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राहुल गांधी कल जाएंगे संभल, पीड़ित परिवारों से करेंगे मुलाकात

नई दिल्ली। (आवाज न्यूज ब्यूरो)  संभल में जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान हुए बवाल के बाद पीड़ित परिवारों से मिलने का सिलसिला जारी है। हालांकि प्रदेश सरकार ने अभी तक किसी राजनैतिक दल के प्रतिनिधि मंडल को संभल जाने की अनुमति नहीं दी है।
खबर आ रही है कि नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी बुधवार सुबह संभल जाएंगे और पीड़ितों से मुलाकात करेंगे। इस बात की जानकारी सहारनपुर के सांसद इमरान मसूद ने दी। वहीं मंगलवार को कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव प्रदीप नरवाल, प्रदेश उपाध्यक्ष रिजवान कुरैशी और प्रदेश महासचिव सचिन चौधरी हिंसा प्रभावित क्षेत्र में पहुंचे। उन्होंने पीड़ित परिवारों से मुलाकात कर उनका दर्द साझा किया और उनकी समस्याओं को सुना।
प्रियंका गांधी ने की पीड़ित परिवारों से बात
बताया जा रहा है कि कांग्रेस नेताओं ने पीड़ितों की प्रियंका गांधी से फोन पर बात भी कराई। कांग्रेस नेताओं ने कहा कि सरकार की नाकामी के चलते ऐसी घटनाएं हो रही हैं। संभल में 24 नवंबर की सुबह जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान हिंसा भड़क उठी थी।
हिंसा में हुई थी पांच की मौत, 20 से अधिक घायल
सर्वे के दौरान हुई हिंसा में पांच लोगों की मौत और 20 से अधिक लोग घायल हुए थे। इसमें कई पुलिसकर्मी भी शामिल थे। घटना के बाद चार दिनों तक बाजार बंद रहे और इलाके में तनाव का माहौल बना रहा। हिंसा के बाद संभल में प्रशासन ने हालात सामान्य करने के लिए कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की है। पुलिस उपद्रवियों की पहचान में जुटी है। अभी तक 300 से अधिक लोगों के पोस्टर जारी किए जा चुके हैं।
प्रशासन ने संभल को जलाने का काम किया : तौकीर
इत्तेहाद-ए-मिल्लत कौंसिल (आईएमसी) प्रमुख मौलाना तौकीर रजा ने प्रशासन पर झूठ बोलने का आरोप लगाया। कहा कि मुसलमानों ने कोई पथराव नहीं किया। प्रशासन ने संभल को जलाने का काम किया। संभल के जरिये पूरे मुल्क का माहौल बिगाड़ने की साजिश रची गई थी। यह बातें उन्होंने सोमवार को मुरादाबाद में कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष रिजवान कुरैशी के कार्यालय पर पत्रकारों से बातचीत में कही। कहा कि प्रशासन ने घायलों से मिलने पर पाबंदी लगा रखी है। समझ में नहीं आता कि जिला प्रशासन क्या चाहता है। इतनी लंबी पाबंदी क्यों लगाई है।
नया प्रशासन जब तक नहीं आएगा, तब तक ईमानदारी से जांच नहीं हो सकती
जिनकी जिम्मेदारी कानून व्यवस्था पालन कराने की है, उन्होंने ने ही संभल में यह हालात पैदा किया है। सबसे प्रमुख बात है कि जांच कमेटी इस स्थिति में कैसे ईमानदारी से जांच करेगी। प्रशासन तो वही है। सारे अधिकारियों को हटाकर ही जांच होनी चाहिए। नया प्रशासन जब तक नहीं आएगा, तब तक ईमानदारी से जांच नहीं हो सकती है। उन्होंने कहा कि सपा सांसदों को बॉर्डर पर जाकर बैठना चाहिए था। सवाल पूछना चाहिए था कि इतनी लंबी पाबंदी लगाने की क्या जरूरत थी। ऐसा क्या गुनाह किया है कि छिपाने के लिए लंबे समय की जरूरत है। आरोप लगाया कि पुलिस प्रशासन ने संभल को जलाने का काम किया। संभल के लोग मुबारकबाद के हकदार हैं। वहां हिंदू और मुसलमानों ने संयम से काम लिया। माहौल खराब नहीं होने दिया। संभल के जरिये पूरे मुल्क का माहौल बिगाड़ने की साजिश रची गई थी।

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