भाजपा से लगातार इस्तीफों पर पार्टी में मंथन, अमित शाह ने केशव प्रसाद मौर्या को दी विधायकों को मनाने की जिम्मेदारी

लखनऊ। (आवाज न्यूज ब्यूरो) योगी आदित्यनाथ कैबिनेट में श्रम एवं सेवायोजन व समन्वय मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्या ने पार्टी से इस्तीफा दिया है, उसके बाद से भाजपा में हड़कंप मच गया है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने स्वामी प्रसाद मौर्या और अन्य विधायकों को मनाने की जिम्मेदारी केशव प्रसाद मौर्या को दी है। स्वामी प्रसाद मौर्या ने इस्तीफा इस्तीफा देते हुए ट्वीट किया है ‘दलितों, पिछड़ों, किसानों, बेरोजगार नौजवानों एवं छोटे-लघु एवं मध्यम श्रेणी के व्यापारियों की घोर उपेक्षात्मक रवैये के कारण उत्तर प्रदेश के योगी मंत्रिमंडल से इस्तीफा देता हूं।’
उन्होंने इस्तीफा देते हुए पार्टी पर कई बड़े आरोप लगाए। राज्यपाल को भेजे अपने इस्तीफे में उन्होंने कहा कि राज्य में बेरोजगारी बढ़ रही है। दलितों, पिछड़ों की सरकार उपेक्षा कर रही है। उनके इस कदम के बाद से ही भाजपा में हलचल तेज हो गई है और पार्टी के कई बड़े नेता विधायकों से संपर्क करने की कोशिश में जुट गए हैं। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने पार्टी से नाराज विधायकों को मनाने की जिम्मेदारी केशव प्रसाद मौर्या को दी है। डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य लगातार नाराज विधायकों के संपर्क में हैं।
इस पूरे घटनाक्रम के बाद उन्होंने ट्वीट किया, ‘आदरणीय स्वामी प्रसाद मौर्य जी ने किन कारणों से इस्तीफा दिया है मैं नहीं जानता हूं उनसे अपील है कि बैठकर बात करें जल्दबाजी में लिये हुये फैसले अक्सर गलत साबित होते हैं।’ स्वामी प्रसाद मौर्य के इस्तीफे के बाद बिल्हौर से विधायक भगवती सागर, बांदा से विधयाक बृजेश प्रजापति और शाहजहांपुर से बीजेपी के विधायक रोशन लाल ने भी इस्तीफा दे दिया है।
स्वामी प्रसाद मौर्या ने इस्तीफे में लिखा- माननीय राज्यपाल जी, माननीय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के मंत्रिमंडल में श्रम एवं सेवायोजन व समन्वय मंत्री के रूप में विपरीत परिस्थितियों व विचारधारा में रहकर भी बहुत ही मनोयोग के साथ उत्तरदायित्व का निर्वहन किया है किंतु दलितों, पिछड़ों, किसानों बेरोजगार नौजवानों एवं छोटे- लघु एवं मध्यम श्रेणी के व्यापारियों की घोर उपेक्षात्मक रवैये के कारण उत्तर प्रदेश के मंत्रिमंडल से मैं इस्तीफा देता हूं।
स्वामी प्रसाद मौर्य ने इस्तीफे के बाद साफ कर दिया है कि भले ही वह अब पार्टी के साथ नहीं हैं लेकिन उनकी बेटी संघमित्रा मौर्या बदायूं से भाजपा की सांसद के तौर पर अपना काम करती रहेंगी। उन्होंने कहा कि भाजपा से पहले भी कई नेता इस्तीफा दे चुके हैं और अब मैं अपना इस्तीफा दे रहा हूं। उन्होंने कहा कि पार्टी के उपेक्षात्मक रवैये के चलते मैं ये फैसला लेने के लिए मजबूर हुआ हूं। उन्होंने कहा कि मैंने राज्यपाल को स्पष्ट बता दिया है कि किन वजहों से मुझे इस्तीफा देने के लिए मजबूर होना पड़ा।

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