नई दिल्ली। (आवाज न्यूज ब्यूरो) देश में लोकसभा और विधानसभा का चुनाव एक साथ कराने के प्रावधान वाले विधेयक का समाजवादी पार्टी ने संसद में विरोध किया है। समाजवादी पार्टी से सांसद धर्मेंद्र यादव ने कहा कि संविधान की मूल भावनाओं को खत्म करने और देश को तानाशाही की ओर ले जाने का प्रयास है, इसे वापस लिया जाए। इसे लेकर कांग्रेस पार्टी ने भी विरोध किया।
आप को बता दें कि कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने देश में लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ कराने के प्रावधान वाले ‘संविधान (129वां संशोधन) विधेयक, 2024’ और उससे जुड़े ‘संघ राज्य क्षेत्र विधि (संशोधन) विधेयक, 2024’ को पुरःस्थापित करने के लिए संसद के निचले सदन में पेश किया।
राज्यसभा में नेता सदन और भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष जे पी नड्डा ने मंगलवार को कहा कि कांग्रेस की पूववर्ती सरकारों द्वारा अनुच्छेद-356 के बार-बार किए गए दुरुपयोग के इतिहास को देखते हुए सरकार ने ‘एक देश, एक चुनाव’ विधेयक लाने का फैसला किया है। ‘भारत के संविधान की 75 वर्षों की गौरवशाली यात्रा’ पर राज्यसभा में हो रही चर्चा के दूसरे दिन बहस को आगे बढ़ाते हुए नड्डा ने कांग्रेस पर संविधान की भावना को बदलने और उसे पुनः लिखने का प्रयास करने का आरोप लगाया। उन्होंने प्रमुख विपक्षी पार्टी से भारतीय लोकतंत्र के इतिहास में काले अध्याय के रूप में दर्ज आपातकाल के 50 वर्ष पूरे होने पर इस साल 25 जून को आयोजित होने वाले ‘संविधान हत्या दिवस’ कार्यक्रम में प्रायश्चित स्वरूप शामिल होने का आह्वान किया। नड्डा ने कहा, ‘‘आज आप ‘एक देश, एक चुनाव’ के विरोध में खड़े हो रहे हैं। आपके कारण ही ‘एक देश, एक चुनाव’ लाना पड़ रहा है। क्योंकि 1952 से 1967 तक देश में एक साथ ही चुनाव होते थे। आपने (कांग्रेस) अनुच्छेद 356 के इस्तेमाल से राज्यों की चुनी हुई सरकारों को बार-बार गिराया और ऐसा करके आपने कई राज्यों में अलग-अलग चुनाव की स्थिति लाकर खड़ी कर दी।’’ भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि कांग्रेस की सरकारों ने अनुच्छेद 356 का 90 बार इस्तेमाल किया गया। उन्होंने कहा कि तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने आठ बार, इंदिरा गांधी ने 50 बार, राजीव गांधी ने नौ बार और मनमोहन सिंह ने 10 बार अनुच्छेद 356 का दुरुपयोग किया। उन्होंने कहा, ‘‘संविधान की 75 साल की गौरवशाली यात्रा में इन बातों का भी जिक्र होना चाहिए। (लोगों को) पता चलना चाहिए कि आपने किस तरीके से चुनी हुई सरकारों को एक बार नहीं बारम्बार गिराया और देश को मुसीबत में डालने का काम किया।
नड्डा ने संविधान निर्माता बाबा साहेब आंबेडकर का हवाला करते हुए कहा कि उन्होंने कहा है कि संविधान चाहे कितना भी अच्छा क्यों न हो, यदि संविधान को मानने वाले लोग खराब निकले तो निश्चित रूप से संविधान खराब सिद्ध होगा और दूसरी तरफ अगर संविधान को मानने वाले लोग अच्छे हुए तो संविधान अच्छा सिद्ध होगा। फिलहाल वन नेशन, वन इलेक्शन’ विधेयक का विरोध विपक्ष की तरफ से किया जा रहा है।
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