‘‘क्रीमी लेयर’ मामले में अखिलेश यादव का बडा बयान’’
‘‘आरक्षण’ शोषित, वंचित समाज को सशक्त करने का संविधानिक मार्ग है’’
‘‘सदैव आरक्षण विरोधी रही है भाजपा की अंदरूनी सोच’’
लखनऊ। (आवाज न्यूज ब्यूरो) समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष एंव उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने एससी-एसटी आरक्षण में उप-वर्गीकरण और ‘क्रीमी लेयर’ के विवाद के बीच रविवार को सत्तारूढ़ भाजपा पर निशाना साधते हुए दावा किया कि सरकार हर बार अपने गोलमोल बयानों और मुकदमों के माध्यम से आरक्षण की लड़ाई को कमज़ोर करने की कोशिश करती है। सपा प्रमुख ने रविवार को “एक्स” पर अपने एक पोस्ट में कहा, किसी भी प्रकार के आरक्षण का मूल उद्देश्य उपेक्षित समाज का सशक्तीकरण होना चाहिए, न कि उस समाज का विभाजन या विघटन। इससे आरक्षण के मूल सिद्धांत की ही अवहेलना होती है।
यादव ने दावा किया, अनगिनत पीढ़ियों से चले आ रहे भेदभाव और मौकों की गैर-बराबरी की खाई चंद पीढ़ियों में आए परिवर्तनों से पाटी नहीं जा सकती। उन्होंने कहा कि ‘आरक्षण’ शोषित, वंचित समाज को सशक्त और सबल करने का सांविधानिक मार्ग है, इसी से बदलाव आएगा, इसके प्रावधानों को बदलने की आवश्यकता नहीं है। पूर्व मुख्यमंत्री ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा, “भाजपा सरकार हर बार अपने गोलमोल बयानों और मुक़दमों के माध्यम से आरक्षण की लड़ाई को कमज़ोर करने की कोशिश करती है, फिर जब पीडीए (पिछड़ा दलित अल्पसंख्यक) के विभिन्न घटकों का दबाव पड़ता है, तो दिखावटी सहानुभूति दिखाकर पीछे हटने का नाटक करती है।
सपा प्रमुख ने आरोप लगाया कि भाजपा की अंदरूनी सोच सदैव आरक्षण विरोधी रही है और इसीलिए भाजपा पर से 90 फीसदी पीडीए समाज का भरोसा लगातार गिरता जा रहा है। यादव ने आरोप लगाया, आरक्षण के मुद्दे पर भाजपा की विश्वसनीयता शून्य हो चुकी है। पीडीए के लिए ‘संविधान’ संजीवनी है, तो ‘आरक्षण’ प्रायवायु!। उच्चतम न्यायालय के एक अगस्त के एक फैसले में राज्यों को एससी एवं एसटी के बीच ‘क्रीमी लेयर’ की पहचान करने के लिए एक नीति बनाने का निर्देश दिया।