पीएम नरेंद्र मोदी ने राज्यसभा में दिया एक घंटे 50 मिनट तक का भाषण

नई दिल्ली।  (आवाज न्यूज ब्यूरो) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर लाए गए धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा का जवाब दिया। इस दौरान उन्होंने विपक्ष की ओर से लगाए गए कई आरोपों का जवाब भी दिया। इससे पहले मंगलवार को उन्होंने लोकसभा में विपक्षी दल कांग्रेस को जमकर घेरा था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का लोकसभा में दिया गया भाषण दो घंटे 15 मिनट तक का रहा। आज दिया गया भाषण भी एक घंटे 50 मिनट से अधिक का रहा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्यसभा में बुधवार को राष्ट्रपति के अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव पर हुई चर्चा का जवाब दिया। एक घंटे 50 मिनट के भाषण में प्रधानमंत्री ने मणिपुर के हालात, नीट पेपर लीक जैसे मुद्दों पर भी बयान दिया। उन्होंने कहा कि हमने पिछले पांच साल में जितना काम किया है, उतना काम करना होता तो कांग्रेस को 20 साल लग जाते। पूर्वोत्तर में स्थायी शांति के लिए 10 साल निरंतर प्रयास किए गए हैं। बिना रुके, बिना थके प्रयास किए गए हैं। उसकी चर्चा देश में कम हुई है, लेकिन परिणाम व्यापक रहे हैं। उन्होंने पेपर लीक पर कहा कि हम चाहते थे कि पेपर लीक जैसे संवेदनशील मुद्दे पर राजनीति न हो, लेकिन विपक्ष को इसकी आदत है। मैं भारत के युवाओं को आश्वस्त करता हूं कि नौजवानों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने वालों को सख्त सजा मिले, इसके लिए एक्शन लिए जा रहे हैं।
अगस्त 2023 में नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री के रूप में अपना दूसरा सबसे लंबा भाषण दिया था। मणिपुर हिंसा को लेकर विपक्ष द्वारा केंद्र सरकार के खिलाफ संसद में लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर पीएम मोदी ने जवाब दिया था और विपक्ष पर जमकर निशाना साधा था। पीएम मोदी के संबोधन के बीच विपक्षी दलों ने वॉकआउट किया था। इस पर पीएम ने कहा था कि ये लोग सुनाने में तो विश्वास रखते हैं, लेकिन सुनने की क्षमता नहीं रखते। पीएम ने भविष्यवाणी करते हुए कहा था कि एनडीए और भाजपा 2024 के चुनाव में पुराने सारे रिकॉर्ड तोड़कर भव्य विजय के साथ जनता के आशीर्वाद से वापस आएगी।
इससे पहले 2018 में अपने खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव के दौरान पीएम मोदी ने 91 मिनट का भाषण दिया था। तेलुगू देशम पार्टी (टीडीपी) मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लेकर आई थी। लोकसभा में कांग्रेस सहित कई विपक्षी दलों की ओर से पेश किया गया अविश्वास प्रस्ताव गिर गया था। इस दौरान शिवसेना ने प्रस्ताव से दूरी बनाई गई थी जबकि बीजेडी ने वॉकआउट किया था। केंद्र सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर लोकसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस पर जोरदार हमला किया था। उन्होंने कहा था कि अविश्वास प्रस्ताव लोकतंत्र की ताकत का प्रतीक है, लेकिन देश ने आज नकारात्मक राजनीति देखी। यह अविश्वास प्रस्ताव देश में अस्थिरता फैलाने के लिए लाया गया। कांग्रेस में विकास के प्रति विरोध का भाव है। नकारात्मक राजनीति ने कुछ लोगों को बांधकर रखा है। उन सभी की सच्चाई सामने आई है।

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