नई दिल्ली। (आवाज न्यूज ब्यूरो) कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खरगे ने बुधवार को कहा कि विपक्षी सांसदों ने राज्यसभा से वॉकआउट किया क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी झूठ बोल रहे थे और उन्होंने जोर देकर कहा कि भाजपा-आरएसएस, जनसंघ और उनके राजनीतिक पूर्वजों ने भारतीय संविधान का कड़ा विरोध किया था। प्रधानमंत्री जब राज्य सभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर बहस का जवाब दे रहे थे, तो विपक्षी भारतीय सांसदों ने सदन से बहिर्गमन कर दिया।
खरगे ने एक्स पर लिखा, भारतीय राजनीतिक दलों ने राज्यसभा से वॉकआउट किया क्योंकि प्रधानमंत्री मोदी झूठ बोल रहे थे। उनका दावा है कि हम संविधान के खिलाफ हैं, लेकिन सच्चाई यह है कि भाजपा-आरएसएस, जनसंघ और उनके राजनीतिक पूर्वजों ने भारत के संविधान का जमकर विरोध किया था। उन्होंने उस समय डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर और पंडित जवाहरलाल नेहरू के पुतले जलाए थे। यह शर्मनाक बात है और लोकतांत्रिक मूल्यों का अपमान है।
उन्होंने कहा, सच्चाई यह है कि डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर ने संविधान का मसौदा तैयार करने का श्रेय कांग्रेस पार्टी को दिया था। उन्होंने कहा कि मुझे राज्यसभा के माध्यम से भारत की जनता के समक्ष इन दो बातों पर जोर देना था।
1) आरएसएस के मुखपत्र आरगेनाइजर ने 30 नवंबर, 1949 के अंक में संपादकीय में लिखा था कि- भारत के इस नए संविधान की सबसे बुरी बात यह है कि इसमे भारतीय कुछ भी नहीं है… प्राचीन भारत के अद्भुत संवैधानिक विकास के बारे में इसमें कोई जिक्र ही नहीं है… आज तक मनुस्मृति में दर्ज मनु के कानून दुनिया की प्रशंसा का कारण हैं और वे स्वयंस्फूर्त आज्ञाकारिता और अनुरूपता पैदा करते हैं… हमारे संवैधानिक विशेषज्ञों के लिए यह सब निरर्थक है। यहां आरएसएस साफ तौर पर भारतीय संविधान के मुख्य निर्माता यानी अंबेडकर के विरोध में और मनुस्मृति के समर्थन में खड़ी है।
2) बाबासाहेब डॉ. अंबेडकर ने संविधान का प्रस्ताव पेश करते हुए कांग्रेस की तारीफ करते हुए 1949 में कहा था, 66 मुझे बहुत आश्चर्य हुआ था जब प्रारूप समिति ने मुझे अपना अध्यक्ष चुना। समिति में मुझसे बड़े, मुझसे बेहतर और मुझसे सक्षम लोग थे। यह कांग्रेस पार्टी के अनुशासन का ही कमाल था कि प्रारूप समित, संविधान सभा में संविधान को हर धारा और हर संशोधन के बारे में निश्चित जानकारी के साथ प्रस्तुत कर सकी। इस लिए संविधान सभा के समक्ष, संविधान के प्रारूप को अबाध रूप से प्रस्तुत किए जाने के समस्त श्रेय पर कांग्रेस पार्टी का हक बनता है।
वॉकआउट के बाद पत्रकारों को संबोधित करते हुए मल्लिकार्जुन खड़गे ने प्रधानमंत्री पर जमकर निशाना साधा। खरगे ने कहा, झूठ बोलना, लोगों को गुमराह करना और सच्चाई से परे बातें कहना उनकी आदत है। मैंने उनसे अभी पूछा है कि जब वे संविधान के बारे में बोल रहे थे, तो आपने संविधान नहीं बनाया, आप लोग इसके खिलाफ थे।
उन्होंने आगे कहा, मैं बस यह स्पष्ट करना चाहता था कि कौन संविधान के पक्ष में था और कौन इसके खिलाफ था। आरएसएस ने 1950 में अपने संपादकीय में लिखा था कि संविधान की सबसे बुरी बात यह है कि इसमें भारत के इतिहास के बारे में कुछ भी नहीं है। उन्होंने संविधान का विरोध किया। वे शुरू से ही इसके खिलाफ रहे हैं और वे कहते हैं कि वे इसके पक्ष में हैं। अंबेडकर, नेहरू के पुतले जलाए गए। अब वे कह रहे हैं कि हम इसके खिलाफ हैं।
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