‘‘पंजाब के राज्यपाल की तरफ से विधानसभा से पारित विधेयकों को मंजूरी न देने पर सुप्रीम कोर्ट ने जताई नाराजगी’’’
नई दिल्ली। (आवाज न्यूज ब्यूरो) पंजाब के राज्यपाल की तरफ से विधानसभा से पारित विधेयकों को मंजूरी न देने पर सुप्रीम कोर्ट ने नाराजगी जताई है। कोर्ट ने कहा कि आप आग से खेल रहे हैं। यह लोकतंत्र है। जनप्रतिनिधियों की तरफ से पास बिल को इस तरह नहीं अटकाया जा सकता। आप यह नहीं कह सकते कि विधानसभा का सत्र ही गलत था।
उच्चतम न्यायालय ने पंजाब सरकार से पूछा कि विधानसभा के बजट सत्र की बैठक को स्थगित क्यों किया गया, अनिश्चितकाल के लिए सत्रावसान क्यों नहीं किया गया। शीर्ष अदालत ने पंजाब सरकार और राज्यपाल से कहा, ‘‘हमारा देश स्थापित परंपराओं पर चल रहा है और उनका पालन किया जाना चाहिए। पंजाब में जो हो रहा है हम उससे खुश नहीं हैं, यह गंभीर चिंता का विषय है।’’
राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित की ओर से पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने अदालत से कहा, ‘‘कोर्ट उनको इस मामले में एक हफ्ते का समय दे। वह इस मामले में कोई न कोई हल निकाल लेंगे। ऐसे में बेंच ने उनसे सवाल किया कि अगर निकालना था तो अदालत आने की जरूरत क्यों पड़ी।’’ इस पर सॉलिसटर ने कहा, उनको अगले हफ्ते सोमवार तक का समय दिया जाए।
इस पर सीजेआई बोले हमें एक संक्षिप्त आदेश जारी करने दीजिए। सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब में 19 और 20 जून को बुलाई गई विधानसभा बैठक को वैध ठहराया। राज्यपाल से कहा कि वह इस दौरान पास किए गए विधेयकों पर फैसला लें।
राज्यपाल सचिवालय ने दलील दी थी कि मार्च में बुलाई गए बजट सत्र को खत्म करने की बजाय स्थगित किया गया। जून में दोबारा बैठक बुलाए गई। यह गलत है। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि स्पीकर के पास ऐसा करने का अधिकार है। कोर्ट ने यह टिप्पणी भी की कि विधानसभा सत्र को अनिश्चित काल तक स्थगित रखना भी सही नहीं है।
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