नई दिल्ली। (आवाज न्यूज ब्यूरो) केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के डॉ. भीमराव अंबेडकर पर दिए गए बयान को लेकर सियासी बवाल जारी है। इस मुद्दे को लेकर कांग्रेस लगातार हमलावर है। इसके साथ ही कांग्रेस ने गृह मंत्रालय और आईटी मंत्रालय पर गंभीर आरोप लगाया है। कांग्रेस ने दावा किया है कि इन मंत्रालयों ने सोशल मीडिया कंपनियों को पत्र लिखकर अमित शाह के विवादित बयान वाला वीडियो हटाने की मांग की है।
कांग्रेस की सोशल मीडिया इंचार्ज सुप्रिया श्रीनेत ने गुरुवार को इस आरोप को सामने रखा। उन्होंने कहा कि हमें सोशल मीडिया मंच एक्स से एक मेल मिला है, जिसमें बताया गया कि गृह मंत्रालय और आईटी मंत्रालय ने उन्हें एक चिट्ठी भेजी है, जिसमें कहा गया है कि वीडियो को हटा दिया जाए क्योंकि इसमें किसी कानून का उल्लंघन हुआ है। उन्होंने सवाल उठाया कि ऐसा कौन सा कानून है जो इस वीडियो के संबंध में उल्लंघन कर रहा है, जबकि जो कुछ भी अमित शाह ने कहा, वही राज्यसभा की उनकी स्पीच में था। उन्होंने कहा कि अमित शाह ने राज्यसभा की स्पीच में खुद कहा था कि आजकल एक फैशन हो गया है, अंबेडकर, अंबेडकर, अंबेडकर, अगर भगवान का नाम इतने बार लिया होता तो स्वर्ग मिल जाता। इस बयान में कोई छेड़छाड़ नहीं की गई है। इसे जैसा था, वैसा ही प्रस्तुत किया गया है। अमित शाह को अब इस बात का जवाब देना है कि ऐसा माफ न करने योग्य अपराध करने के बाद भी वह माफी क्यों नहीं मांग रहे हैं, इस्तीफा क्यों नहीं दे रहे हैं।
उन्होंने कहा कि भाजपा ने एक और अपराध किया है। उन्होंने एक तस्वीर को एडिट किया जिसमें हमारे सांसद बाबा साहेब अंबेडकर की तस्वीर लेकर प्रदर्शन कर रहे थे। इस तस्वीर में जॉर्ज सोरोस को एडिट कर दिया गया है। जॉर्ज सोरोस को वे एंटी-नेशनल बताते हैं और अब इस तस्वीर में उनका चेहरा जोड़कर उनका वास्तविक उद्देश्य स्पष्ट कर दिया है। भाजपा की यह मानसिकता और उनकी विचारधारा यह बताती है कि वह संविधान और अंबेडकर को लेकर अपनी वास्तविक मानसिकता का पालन कर रहे हैं। सुप्रिया श्रीनेत ने आगे कहा कि यह वही मानसिकता है जो उनके पूर्वजों की थी, जिन्होंने अंबेडकर के संविधान के साथ अन्याय किया और उन्हें अपमानित किया। आज भी वह वही काम कर रहे हैं। कांग्रेस इस मुद्दे को सिर्फ सदन में नहीं, बल्कि सड़कों पर भी उठाएगी और लोगों को इसके बारे में जागरूक करेगी। अमित शाह द्वारा उनके बयान को तोड़ मरोड़ कर पेश किये जाने के आरोप लगाने पर उन्होंने कहा कि पेज नंबर 344 पर उनकी स्पीच है। राज्यसभा से उठाकर पढ़ लीजिए। बयान को क्या तोड़-मरोड़कर पेश किया गया है। हमने उनके बयान को जस का तस सुनाया है, जो बात उन्होंने संसद में कही है।