‘‘सर्वोच्च अदालत ने कहा कि यदि ये पाया गया कि उसके आदेश की अवमानना करते हुए ढांचों को ध्वस्त किया गया है तो उन्हें दोबारा बनाने का आदेश दिया जाएगा।’’
नई दिल्ली।(आवाज न्यूज ब्यूरो) इन दिनों बुलडोजर की कार्रवाई एक बार फिर सुर्खियों में बनी हुई हैं। सुप्रीम कोर्ट लगातार इस मामले में सुनवाई कर रहा है। शुक्रवार को भी इस मामले में कोर्ट में सुनवाई हुई। इस दौरान कोर्ट ने बुलडोजर ऐक्शन पर बड़ी टिप्पणी की।
जहां एक तरफ बुलडोजर एक्शन पर राजनीति गरमाई हुई है तो दूसरी तरफ इस मामले में लगातार सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है। इसी क्रम में शुक्रवार को गुजरात के सोमनाथ मंदिर के पास हुए बुलडोजर ऐक्शन पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। इस दौरान कोर्ट ने सख्त टिप्पणी की है। दरअसल मुस्लिम संगठन की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए सर्वोच्च अदालत ने कहा कि यदि ये पाया गया कि उसके आदेश की अवमानना करते हुए ढांचों को ध्वस्त किया गया है तो उन्हें दोबारा बनाने का आदेश दिया जाएगा।
बता दें कि जस्टिस बीआर गवई और केवी विश्वनाथन की बेंच ने एक याचिका पर सुनवाई की। जिसमें ये आरोप लगाया गया था कि अधिकारियों ने सुप्रीम कोर्ट के 17 सितंबर के आदेश का उल्लंघन करते हुए संपत्तियों को तोड़ा है और सुप्रीम कोर्ट ने उस दिन बिना इजाजत के संपत्तियों के ध्वस्तीकरण पर रोक लगाई थी साथ ही किसी अपराध के आरोपियों की संपत्तियों को तोड़ने से भी रोका था।
वहीं बेंच ने इस मामले की अगली सुनवाई 16 अक्टूबर के लिए स्थगित करते हुए कहा कि हम नोटिस या कोई अंतरिम आदेश जारी नहीं कर रहे हैं, लेकिन हम स्पष्ट करते हैं कि अगर हम पाते हैं कि वे ( राज्य) हमारे पिछले आदेश की अवमानना कर रहे हैं ,तो हम न केवल उन्हे जेल भेजेंगे बल्कि उनसे सब कुछ बहाल करने के लिए कहेंगे। हम यथास्थिति बनाए रखने का आदेश देंगे।
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