एमपी विधानसभा चुनाव में सपा का बंटाधार, फेल हुआ पीडीए का फॉर्मूला और डिंपल-अखिलेश का प्रचार

लखनऊ। (आवाज न्यूज ब्यूरो) मध्य प्रदेश में न पीडीए का फार्मूला काम आया और न सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव का प्रचार। जिस सपा प्रत्याशी मिर्ची बाबा को अखिलेश यादव ने एक्स के जरिये शुभकामनाएं दी थीं, उसे महज 136 वोट मिले। राज्य में सपा जहां चारो खाने चित्त हो गई, वहीं ‘इंडिया’ गठबंधन को भी अपनी रणनीति पर पुनर्विचार करने की जरूरत है। क्योंकि, उसके रणनीतिकार जिस जातीय जनगणना के मुद्दे को सबसे कारगर मान रहे थे, मध्य प्रदेश के साथ-साथ राजस्थान और छत्तीसगढ़ में भी यह कोई खास प्रभाव नहीं छोड़ सका।
सपा ने मध्य प्रदेश में 74 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे। बुधनी विधानसभा सीट पर वैराग्यानंद जी महाराज उर्फ मिर्ची बाबा उसके सबसे चर्चित प्रत्याशी थे। अखिलेश यादव ने 23 अक्तूबर को उनके साथ अपना एक फोटो एक्स के जरिये शेयर करते हुए उन्हें चुनाव लड़ने के लिए शुभकामनाएं दी थीं, लेकिन मिर्ची बाबा फ्लॉप कैंडीडेट साबित हुए। अलबत्ता निवाड़ी सीट पर मीरा दीपक यादव जरूर 32670 वोट पाकर तीसरे स्थान पर रहीं। ज्यादातर प्रत्याशियों का प्रदर्शन कोई खास नहीं रहा।
मध्य प्रदेश के चुनाव में अखिलेश यादव ने 10 दिन से ज्यादा वहां रहकर चुनाव प्रचार किया था और डिंपल यादव ने भी कई सभाएं की थी, लेकिन ईवीएम खुली तो सपा के खाते में महज 0.46 प्रतिशत मत ही आए। पिछले विधानसभा चुनावों में सपा मध्य प्रदेश में सीटें जीतती रही है, पर इस बार उसके हिस्से सिर्फ जीरो ही आया।
मध्य प्रदेश के साथ ही छत्तीसगढ़ और राजस्थान का चुनाव ‘इंडिया’ गठबंधन के लिए अल्टीमेटम भी है कि उन्हें अपनी रणनीति के साथ-साथ सांगठनिक स्थिति को भी मजबूत करना होगा। घटक दलों का जातीय जनगणना के बहाने ओबीसी कार्ड चलाना भी कारगर साबित नहीं हुआ।
वहीं सपा के मुख्य प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी का कहना है कि इन चुनाव परिणामों से कोई निराशा नहीं है। हम संविधान और लोकतंत्र बचाने की लड़ाई जारी रहेंगे। ‘इंडिया’ के घटक दल लोकसभा चुनाव मिलकर लड़ेंगे।

Check Also

आंबेडकर को अपमानित करने वालों को हमेशा के लिए सत्ता से बाहर कर देगा ‘पीडीए’ : अखिलेश यादव

‘‘अखिलेश की अपील : आइए हम सब मिलकर देश का संविधान और बाबा साहब का …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *