‘‘देश भर के वरिष्ठ गैरभाजपाई नेता होंगे रैली में शामिल’’
नई दिल्ली । (आवाज न्यूज ब्यूरो) इनेलो नेता चौ0 अभय सिंह चौटाला की ताजी-ताजी यात्रा के तुरंत बाद जननायक चौ0 देवीलाल के जन्मोत्सव 25 सितंबर 2023 को प्रस्तावित रैली का होना बेहद परिपक्व राजनीति का एक उदाहरण कहा जा सकता है। हाल ही में जनता के बीच गांव-गांव घर-घर पहुंच उनकी समस्याओं को नजदीक से जानने के बाद लोगों के दिलों में पहुंचने के उनके प्रयास रहे। इसलिए होने वाली यह रैली बेहद विशाल और प्रभावी होने की संभावना मानी जा रही है। अतीत में हरियाणा के आज तक के इतिहास में चौ0 देवीलाल के मुकाबले की रैली किसी अन्य दल या नेता की कम ही देखने को मिलती हैं। अगर इतिहास पर नजर डालें तो इसमें कोई अतिशयोक्ति नहीं कि चौ0 देवीलाल रैलियों के स्पेशलिस्ट थे। हालांकि चौ0 भजनलाल एवं कुलदीप बिश्नोई की रैलियों में भी भारी भरकम भीड़ की उपस्थिति होती रही है, लेकिन आज कुलदीप के हालात पहले जैसे नहीं रहे। देश-प्रदेश में जल्द चुनावों की संभावनाओं के दौरान इस प्रकार से इनेलो द्वारा रैली के आयोजन को सूझबूझ और समझदारी वाली राजनीति माना जा सकता है।
आज भारतवर्ष की पूरी राजनीति दो ध्रुवों के इर्द-गिर्द इकट्ठी होती जा रही है। एक तरफ कांग्रेस नेतृत्व में उनसे प्रभावित तथा दूसरी तरफ भाजपा नेतृत्व में उनसे प्रभावित दल खड़े नजर आ रहे हैं। कांग्रेस समर्थित ग्रुप के नाम का अब नवीनीकरण होकर ‘इंडिया’ हो चुका है। कांग्रेस और उनके साथियों द्वारा इस फैसले के बाद दूसरे धड़े के लिए काफी परेशानियां खड़ी नजर आ रही है। क्योंकि एनडीए इसके बारे में बहुत ज्यादा नहीं बोल पा रहा। क्योंकि ज्यादा बोलने या जुबान फिसलने से बड़ा संकट भी पैदा हो सकता है। वही ध्रुवीकरण के दौर में इनेलो की इस रैली में देश के तमाम गैर भाजपाई बड़े नेता शरद पवार, नीतीश कुमार, अखिलेश यादव, के सी त्यागी, ममता बनर्जी इत्यादि बहुत से नेता पहुंच रहे हैं। स्वयं नए फ्रंट के संस्थापक राहुल गांधी,सत्यापाल मलिक सरीखे दिग्गज भी इस रैली में शामिल हो सकते हैं। आज वह दौर है जब यूपीए के स्थान पर बन गए राजनीतिक मंच ‘इंडिया’ का क्रेज बढ़ा है और दूसरी तरफ मौजूदा सरकार के लंबे समय से राज होने के कारण एंटी इनकम्बेंसी को भी गति मिली है।
प्रदेश की अगर बात करें तो केंद्र की तरह प्रदेश में कांग्रेस पार्टी खासतौर पर इनके सबसे बड़े नेता माने जाने चौ0 भूपेंद्र सिंह हुड्डा जो मौजूदा दौर में बेशक नेता प्रतिपक्ष हैं और कुछ समय पहले तक कुछ जिलों के खासतौर पर जाट वोटरों की यह पहली पसंद रहे हैं। दूसरी तरफ जानकारी अनुसार कांग्रेस हाईकमान की नाराजगी इस बात से भी भूपेंद्र सिंह हुड्डा से हुई है कि नेता प्रतिपक्ष बनाने के बावजूद भाजपा के विरोध में यह विधानसभा में, ना ही सड़क, रैली, प्रदर्शनों में कुछ खास बोल नही पाते। गैर जाटों को लुभाने व भाजपा के वोट बैंक में सेंध लगाने का प्रयास सभी का है। भूपेंद्र सिंह हुड्डा के मुख्यमंत्री रहने दौरान 10 साल के कार्यकाल में खुलेआम अपने चहेतों को हर प्रकार का सरकारी छोटा-बड़ा लाभ पहुंचाया जाना भी प्रदेश में कांग्रेस को कमजोर कर गई है। इसलिए भी कांग्रेस हाईकमान को कांग्रेस का चेहरा उन्हें रखने में एतराज नजर आ रहा है।
वहीं दूसरी तरफ गैर जाट वोटर भाजपा के साथ आकर अपने को ठगा महसूस कर रहा है। मुख्य रूप से ट्रिपल बी ब्राह्मण, बनिया और वाल्मीकि इस वक्त काफी असमंजस में है। भूपेंद्र सिंह हुड्डा के सामने से हटने पर यह वोट बैंक कुछ फीसदी कांग्रेस और कुछ इनेलो में बंट रहा था और अगर अब यदि इनेलो ‘इंडिया’ का हिस्सा बन गई तो इस पूरे ट्रिपल बी का रुख इस गठबंधन में जाने का हो सकता है। जिससे स्थिति में आमूलचूल परिवर्तन निश्चित है। इसके साथ-साथ आरंभ से ही कांग्रेस के साथ रहने वाला एससी-एसटी वर्ग जो जाति-पाति के नाम पर कुछ समय से भ्रमित होकर मायावती के साथ जुड़ गया था, उन्हें रोकने के लिए भाजपा लगातार भरसक प्रयास कर रही है, लेकिन आज के अनुमान के अनुसार वह भी कांग्रेस की ओर रुख करेगा। उनका पहला चयन कांग्रेस पार्टी ही रहेगी, क्योंकि कुछ समय से यह वर्ग भी मौजूदा सरकार से काफी निराश और नाराज नजर आ रहा है। पिछड़े वर्ग की भी आधी आबादी एनडीए और आधी ‘इंडिया’ में जा सकती है।
इनेलो के साथ कई पीढ़ियों से पारिवारिक-राजनीतिक रिश्तों वाली अकाली दल भी अगर ‘इंडिया’ के साथ आई तो यह गठबंधन अजेय की स्थिति में आ सकती है यानी आज एनडीए द्वारा उठाए गए कदम फायदे की बजाय उनके लिए नुकसानदायक साबित हो रहे हैं। चौ0 अभय सिंह चौटाला के अनुसार जननायक चौ0 देवीलाल के जन्मोत्सव की यह रैली नए आयाम स्थापित करती हुई भारतीय राजनीति को एक नया मोड़ देने का काम करेगी।