बृजेश चतुर्वेदी
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जिस तरह से अखिलेश यादव पर व्यक्तिगत रूप से लगातार हमला कर रहे हैं। इसे देखकर बार बार लगता है कि यह हमला कहीं पश्चिम बंगाल में ममता पर किए गए हमले – “दीदी ओ दीदी” की तरह भाजपा के खिलाफ न चला जाए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगातार अखिलेश पर हमले कर रहे हैं इससे जनमानस में बहुत सकारात्मक सोच प्रधानमंत्री और भाजपा के प्रति नहीं बन रही है। मेरठ में मुलायम सिंह यादव पर किए गए हमले को लेकर हर वर्ग में इस बात की चर्चा है कि जिस मुलायम सिंह ने 2019 के पहले लोकसभा सत्र के आखिरी दिन नरेंद्र मोदी को पुनः प्रधानमंत्री बनने का आशीर्वाद दिया था और 2022 में जब स्वास्थ्य कारणों से चुनाव में सक्रिय नहीं है तो ऐसे में मुलायम जैसे वरिष्ठ नेता के खिलाफ रैली में उनका उपहास उड़ाना प्रधानमंत्री पद और मोदी जैसे लोकप्रिय नेता के लिए उचित नहीं कहा जा सकता। पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव के एक पुराने बयान पर चुटकी लेते हुए मोदी बोले “सरकारें अभिभावक की तरह होती हैं। गलती होने पर यह कह कर न टाल दें कि लड़कों से गलती हो जाती है।”
चुनाव आते हैं, जाते हैं लेकिन जो शब्द, जो आचरण और जो भाषा शैली इन चुनावों में उपयोग की जाती है इतिहास के पन्नों में दर्ज हो जाती हैं इसलिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को उत्तर प्रदेश में कम से कम प्रधानमंत्री पद की गरिमा का ध्यान रखना चाहिए। पश्चिम बंगाल की तर्ज पर जिस तरह ममता पर हमला कर रहे थे वैसा व्यक्तिगत हमला अखिलेश यादव पर नहीं करना चाहिए।
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