शरद पवार व ममता बनर्जी कर सकती है यूपी में प्रचार
लखनऊ।( आवाज न्यूज ब्यूरो) यूपी में विधानसभा चुनावों का एलान होते ही राजनीतिक गतिविधियां भी तेज हो रही हैं। भाजपा की योगी सरकार में श्रम मंत्री रहे स्वामी प्रसाद मौर्य अपने समर्थक विधायकों के साथ समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए। इसके अलावा भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष चैधरी हरपाल सिंह ने भी सपा की सदस्यता ले ली है। लाल पगड़ी पहनाकर सभी का स्वागत किया गया।
सपा में शामिल होने वालों में स्वामी प्रसाद मौर्य, धर्म सिंह सैनी, पूर्व मंत्री विधायक भगवती सागर, विनय शाक्य, रोशन लाल वर्मा, डॉ मुकेश वर्मा, बृजेश कुमार प्रजापति, चैधरी अमर सिंह अपना दल से पूर्व विधायक, अली युसुफ पूर्व मंत्री, पूर्व विधायक नीरज, बलराम सैनी पूर्व विधायक, राजेंद्र सिंह पटेल, धनपत राम पूर्व मंत्री, पद्म सिंह, अयोध्या पाल पूर्व विधायक, बंशी लाल, राम अवतार, आरके मौर्य आदि हैं।
इस मौके पर सपा सुप्रीमों अखिलेश यादव ने कहा कि बाबा मुख्यमंत्री क्रिकेट खेलना नहीं जानते। तभी कैच छोड़ दिया। स्वामी प्रसाद अपने साथ बड़ी संख्या में लोगों को लेकर आए हैं। सीएम को रटने के साथ गणित का भी अध्यापक लगाना होगा। सपा के साथ 80 फीसदी खड़े हैं। अब 20 फीसदी भी आ गए हैं। वे तीन चैथाई नहीं तीन या चार सीट की बात कर रहे हैं। सरकार को पता था कि स्वामी व धर्म सिंह आ रहे हैं इसलिए वे गोरखपुर चले गए।
भाजपा ने यूपी को बर्बाद कर दिया। किसानों को भरोसा दिलाया था लेकिन क्या किया। खाद नहीं मिल रही। फसल खरीदी नहीं। सरकार कैसे किसान कि आय दोगुनी कर रही है। खाद की बोरी का वजन कम कर दिया। डीजल-पेट्रोल कंपनी 600 फीसदी मुनाफा कमा रही है। गरीबों की जेब कटकर अमीरों की तिजोरी भर रहे हैं। पहले जो गिनती बताई थी वह साकार होगी और 400 सीट जीतेंगे। जनता परिवर्तन चाहती है। नौजवान को नौकरी मांगने पर लाठी मिली। ठोंको राज अब नहीं चलेगा। स्वामी प्रसाद के खिलाफ वारंट जारी कर दिया। साथ आने वाले विधायक को परेशान किया जा रहा है। अब साइकिल का हैंडल भी ठीक है। चालक भी।
भाजपा ने आउट सोर्सिंग की तरह कई गलत फैसले लिए हैं। यही फाइनल चुनाव है। आपके मुख्यमंत्री फेल हो चुके हैं। दिल्ली वाले कितने भी आ जाए पास नहीं करा पाएंगे। वे हमारी स्ट्रेटजी नहीं समझ पाए। किसी ने सोचा नहीं था कि चुनाव ऐसा होगा। वर्चुअल जानते हैं लेकिन जो ताकत फिजिकली है वह कहीं नहीं है। हम लोग सभी नियम का पालन करेंगे। मौके पर वर्चुअल और फिजिकल दोनों तरीके से निपटेंगे।
स्वामी प्रसाद मोर्य ने कहा कि समाजवाद और आंबेडकरवाद को बचाना पहला कर्तव्य है। भाजपा को उखाड़ फेंकने का संकल्प लिया है। मकर संक्रांति भाजपा के अंत का इतिहास लिखने जा रहा है। भाजपा के तमाम नेताओं ने संपर्क किया। वे पहले विधायकों की बात नहीं सुनते थे, इस इस्तीफे के बाद अब उनकी नींद उड़ी है। पांच साल तक इस्तीफा नहीं देने पर सवाल उठ रहा है। ऐसे लोगों से कहना है कि भाजपा ने गरीबों की आंख में धूल झोंकी। केशव और स्वामी प्रसाद के नाम पर सरकार बनाई। केशव या स्वामी प्रसाद को सीएम बनाना था। फिर दूसरे का नाम आया। इसके बाद गोरखपुर से लाकर बैठा दिया। 80 और 20 का नारा अब 15 और 85 का होगा। 85 हमारा है और 15 में बंटवारा होगा। वे हिन्दू का हमदर्द बनते हैं लेकिन किया क्या। वे अजगर की तरह आरक्षण निगल रहे हैं। शिक्षकों की भर्ती में क्या किया। अनुसूचित और जनजाति हिन्दू नहीं है क्या। पिछड़े वर्ग के लोग हिन्दू हैं तो फिर क्यों निगल गए।
