटने के बाद वह कन्नौज आ गया और इत्र कारोबारी विम्मू तिवारी से पहले से परिचित होने के कारण उसने कुछ दिन उनके घर की रेकी की और फिर पारदी गैंग के सदस्यों के साथ मिलकर डकैती की वारदात को अंजाम दे दिया।
घटना का पर्दाफाश करते हुए एसपी कुंवर अनुपम सिंह ने बताया कि बदमाशों की धरपकड़ के लिए पुलिस टीमों ने 257 सीसीटीवी कैमरे खंगाले।
मारुती ओमनी में कानपुर के नम्बर था। जिसके आधार पर पुलिस उसके मालिक तक पहुंची। पूछताछ करने पर ओमनी मालिक ने बताया कि 28 जून को उसकी कार उसका सगा साला अखिलेश जोशी मांग कर ले गया था। जिसके बाद पुलिस ने दबिश देकर अखिलेश जोशी को पकड़ लिया और फिर घटना की परतें खुलती चली गईं।