राहुल गांधी के भाजपा व आरएसएस पर तीखे प्रहार से भाजपाई आगबबूला

नई दिल्ली। (आवाज न्यूज ब्यूरो) मीडिया में चल रहीं खबरों के अनुसार अमेरिका में अपनी यात्रा के दूसरे दिन भी कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बीजेपी आरएसएस व प्रधानमंत्री पर अपना हमला जारी रखा। इस दौरे के दौरान राहुल गांधी मंगलवार को वाशिंगटन डीसी में स्थित जॉर्जटाउन यूनिवर्सिटी में छात्रों के साथ संवाद करने पहुंचे थे। उन्होंने कहा कि आरएसएस ने शिक्षा प्रणाली, मीडिया, जांच एजेंसियों पर कब्जा कर लिया है। उन्होंने जातिगत जनगणना, सिक्खों पर भी अपनी राय रखी। उनके बयान पर फिर देश में सियासी घमासान मच गया है। उनके बयान पर बीजेपी आगबबूला हो गई है। तमाम नेताओं की प्रतिक्रिया आ रही है। आरक्षण पर की गई कांग्रेस नेता की टिप्पणी पर अब बीएसपी चीफ मायावती व लोजपा रामविललास के नेता चिराग पासवान ने भी उन पर निशाना साधा है। बसपा प्रमुख ने कांग्रेस और राहुल गांधी से सजग रहने की सलाह दी है। वहीं नरेंद्र मोदी और चुनाव को लेकर दिए गए राहुल गांधी के बयान पर बीजेपी के सीनियर नेता और केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने जमकर हमला बोला। राहुल गांधी ने सिखों का उदाहरण देते हुए भारत में धार्मिक स्वतंत्रता की स्थिति पर भी राजनीतिक तूफान खड़ा हो गया है। दरअसल वर्जीनिया के हर्नडन में एक कार्यक्रम में बोलते हुए राहुल गांधी ने कहा,(भारत में) लड़ाई इस बात को लेकर है कि क्या सिखों को पगड़ी पहनने की अनुमति दी जाएगी, क्या सिखों को कड़ा पहनने या गुरुद्वारा जाने की अनुमति दी जाएगी। लड़ाई इसी बात को लेकर है और यह सिर्फ़ सिखों के लिए नहीं, बल्कि सभी धर्मों के लिए है। उधर बीजेपी नेता आरपी सिंह ने अदालत में घसीटने की बात कह दी है।

राहुल गांधी ने कहा कि गरीब भारत और उत्पीड़ित भारत ये समझ चुका है कि संविधान के खत्म होने पर देश खत्म हो जाएगा। गरीब इसे गहराई से समझ चुके हैं। गरीब जानता है कि ये लड़ाई संविधान की रक्षा करने वालों और इसे नष्ट करने वालों के बीच छिड़ी हुई है। आज के समय में जाति जनगणना का मुद्दा भी बड़ा है। सब कुछ साथ में आया। उन्होंने आगे कहा,कि मुझे नहीं लगता कि निष्पक्ष चुनाव में भाजपा 246 के करीब थी। उनके पास बहुत बड़ा वित्तीय लाभ था। उन्होंने हमारे बैंक खाते बंद कर दिए थे। चुनाव आयोग वही कर रहा था जो वे चाहते थे, पूरा अभियान इस तरह से बनाया गया था कि नरेंद्र मोदी देश भर में अपना काम कर, जिन राज्यों में वे कमजोर थे, उन्हें उन राज्यों से अलग तरीके से डिज़ाइन किया गया था जहां वे मज़बूत थे, मैं इसे स्वतंत्र चुनाव के रूप में नहीं देखता, मैं इसे नियंत्रित चुनाव के रूप में देखता हूं।

राहुल गांधी ने कहा, भारत भाषाओं, परंपराओं, धर्मों का एक संघ है। जब भारतीय लोग अपने धार्मिक स्थलों पर जाते हैं, तो वे अपने देवता के साथ विलीन हो जाते हैं, यह भारत की प्रकृति है, भाजपा और आरएसएस की गलतफहमी यह है कि वे सोचते हैं कि भारत अलग-अलग चीजों का एक समूह है, आप आश्चर्यचकित होंगे लेकिन मुझे मोदी जी पसंद है, मैं वास्तव में मैं नरेंद्र मोदी से नफरत नहीं करता, मैं उनके दृष्टिकोण से सहमत नहीं हूं, लेकिन मैं उनसे नफरत भी नहीं करता, कई मौकों पर मैं उनके साथ सहानुभूति रखता हूं। कांग्रेस नेता ने कहा, लड़ाई इस बात पर है कि हम किस तरह का भारत चाहते हैं। क्या हम ऐसा भारत चाहते हैं, जहां लोगों को वह मानने की अनुमति हो जो वे मानना चाहते हैं? या हम ऐसा भारत चाहते हैं, जहां केवल कुछ लोग ही तय कर सकें कि क्या होने वाला है।

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