स्वामी ने कहा कि कैबिनेट में चिकित्सा शिक्षा विभाग का प्रस्ताव आया, चूंकि अनुसूचित के उम्मीदवार नहीं है इसलिए इसे सामान्य से भर दिया जाए। इसका विरोध किया। बिना आवेदन के भरना चाहते थे। इस तरह से हक मारा जा रहा है। सीएम की कुर्सी पर बैठकर पाप करना कहां का हिंदुत्व है। एससी-एसटी ओबीसी हिंदू नहीं है तो उनका जाना तय है। बंटवारे की लाइन उन्होंने खींची है। स्वामी प्रसाद ने कहा कि अब यह समाजवाद के साथ लोहियावाद का भी जमावड़ा हुआ है। लखीमपुर की घटना गोरखपुर की घटना कोई भूला नहीं है। गोरखपुर में गुंडा राज है। वहां एक-एक करके सात हत्या हुई। वहां योगी की जाति का थानेदार था। गगहा थाने का मामला है। दो मौर्य, दो ब्राह्मण और दो वैश्य थे, एक अज्ञात महिला थी। मेरे चेतावनी देने के बाद थानेदार हटाया गया। भाजपा ने धोखा दिया है। उसे इसकी कीमत चुकानी पड़ेगी। 14 जनवरी का संकल्प पूरा होगा। स्वामी प्रसाद मौर्य ने पार्टी नहीं बनाई है। फिर भी पार्टी से हैसियत कम नहीं रखते हैं। अखिलेश से हाथ इसलिए मिलाया क्योंकि वे नौजवान हैं और प्रगतिशील विचार रखते हैं। उनके साथ मिलकर क्रांति करेंगे। जिसका साथ छोड़ता हूं तबाह हो जाता है। मायावती उदाहरण है।
धर्म सिंह सैनी ने कहा कि सपा में आने की कई वजह है। फिर से यूपी में समाजवाद कायम करना है। प्रतिबंध ना होता तो 10 लाख से बड़ी रैली होती। मकर संक्रांति के दिन शपथ लेते हैं कि बाबा साहब के संविधान को बचाने के लिए किसी भी हद तक जाएंगे। अखिलेश को सीएम बनाकर संविधान सुरक्षित करना है। इन्होंने जो सम्मान दिया वह बसपा और भाजपा में नहीं मिला। 2024 में प्रधानमंत्री की शपथ दिलाएंगे। धर्म सिंह सैनी ने कहा कि पिछले 5 सालों में पिछड़ों, दलितों का राजनीतिक, आर्थिक, रोजगार और आरक्षण के क्षेत्र में पूरी तरह से शोषण हुआ। इसे देखते हुए हम पिछड़े, दलित वर्ग के लोग मकर संक्रांति के समय समाजवादी पार्टी में शामिल हुए हैं।
भाजपा के सहयोगी अपना दल के विधायक चैधरी अमर सिंह ने भी इस्तीफा दे दिया है। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव से मुलाकात के बाद उन्होंने बताया कि वह समर्थकों के साथ शुक्रवार को सपा की सदस्यता लेंगे। जल्द ही पार्टी के कई विधायक भी इस्तीफा देकर सपा की सदस्यता लेंगे। आरोप लगाया कि साढ़े चार साल से अपमान झेल रहे थे। शाहजहांपुर के पूर्व विधायक नीरज मौर्य ने भी सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव से मुलाकात की। वह स्वामी प्रसाद मौर्य के साथ सपा की सदस्यता लेंगे। इसी क्रम में आजाद समाज पार्टी के अध्यक्ष चंद्रशेखर के भी सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव से मुलाकात की चर्चा की।
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार भी उत्तर प्रदेश में चुनाव प्रचार करेंगे। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने उनकी पार्टी को गठबंधन में शामिल करते हुए बुलंदशहर की अनूपशहर विधानसभा क्षेत्र से केके शर्मा को उम्मीदवार घोषित किया है।
शुक्रवार को उन्होंने फोन कर उत्तर प्रदेश में चुनाव प्रचार के लिए निमंत्रण दिया। इसी तरह तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष व पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी उत्तर प्रदेश में चुनाव प्रचार करेंगी। उन्हें भी सपा की ओर से न्यौता भेजा गया है।