नई दिल्ली।(आवाज न्यूज ब्यूरो) सरकार ने दूरसंचार मंत्रालय के अंतर्गत दूरसंचार परियोजनाओं और सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों के लिए कुल 1.28 लाख करोड़ रुपये का आवंटन किया है। इस आवंटन में से अधिकांश धन बीएसएनएल के लिए निर्धारित किया गया है, जो देश की सबसे पुरानी और महत्वपूर्ण दूरसंचार कंपनी है। बजट अनुसार, इस आवंटन का कुल शुद्ध राशि 1,28,915.43 करोड़ रुपये है, जिसमें 1,11,915.43 करोड़ रुपये निर्धारित धन और 17,000 करोड़ रुपये यूनिवर्सल सर्विस ऑब्लिगेशन फंड से आया है। यह फंड दूरसंचार सेवा प्रदाताओं को मुआवजा और विकास के लिए उपयोग किया जाएगा।
इस बजट में दूरसंचार विभाग के कर्मचारियों के पेंशन के लिए 17,510 करोड़ रुपये का प्रस्ताव शामिल है, जिसमें बीएसएनएल और एमटीएनएल के कर्मचारी शामिल हैं। इसके अलावा, सरकार ने एमटीएनएल बॉन्ड के भुगतान के लिए 3,668.97 करोड़ रुपये अलग किए हैं। बजट में प्रौद्योगिकी विकास, निवेश प्रोत्साहन, चैंपियन सेवा क्षेत्र योजना, और उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजनाओं के लिए अन्य राशि भी निर्धारित की गई है।
इस बजट के प्रस्ताव के अलावा, सरकार ने घरेलू दूरसंचार उपकरण विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए मदरबोर्ड पर आयात शुल्क में पांच प्रतिशत की वृद्धि की है। वित्त मंत्री ने बताया कि इससे दूरसंचार पीसीबी निर्माण को प्रोत्साहन मिलेगा, जिससे स्थानीय उत्पादकों का समर्थन होगा और उपकरण निर्माताओं के लिए लागत कम होगी। वित्त मंत्री ने इस बजट में 25 खनिजों जैसे लिथियम, तांबा, कोबाल्ट, और अन्य दुर्लभ मृदा तत्वों के सीमा शुल्क से पूरी तरह छूट देने का प्रस्ताव किया है। ये खनिज विभिन्न क्षेत्रों जैसे परमाणु ऊर्जा, नवीकरणीय ऊर्जा, रक्षा, अंतरिक्ष, और उच्च तकनीक वाले इलेक्ट्रॉनिक्स के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं।
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