लखनऊ।(आवाज न्यूज ब्यूरो) समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने ’एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, यूपीएससी में लेटरल एंट्री के पिछले दरवाज़े से आरक्षण को नकारते हुए नियुक्तियों की साजिश आखिरकार पीडीए की एकता के आगे झुक गयी है। सरकार को अब अपना यह फैसला भी वापस लेना पड़ा है। उन्होंने कहा कि भाजपा के षड्यंत्र अब कामयाब नहीं हो पा रहे हैं, ये पीडीए में आए जागरण और चेतना की बहुत बड़ी जीत है।
क्या है लेटरल एंट्री?
‘लेटरल एंट्री’ सीधी भर्ती की प्रक्रिया है जिसके माध्यम से विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञों की केंद्र सरकार के मंत्रालयों एवं विभागों में कुछ निश्चित समय के लिए नियुक्ति की जाती है। ये भर्तियां सामान्यतः संयुक्त सचिव, निदेशक और उप सचिव के पदों पर की जाती हैं। केंद्र सरकार ने ‘लेटरल एंट्री’ के माध्यम से 45 विशेषज्ञों की विभिन्न केंद्रीय मंत्रालयों में संयुक्त सचिव, निदेशक और उपसचिव जैसे प्रमुख पदों पर नियुक्ति करने की घोषणा की थी। आमतौर पर ऐसे पदों पर अखिल भारतीय सेवाओं-भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस), भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) और भारतीय वन सेवा (आईएफओएस) और अन्य ‘ग्रुप ए’ सेवाओं के अधिकारी तैनात किए जाते हैं।
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