लखनऊ। (आवाज न्यूज ब्यूरो) बसपा सुप्रीमो एवं पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने कहा कि आर्थिक सलाहकार परिषद के चेयरमैन बिबेक देबरॉय द्वारा अपने लेख में देश में नए संविधान की वकालत करना उनके अधिकार क्षेत्र का खुला उल्लंघन है। इसका केन्द्र सरकार को तुरन्त संज्ञान लेकर कार्रवाई करनी चाहिए, ताकि आगे कोई ऐसी अनर्गल बात करने का दुस्साहस न कर सके।
उन्होंने कहा कि देश का संविधान इसकी 140 करोड़ गरीब, पिछड़ी व उपेक्षित जनता के लिए मानवतावादी एवं समतामूलक होने की गारण्टी है। यह स्वार्थी, संकीर्ण, जातिवादी तत्वों को पसंद नहीं है। वे इसको जनविरोधी व धन्नासेठ-समर्थक के रूप में बदलने की बात करते हैं, जिसका विरोध करना सबकी जिम्मेदारी है।
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