मिशन 2022: सपा-आरएलडी गठबंधन ने 29 सीटों पर की उम्मीदवारों की घोषणा

लखनऊ।( आवाज न्यूज ब्यूरो)  यूपी विधानसभा चुनावों के लिए राष्ट्रीय लोक दल ने निर्वाचन क्षेत्र के उन शिक्षित उम्मीदवारों को चुना है, जिनकी कोई आपराधिक पृष्ठभूमि नहीं है, जबकि सहयोगी समाजवादी पार्टी ने उम्मीदवारों की पहली सूची की घोषणा करते हुए ‘जीतने की क्षमता’ के आधार पर प्रत्याशियों का चयन किया है। सपा और रालोद ने पिछले साल गठबंधन की घोषणा की थी। गठबंधन ने गुरुवार को पश्चिमी उत्तर प्रदेश की 29 सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा की, जहां 10 फरवरी को मतदान होगा। इसके तहत सपा ने 10 सीटों पर और रालोद ने 19 सीटों पर उम्मीदवार उतारे हैं।
मुजफ्फरनगर, शामली, अलीगढ़, आगरा, गाजियाबाद, मेरठ, हापुड़, गाजियाबाद जैसे जिलों की इन सीटों में से ज्यादातर पर 2017 के चुनावों में भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवारों ने जीत हासिल की थी, लेकिन कृषि कानूनों के खिलाफ किसान आंदोलन और बदलते जाति समीकरणों का काफी प्रभाव पड़ा है। रालोद के प्रवक्ता संदीप चैधरी ने मीडिया से कहा कि टिकट वितरण में उम्मीदवार की पृष्ठभूमि पर गौर किया गया है। रालोद के घोषित उम्मीदवारों में से किसी की भी आपराधिक पृष्ठभूमि नहीं है। वे सभी शिक्षित और योग्य उम्मीदवार हैं जिनका अपने क्षेत्र के लोगों में अच्छी पैठ है। हमारा कोई उम्मीदवार बाहरी नहीं है। सभी उस विधानसभा सीट के हैं जहां से वे चुनाव लड़ रहे हैं। संदीप चैधरी ने कहा कि हाल के महीनों में पार्टी नेताओं ने प्रचार अभियान और पंचायतों का आयोजन किया, और ‘जनता से मिली सूचना’ के आधार पर निर्णय लिया है। चैधरी ने यह भी रेखांकित किया कि मोदी सरकार के कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के हालिया आंदोलन ने उत्तर प्रदेश में, विशेष रूप से पश्चिमी क्षेत्र में बीजेपी की संभावनाओं को प्रभावित किया है। उन्होंने कहा, ‘किसान दुखी हैं. मुस्लिम समुदाय भी बीजेपी से नाखुश है। लोगों को बीजेपी के झूठे वादों का पता चल चुका है।’
सपा के प्रवक्ता अब्बास हैदर ने कहा कि उनकी पार्टी और रालोद के गठबंधन का उत्तर प्रदेश के पश्चिमी हिस्से में निश्चित प्रभाव है। टिकट बंटवारे पर हैदर ने कहा, गठबंधन में टिकट बंटवारे के लिए उम्मीदवार की जीत की क्षमता पहला मानदंड है। टिकट बंटवारे के दौरान पार्टी कार्यकर्ताओं को भी ध्यान में रखा जा रहा है। हैदर ने दावा किया है कि क्षेत्र में माहौल बीजेपी के खिलाफ है और यह स्पष्ट है कि सभी क्षेत्रों के लोग सपा-रालोद गठबंधन के समर्थन में सामने आए हैं।
सपा-रालोद गठबंधन ने गुरुवार को जिन 29 सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा की, उनमें से सपा के नाहिद हसन ने पिछले चुनाव में कैराना से और रफीक अंसारी ने मेरठ से जीत हासिल की थी और पार्टी ने इस बार भी दोनों को उम्मीदवार बनाने की घोषणा की है। सहेंद्र सिंह रमाला रालोद के इकलौते उम्मीदवार थे जिन्होंने पिछले चुनाव में जीत हासिल की थी। रमाला बागपत जिले की छपरौली सीट से जीते थे। रालोद ने इस सीट के लिए उम्मीदवार के नाम की घोषणा अभी नहीं की है। गठबंधन ने 29 सीटों में से केवल एक पर महिला उम्मीदवार की घोषणा की है। रालोद ने अनुसूचित जाति के लिए सुरक्षित सीट बालदेव निर्वाचन क्षेत्र से बबीता देवी को चुनावी मुकाबले में उतारा है।

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