लखनऊ। (आवाज न्यूज ब्यूरो) संयुक्त किसान मोर्चा के राज्य सम्मेलन में किसान नेताओं ने कहा कि किसान आंदोलन को खत्म करते समय सरकार ने जो वादे किए थे वो पूरे नहीं हुए हैं। इसे लेकर किसानों में नाराजगी है। हमारी अगली लड़ाई किसानों को उनकी उपज का सही मूल्य दिलाने के लिए है। हम सरकार से न्यूतम समर्थन मूल्य की मांग करते हैं और किसानों को किसान सम्मान निधि की जगह उनकी फसल का दाम दिया जाए। लखनऊ के गांधी भवन में आयोजित सम्मेलन में किसान नेताओं ने अपनी बात की।
तेजिंदर सिंह विर्क ने कहा कि सरकार किसानों पर हमला कर रही है। 5000 करोड़ रुपये किसानों का गन्ना मूल्य और चीनी मिलों का बकाया है। धान की बेकद्री हो रही है। सभी किसान और मजदूर संगठन एक होकर लड़ेंगे और 2024 के चुनाव में आइना दिखाएंगे। अब हमें जवाब नहीं दस साल का हिसाब चाहिए। एक बार फिर हम दोबारा किसानों के बीच जाएंगे। आज 20 संगठन यहां एकत्र हुए हैं। 26 से 28 नवंबर के कार्यक्रम को सफल बनाएं। अखिल भारतीय किसान सभा केपी कृष्ण प्रसाद ने कहा कि किसान आंदोलन जितना मजबूत होगा। उतना देश मजबूत होगा। अब यह नहीं होगा कि जो किसान की बात करेगा वही देश पर राज करेगा। अब किसान ही देश पर राज करेगा। देश में किसान, मजदूर आधारित राज होना चाहिए।
उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन को देशद्रोही और विदेशी फंडिंग वाला बताया गया। हमें इसका जवाब देना होगा। सच्चाई यही है कि केंद्र सरकार ही देशद्रोह कर रही है। वह विदेशी कंपनियों को किसानों की जमीन दे रही है। हमें अनाज का पूरा दाम मिलना चाहिए। 6000 रूपये सम्मान निधि नहीं चाहिए।
भाकियू टिकैत के राष्ट्रीय महासचिव राजबीर सिंह जादौन ने अध्यक्षता करते हुए कहा कि दिल्ली में हुआ आंदोलन ऐतिहासिक था। देश की अहंकारी सरकार को घुटने पर लाने को मजबूर कर दिया। सभी किसान और मजदूर संगठन एकत्र हुए। सरकार ने एमएसपी लागू करने का वादा किया था पर नहीं किया। उन्होंने कहा कि हमारी अगली लड़ाई किसानों को उत्पाद का अधिकतम मूल्य दिलाने के लिए होगी। भारत सबसे बड़ा बाजार है अन्य देश अपना सामान यहां बेचते हैं। हमें सरकार के अगले कदम पर ध्यान देना होगा।
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