नई दिल्ली। (आवाज न्यूज ब्यूरो) संसद की सुरक्षा में चूक के बाद से ही सत्ता और विपक्ष आमने-सामने हैं। लगातार विपक्ष द्वारा केंद्र सरकार पर हमला किया जा रहा है। संसद की कार्यवाही में व्यवधान डालने के आरोप में कई विपक्षी सांसदों को संसद के दोनों सदनों में चल रही शीतकालीन सत्र की शेष कार्यवाही से निलंबित कर दिया गया है। इसी बीच, टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी द्वारा सभापति की नकल उतारने का मामला भी तूल पकड़ता जा रहा है। इस मुद्दे को धनखड़ की तरफ से किसान और जाट का अपमान कहे जाने के मुद्दे पर अब मल्लिकार्जुन खरगे ने निशाना साधा है। उन्होंने कहा है कि जाति को हर मुद्दे में नहीं घसीटा जाना चाहिए। उन्होंने साथ ही यह सवाल भी किया कि क्या उन्हें हर बार राज्यसभा में बोलने की अनुमति नहीं मिलने पर यह कहना चाहिए कि दलित होने के कारण ऐसा हुआ है।
खरगे ने कहा कि सभापति का काम दूसरे सदस्यों को संरक्षण देना है लेकिन वह खुद इस तरह का बयान दे रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे अक्सर राज्यसभा में बोलने की अनुमति नहीं दी जाती है। क्या मुझे यह कहना चाहिए कि मैं दलित हूं… इसलिए… उन्हें जाति के नाम पर बोल कर लोगों को नहीं भड़काना चाहिए।’’ खरगे ने कहा, जो घटना सदन के बाहर हुई उसके बारे में सदन में प्रस्ताव पारित करना सही नहीं है…क्या प्रधानमंत्री ने सदन का बहिष्कार किया है जो वे सदन में आकर बयान नहीं दे रहे हैं?…सदन के अंदर जाति की बात करके लोगों को भड़काने का काम नहीं करना चाहिए। खरगे ने सवाल किया कि संसद की सुरक्षा में सेंध के मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने दोनों सदनों में कुछ भी नहीं कहा लेकिन संसद के बाहर उन्होंने अपनी बात रखी तो क्या प्रधानमंत्री और गृह मंत्री को माफी नहीं मांगनी चाहिए।
उधर कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि यह देश के लिए बहुत दुखद दिन है जब संवैधानिक पदों पर बैठे लोग अपनी जातियों के बारे में बात करते हैं। उन्होंने कहा कि सरकार यह मुद्दा उठाकर संसद की सुरक्षा में सेंध के मुद्दे से अपना पल्ला झाड़ने की कोशिश कर रही है। उन्होंने पूछा कि क्या अब हर किसी को अपनी जाति बताने वाला ठप्पा लगा कर घूमना चाहिए?
सांसदों के निलंबन को लेकर विपक्षी सांसद केंद्र के खिलाफ लामबंद हो गए हैं। संसद परिसर में मौजूद गांधी प्रतिमा के सामने विपक्षी सांसदों ने प्रदर्शन किया। इस धरने में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, सोनिया गांधी, राहुल गांधी समेत कई विपक्षी सांसद मौजूद हैं। इस दौरान मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि सांसदों का निलंबन सही नहीं है। सरकार का रवैया पूरी तरह से तानाशाही है। साथ ही उन्होंने कहा कि हम रुकने वाले नहीं है। केंद्र सरकार के खिलाफ यह प्रदर्शन जारी रहेगा।
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