अपर जिलाधिकारियों को आपदा प्रबंधन के गुर सिखाएंगे आईआईएम के गुरुजी, तीन चरणों में होगा आयोजन

लखनऊ।  (आवाज न्यूज ब्यूरो) योगी सरकार प्रदेश के सभी जिलों के अपर जिलाधिकारियों (एडीएम) को महामारी, बाढ़, सूखा, अतिवृष्टि, वज्रपात जैसी आपदाओं से निपटने और इसके उचित प्रबंधन में निपुण बनाने के लिए प्रशिक्षण शिविर का आयोजन करने जा रही है। यह शिविर तीन चरणों में आयोजित किया जाएगा, जिसमें प्रदेश के विभिन्न जिलों के 25-25 एडीएम को प्रशिक्षण दिया जाएगा।
शिविर में जलवायु परिवर्तन, संवेदनशीलता और आपदा प्रबंधन के क्षेत्र के आईआईएम समेत विभिन्न प्रमुख संस्थानों के एक्सपर्ट प्रशिक्षण देंगे। योगी सरकार पहले चरण में आईआईएम लखनऊ में 6 और 7 फरवरी को शिविर का आयोजन करने जा रही है, जिसमें 25 एडीएम प्रतिभाग करेंगे। शिविर को चार अलग-अलग सेशन में विभाजित किया गया है।
अपर मुख्य सचिव (राजस्व) सुधीर गर्ग ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का आपदाओं से होनी वाली जनहानि को न्यूनतम करने पर खास फोकस है। इसी का नतीजा है कि पिछले साढ़े 6 साल में प्रदेश में बाढ़ समेत अन्य आपदाओं से होने वाली जनहानि को काफी कम किया गया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की दूरदर्शिता और आपदा के पहले ही अधिकारियों के अलर्ट होने से यह संभव हो पाया है।

उन्होंने बताया कि सीएम योगी की मंशा के अनुरुप आपदाओं से निपटने और उसके उचित प्रबंधन के लिए प्रदेश के सभी जिलों के एडीएम का प्रशिक्षण कराने का निर्णय लिया गया है। इसी के तहत आईआईएम लखनऊ में दो दिवसीय प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया जा रहा है। शिविर में जलवायु परिवर्तन और संवेदनशीलता, आपदा प्रबंधन, राहत लॉजिस्टिक्स, स्टेकहोल्डर प्रबंधन, डिजिटल पहल और डिजाइन थिंकिंग के उपयोग जैसे विषयों पर चर्चा की जाएगी। इससे अधिकारियों को जिला स्तर पर नीति, प्रबंधन और क्रियान्वयन तंत्र को समझने में मदद मिलेगी। आईआईएम लखनऊ के प्रोफेसर एस वेंकटरमैया ने बताया कि शिविर के जरिये अधिकारियों को जलवायु संवेदनशीलता और आपदा प्रबंधन में टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल, चुनौतियों और जोखिमों की समझ विकसित करने में मदद मिलेगी।
प्रशिक्षण शिविर में एक्सपर्ट द्वारा अधिकारियों को नई प्रबंधन तकनीक, हाईटेक टेक्नोलॉजी के साथ-साथ जलवायु परिवर्तन और आपदा प्रबंधन में नये अवसरों की जानकारी दी जायेगी। प्रशिक्षण शिविर को प्रदेश के वर्तमान जलवायु परिवर्तन और आपदा प्रतिक्रिया को देखते हुए डिजाइन किया गया है। योगी सरकार का शिविर के जरिये प्रदेश में बढ़ती आपदाओं की घटनाओं को कम करने, प्रदेशवासियों को जागरुक करने के साथ जनहानि को न्यूनतम करने का उद्देश्य है। योगी सरकार की इस पहल से प्रदेश में जलवायु परिवर्तन और आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में एक नये युग की शुरुआत होगी।
शिविर के पहले सत्र में आईआईएम लखनऊ के प्रोफेसर ऑफ स्ट्रेटजिक मैनेजमेंट नीरज द्विवेदी, दूसरे सत्र में उत्तर प्रदेश सरकार के सीनियर ऑफिशियल्स, तीसरे सत्र में इंटेलेक्ट चेन्नई के सीईओ डॉ. अरुण जैन और चैथे सत्र में प्रसाद उन्नीकृष्णन और कोच्चि के जीटी भरत सम्मिलित होंगे। दूसरे दिन पहले सत्र में प्रसाद उन्नीकृष्णन और जीटी भरत, दूसरे तीसरे और चैथे सत्र में आईआईएम लखनऊ के प्रो. एस वेंकट शामिल होंगे।

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