नई दिल्ली। (आवाज न्यूज ब्यूरो) बिहार के सीएम नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड ने बुधवार शाम भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया है। इसके साथ ही पार्टी के वरिष्ठ नेता और जेडीयू इकाई के प्रमुख केश बीरेन सिंह ने राज्यपाल अजय कुमार भल्ला को एक पत्र भेजकर अपनी पार्टी का भाजपा सरकार से समर्थन वापस लेने की जानकारी दी है।
आपको बता दें कि ऐसा बड़ा कदम जनता दल यूनाटेड की तरफ से उस समय उठाया गया जब बिहार में चुनाव होने वाला है। इसके साथ ही केंद्र में भी जेडीयू का भाजपा के साथ गठबंधन है। हालांकि, इस फैसले से मणिपुर की सरकार की स्थिरता पर कोई असर नहीं पड़ेगा, लेकिन यह एक महत्वपूर्ण राजनीतिक कदम है, खासकर बिहार में होने वाले चुनावों को देखते हुए। जेडीयू के इस कदम को भाजपा और जेडीयू के रिश्तों में बढ़ते तनाव के रूप में देखा जा रहा है। जेडीयू केंद्र और बिहार में भाजपा की प्रमुख सहयोगी पार्टी है, और इस फैसले को राजनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण माना जा रहा है। आपको बता दें कि साल 2022 में मणिपुर विधानसभा चुनाव में जेडीयू ने छह सीटें जीती थीं। लेकिन इसके कुछ महीनों बाद, पार्टी के पांच विधायक भाजपा में शामिल हो गए थे, जिससे भाजपा को और अधिक शक्ति मिली। वर्तमान में मणिपुर विधानसभा में भाजपा के 37 विधायक हैं, जबकि जेडीयू का केवल एक विधायक हैं। वहीं भाजपा को नागा पीपुल्स फ्रंट और तीन निर्दलीय विधायकों का समर्थन भी प्राप्त है, जिससे पार्टी को बहुमत मिला हुआ है। इस समर्थन के साथ, भाजपा सरकार के पास पर्याप्त बहुमत है, और इसका कोई खतरा नहीं है।
