बृजेश चतुर्वेदी
कन्नौज।(आवाज न्यूज ब्यूरो) बरसों पुरानी कंपनियों के पास भले 50 करोड़ कैश भी न हो लेकिन 200 करोड़ रुपये घर में नकद रखने वाले पीयूष जैन की कंपनियां बरसों पुरानी नहीं बल्कि चार साल पहले ही पंजीकृत हुई हैं। डीजीजीआई की विभागीय अंतरिम रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है। पीयूष जैन की तीन फर्में हैं। ओडोकैम इंडस्ट्रीज, ओडोसिंथ और फ्लोरा नेचुरल। डीजीजीआई रिपोर्ट के मुताबिक पीयूष की ये तीनों फर्में लिमिटेड लायबिलिटी पार्टनरशिप की हैं। जीएसटी में इनका रजिस्ट्रेशन केवल चार साल पहले वर्ष 2017 में कराया गया था। यही वजह है कि उसका कारोबार विभाग की निगाह में काफी देर से आया। चार साल में तीन फार्म खोलने वाले पीयूष जैन के घर से इतनी बड़ी मात्रा में मिला कैश लोगों के गले नहीं उतर रहा है। यह अपने आप में एक बड़ा सवाल है। गोपनीय रिपोर्ट में कहा गया है कि पीयूष ने घर में तहखाने बना रखे थे, जिनके ऊपर फ्लोरिंग की गई थी ताकि ढूंढने पर भी वहां तक पहुंच न सके। शातिर दिमाग पीयूष खजाना दो हिस्सों में रखता था। एक ऊपर बनवाई गई खुफिया अलमारियों में और दूसरा तहखाने में। इसका पीछे सोच ये थी कि कभी छापा पड़ भी जाए तो ऊपर वाली रकम लेकर अफसर लौट जाएंगे। तलाशी के दौरान उसके आनंदपुरी स्थित घर में चार खुफिया अलमारियां ग्राउंड फ्लोर पर मिलीं और तीन अलमारियां गुप्त तहखाने में पाई गईं। ग्राउंड फ्लोर की चारों खुफिया अलमारियों में 68 करोड़ रुपए सीज किए गए जबकि तहखाने की तीन अलमारियों से 109 करोड़ रुपए बरामद हुए। तहखानों की अलमारियों की क्षमता एक हजार करोड़ रुपए से भी ज्यादा है।